विपक्षी दलों का रवैया लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत : सांसद।
दरभंगा: भाजपा सांसद डॉ. गोपालजी ठाकुर ने कहा कि संसद लोकतंत्र का मंदिर है। यहां लोकतांत्रिक मूल्यों व आदर्शो का पालन करना हर सदस्यों का नैतिक कर्तव्य बनता है, लेकिन संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही विपक्षी दलों के सदस्यों ने जिस तरह का रवैया प्रस्तुत किया है, वह कहीं से भी उचित नहीं है। बल्कि संसदीय मर्यादा के विपरीत है।
सांसद लोकसभा में काग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के द्वारा हल्ला-हंगामे करने के बाद अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। सांसद डॉ. ठाकुर ने सदन में शीतकालीन सत्र के पहले दिन के विपक्षी दलों के रवैया पर एतराज जताते हुए कहा कि किसी भी मुद्दे पर रचनात्मक बहस करना स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान है, लेकिन वर्तमान समय में मुद्दाविहीन विपक्ष जिस तरह से संसद की कार्यवाही को बाधित करने का प्रयास किया वह लोकतन्त्र के लिए दुखद है। सांसद डॉ. ठाकुर ने भारतीय संसद को लोकतंत्र की आत्मा बताते हुए कहा कि इतिहास गवाह है कि आजादी के बाद जब-जब विकास के मुद्दों को जोर जबरदस्ती से बाधित करने की कोशिश की गई है, विपक्ष और कमजोर होता गया है।
सांसद डॉ. ठाकुर ने संसद में विपक्ष के रवैया को हताशा और निराशा का परिचायक बताते हुए कहा देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बढ़ रही वैश्विक स्वीकार्यता और लोकप्रियता के कारण विपक्ष मुद्दा विहीन हो गया है। यहीं कारण है कि मीडिया में सस्ती लोकप्रियता के लिए सकारात्मक मुद्दों को भटकाने की कोशिश की जा रही है। सांसद डॉ. ठाकुर ने काग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के नेतृत्व को आगाह करते हुए कहा है कि विकास के मुद्दे पर सरकार का साथ दे और सकारात्मक रवैया अपनाए अन्यथा आने वाले समय में देश की जनता विपक्षी दलों को शून्य पर सीमित कर देगी।
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