धरोहरों को सहेजने केलिए आयोजित संग्रहालय सप्ताह का जिलाधिकारी ने किया उद्घाटन।
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दरभंगा : महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय में गुरुवार को संग्रहालय सप्ताह का उद्घाटन जिलाधिकारी डॉ0 चन्द्रशेखर सिंह ने किया। आयोजित संग्रहालय सप्ताह के अवसर पर संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कहा कि पद्मश्री उषा किरण खान ने कहा कि 1938 ई. में दरभंगा के पंचोभ गांव आकर कमलादेवी चट्टोपाध्याय ने जिस सुजनी और कशीदा के डिजाईनों को जमा किया, वह आज मुम्बई के संग्रहालय में सुरक्षित है। संगोष्ठी के उद्घाटनकर्ता जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि मिथिला के विश्व प्रसिद्ध धरोहरों के संरक्षण में सरकारी अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों एवं धार्मिक विचारकों का सकारात्मक सहयोग बहुत आवश्यक है। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता इतिहासकार प्रो. रत्नेश्वर मिश्र ने कहा कि यूनान में भी मिथिला की तरह ही 10 कन्या पूजन की परंपरा थी और इस प्रकार संस्कृति का संरक्षण एक साश्वत अनिवार्यता है। पुनर्जागरणकाल और नवजागरणकाल का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को बहस की अनुमति दी जानी चाहिए कि संस्कृति और परंपरा किस रूप में अपनावें। वहीं मिथिला की पाषाण मूर्तियों की स्थिति का वर्णन करते हुए डॉ. सुशांत ने कहा कि सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन के पूर्व फोटोग्राफी यह देख लेना आवश्यक है कि यहां पर डीह आदि तो नहीं था। इस मौके पर मधुबनी आर्ट सेंटर नई दिल्ली के मनीष झा, एमएलएसएम कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. विद्यानाथ झा, डॉ. मंजर सुलेमान ने भी विचार व्यक्त किया। अतिथियों का स्वागत संग्रहालय अध्यक्ष डॉ. शिवकुमार मिश्र और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. चंद्रप्रकाश ने किया। इस मौके पर जिलाधिकारी ने धरोहर प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।
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