बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक के संज्ञान के वाबजूद नवजात की सुपुर्दगी मे पुलिस निष्क्रिय!
दरभंगा: दरभंगा में तेज तर्रार एसएसपी बाबूराम के आने के बाद लगातार सुस्त पुलिस कर्मियों पर शिकंजा कसता जा रहा है। वाबजूद इसके कुछ पुलिस कर्मी शायद सुधरने का नाम नही ले रहे।
ताजा मामला बहादुरपुर थाना क्षेत्र का सामने आया है। बुधवार को थानाक्षेत्र के अहिला निवासी शिवनंदन यादव को गेंहू के खेत मे एक नवजात मिला जिसे वो अपने घर ले आये। इसकी सूचना मिलने पर बुधवार की देर शाम ही चाइल्ड लाइन के कार्यकर्ता उक्त व्यक्ति के पास बच्चे को अपने संरक्षण में लेने पहुँचे। वहां परिवार एवं गांव के सरपंच ने बच्चे को देने से इनकार दिया। मदद केलिए चाइल्ड लाइन के कार्यकर्ता द्वारा बहादुरपुर थाना से मदद की मांग की गई। परंतु आने का नाम बोलकर भी थाना की पुलिस अंततः नही पहुँची तो प्रतिरोध झेलकर किसी तरह जान बचाकर चाइल्ड लाइन के टीम लीडर बीरेंद्र झा एवं सामाजिक कार्यकर्ता अर्पणा कुमारी खाली हाथ लौट गए। गुरुवार को चाइल्ड लाइन की तरफ से थाना को लिखित आवेदन भी दिया गया। परंतु देर शाम तक थाना द्वारा फोर्स भेजने आदि का नाम ही कहा गया।
इस पूरे मामले पर जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक रविशंकर तिवारी ने बताया कि मामला संज्ञान में आते ही त्वरित रूप से अवरोध पैदा करने वाले खराजपुर पंचायत के सरपंच बात की गयी जिसपर उक्त सरपंच ने 12 बजे दिन तक बच्चे को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द करने की बात कही थी। श्री तिवारी ने स्पष्ट कहा कि इस तरह मिले किसी बच्चे को कोई आम व्यक्ति नही रख सकते। इसपर तीन साल तक के सजा का भी प्रावधान है। चाइल्ड लाइन को यदि समस्या हुई तो पुलिस को त्वरित मदद करना चाहिए। परंतु ऐसा नही किया गया।
इस पूरे मामले में पुलिस पर निष्क्रियता आरोप चाइल्ड लाइन के कार्यकर्ताओं ने लगाया और कहा कि यदि पुलिस सहयोग नही करती तो वे आगे विभाग को सूचित करेंगे और निर्देशानुसार कारवाई की जाएगी
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