मिथिला का अपमान करना लालू परिवार के डीएनए में है : संजय झा।
दरभंगा: जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा ने मिथिला को मिथिलांचल कहने के लिए तेजस्वी यादव और लालू परिवार की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि लालू परिवार के डीएनए में ही मिथिला का अपमान है। वे मिथिला को मिथिलांचल कह कर एक छोटे से क्षेत्र में सीमित और विभाजित करने की साजिश रच रहे हैं, जो पूरा नहीं होगा। मिथिला एक वृहत क्षेत्र है, जिसका विस्तार देश की सीमा से पार तक है।
संजय कुमार झा ने कहा कि लालू यादव के कार्यकाल में ही मैथिली भाषा को अपमानित करते हुए इसे बीपीएससी से बाहर कर दिया गया था। नीतीश कुमार ने जब 2005 में बिहार की कमान संभाली, तब उन्होंने बीएपीएससी में दोबारा शामिल करके मैथिली को उचित सम्मान दिया। इतना ही नहीं, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में रेल मंत्री रहते हुए नीतीश कुमार ने कोसी नदी पर महासेतु बनवाकर 1934 के भूकंप में दो हिस्सों में बंट चुके मिथिला का एकीकरण किया। उनकी ही पहल पर उस समय वाजपेयी जी ने मैथिली को संविधान की अष्टम अनुसूची में शामिल करने की घोषणा की। श्री झा ने कहा कि नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में शुरू हुई उड़ान योजना के तहत बिहार में दो नये एयरपोर्ट के विकास पर सहमति बनी और दोनों ही मिथिला को मिले। एक दरभंगा और दूसरा पूर्णिया। बिहार को जब दूसरा एम्स मिला, तब नीतीश कुमार ने ही तय किया कि यह दरभंगा में बनेगा।
मधुबनी के सौराठ में मिथिला चित्रकला संस्थान और ललितकला संग्रहालय की स्थापना हो या फिर मखाना को मिथिला मखाना के रूप में जीआई टैग मिलना, यह सब एनडीए सरकार के कार्यकाल में ही संभव हुआ है। पुनौराधाम के विकास की नींव भी नीतीश कुमार के ही कार्यकाल में रखी गई है।
विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर संयुक्त श्रम भवन में श्रम कल्याण दिवस का किया गया आयोजन।
दरभंगा: विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर लहेरियासराय के रामनगर अवस्थित संयुक्त श्रम भवन में श्रम…