कोसी का पश्चिमी तटबंध टूटने से फैले पानी ने कमला नदी के पूर्वी तटबंध पर भी बढ़ाया खतरा।
दरभंगा: दरभंगा जिले में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है। प्रभावित क्षेत्रों के लोगों में अफरातफरी का माहौल बना हुआ है। बाढ़ से प्रभावित लोग ऊंचे स्थानों पर जाने की तैयारी कर रहे हैं।
जिले में कोसी व कमला रौद्र रूप में आ गई है। किरतपुर प्रखंड के भुभोल गांव के समीप कोसी नदी का पश्चिमी तटबंध करीब 10 मीटर की दूरी में रविवार की देर रात टूटने के बाद सोमवार की सुबह 10 बजे तक उसका दायरा बढ़कर चार सौ मीटर हो गया है।
इससे किरतपुर, कुशेश्वरस्थान पूर्वी, घनश्यामपुर प्रखंड की करीब चार लाख आबादी बाढ़ की चपेट में आ गई है। इसके साथ कमला नदी के पूर्वी तटबंध पर भी खतरा बढ़ गया है।
जानकारी के अनुसार, कोसी के पूर्वी व पश्चिमी तटबंध के बीच में नौ किलोमीटर का फासला है। इसमें जमा पानी भूभाेल गांव के पास से टूटे तटबंध होकर तेजी से बह रहा है।
यहां करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर कमला का पूर्वी तटबंध है। जाहिर है यह पानी कमला के पूर्वी तटबंध पर खतरे को बढ़ा रहा है। जलप्रलय की स्थिति सोचकर लोगों की रूह कांप जा रही है।
कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड से होकर गुजरने वाली कोसी और कमला बलान में पिछले 12 घंटे में साढ़े तीन फीट से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है।
कमला बलान नदी के पश्चिमी तटबंध से पूरब बसे पूर्वी प्रखंड के चार पंचायतों के सभी गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। गांव के किनारे बसे लोगों के घरों में पानी घुस गया है।
कुशेश्वरस्थान फुलतोड़ा मुख्य मार्ग को छोड़कर सभी ग्रामीण सड़कों पर पानी बह रहा है।
वहीं इन क्षेत्रों में खेतों में लगी धान की फसल बाढ़ के पानी में डूब गई हैं। दोनों नदियों के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से स्थिति भयावह होती जा रही है।
घनश्यामपुर में कमला नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि से तटबंध के बीच में बसे आधा दर्जन गांवों की स्थिति खराब हो गई है। घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है।
सांसद के द्वारा बाढ़ पीड़ितों के बीच चूड़ा, चीनी, बिस्कुट तथा कुरकुरे का कराया गया वितरण।
दरभंगा: किरतपुर प्रखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के छह गांवो मे सांसद डॉ. गोपालजी ठाकुर के स…