Home Featured एक और बड़ा जुमला साबित हुआ एक के बदले दस सर लाने का प्रधानमंत्री का वादा: कीर्ति।
February 20, 2019

एक और बड़ा जुमला साबित हुआ एक के बदले दस सर लाने का प्रधानमंत्री का वादा: कीर्ति।

देखिये प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो भी।

दरभंगा: पुलवामा हमले के बाद पूरा देश एकसाथ खड़ा है और विपक्षी दलों ने भी प्रधानमंत्री के साथ खड़े होने की घोषणा की। पर एक के बदले दस सर लाने की बात करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोई ठोस करवाई की बदले चुनाव प्रचार और शिलान्यासों में व्यस्त हैं। एक बदले दस सर वाली बात भी इनकी जुमला ही साबित हुआ।
उपरोक्त बातें बुधवार को अपने आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सांसद कीर्ति झा आज़ाद ने कही। सांसद श्री आजाद ने कहा कि कांग्रेस से उनके परिवार का काफी पुराना नाता है। वे अपने पिता भागवत झा आजाद के साथ पहले भी दिल्ली के 24 अकबर रोड जाया करते थे। मिथिलांचल में फिर से कांग्रेस के पुराने जनाधार को वापस लाने का प्रयास करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते कहा कि पिछले पांच वर्षों में मोदी ने केवल जुमलेबाजी ही की। देश की जनता से किया गया कोई भी वादा पूरा नहीं किया। न तो युवाओं को प्रतिवर्ष दो करोड़ रोजगार मिले, न ही किसी के खाते में 15 लाख रुपये आए। यहां तक की पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों की शहादत पर जब पूरा देश सड़कों पर उतरा तो मोदी शिलान्यास कार्यक्रम में व्यस्त थे। कहां गई मोदी की वे बातें जो वे यूपीए के शासनकाल में कहा करते थे। एक सिर के बदले दस सिर। कहा कि उनका मन भाजपा से उचट गया था। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बीजेपी ने उनकी पीठ में छुरा घोंपा। न खाऊंगा, न खाने दूंगा महज जुमला साबित हुई। लुटेरे देश से फरार हो गए। बीजेपी के मुखौटे के पीछे का घिनौना चेहरा सामने आ गया। मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले पर कीर्ति ने कहा कि कोर्ट ने इस मामले में सीबीआइ को सीएम की जांच का आदेश दिया है। सीएम को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। कहा कि मधुबनी के परिहार सेवा की जांच होनी चाहिए। वहां से गायब 12 लड़कियां ही इस केस की कड़ी है। कई लोगों के नाम उजागर होंगे। आजाद ने कहा कि भाजपा भावनाओं को भड़का कर सत्ता में आती रही है। उसकी कोई अपनी नीति नहीं है। पहली बार सुप्रीम कोर्ट सीबीआइ और आरबीआइ की स्वतंत्रता सवालों के घेरे में है। देश की आजादी के बाद पहली बार चार जजों ने प्रेस कांफ्रेंस कर दखल का आरोप लगाया। रिजर्व बैंक से सरकार 3.5 लाख करोड़ कैपिटल रिजर्व से रुपये मांग रही थी। 61 वर्षों में पहली बार किसी गवर्नर ने यूं इस्तीफा दिया है। कहा कि पाकिस्तान के साथ सभी प्रकार के रिश्ते बंद कर देने चाहिए।
कीर्ति ने चुनाव लड़ने के सवाल का जबाव देते कहा कि महागठबंधन की बैठक में यह निर्णय लिया जाएगा कि कौन कहां से चुनाव लड़ेगा। कहा कि मैंने पार्टी को अपने फैसले से अवगत करा दिया है। पार्टी का जो भी फैसला होगा, वैसा करुंगा।

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