एकबार फिर डीएमसीएच के जूनियर डॉक्टरो और मरीज के परिजनों में हुई मारपीट।
दरभंगा: उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल में एक बार फिर से डॉक्टरों और इलाज कराने आए मरीज के परिजनों में मारपीट हो गई। मारपीट की घटना को लेकर जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल कर दिया, जिससे इमरजेंसी मरीजों का इलाज ठप हो गया। गंभीर मरीजों का इलाज कराने इमरजेंसी विभाग से मरीजों को लेकर परिजनों को मजबूरी में निजी क्लीनिकों में जाना पड़ा। हालंकि, सूचना मिलते ही अस्पताल प्रशासन हड़ताल तोड़वाने के प्रयास में जुट गई।
बताया जाता है कि मोरो थाना क्षेत्र के पटोरी गांव निवासी केशव मिश्रा अपनी जख्मी बहन स्वाति कुमारी को लेकर डीएमसीएच पहुंचे थे। स्वाति का दाहिना हाथ चारा काटनेवाली मशीन की चपेट में आकर कट गया था। खून तेजी से बह रहा था। बहन की गंभीर स्थिति देख केशव मिश्रा परीक्षण कक्ष से डॉक्टर कक्ष में चले गए और सर्जरी के जूनियर डॉक्टर को जल्द उपचार का दबाव देने लगे। इसी बात को लेकर तू-तू, मैं-मैं होने लगी। जो देखते ही देखते हाथापाई और मारपीट में बदल गई। इमरजेंसी में तैनात सुरक्षा गार्डों और बेंता थाने के कैदी वार्ड में मौजूद पुलिसकर्मी दौड़कर पहुंचे और मारपीट को रोका।
बताया जाता है कि इसके बाद परिजन को सुरक्षाकर्मियों के द्वारा कैदी वार्ड के हाजत में बंद कर दिया। इधर, सूचना मिलते ही इमरजेंसी विभाग में जूनियर डाक्टरों की फौज जमा हो गई और तत्काल मरीजों का इलाज बंद करवा दिया गया। परिजनों की हरकत से आक्रोशित जूनियर डाक्टरों का समूह कैदी वार्ड पहुंच गया और हाजत में बंद परिजनों को बाहर निकालकर जमकर पिटाई कर दी।
इमरजेंसी विभाग में उपचार ठप होने की सूचना पर डीएमसीएच के प्रभारी अधीक्षक डॉ यूसी झा ने पहुंचकर जूनियर डाक्टरों को समझाया और करीब चार घंटे बाद मरीजों का इलाज आरंभ करने को कहा पर जूनियर नहीं माने हैं। कई घण्टे तक डीएमसीएच इमरजेंसी में इलाज ठप रहा। जबकि अस्पताल प्रशासन के साथ सदर एसडीपीओ अमित कुमार पीजी छात्रों को समझाने का प्रयास कर रहे थे।
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