काफी समृद्ध रही है मिथिला की शिल्पकला, हरसंभव मदद और संरक्षण जरूरी: डीएम।
दरभंगा: दरभंगा कला एवं संस्कृति का गढ़ रहा है। यहां का मिथिला, टेराकोटा पेंटिंग काफी प्रचलित है। शिल्पकला संस्कृति से जुड़ा मुद्दा है। शिल्पकारों को सभी संभव सहयोग एवं संरक्षण मिलना चाहिए। क्योंकि उन्हीं के कारण कला जीवित रहती है।
उपरोक्त बातें बिहार सरकार के उद्योग विभाग द्वारा “मिथिलांचल के शिल्प: वर्तमान और भविष्य” विषय पर एक परिसंवाद- सह- कार्यशाला का आयोजन के अवसर बतौर मुख्य अतिथि जिलाधिकारी त्यागराजन एस एम ने कही। उन्होंने कहा कि दरभंगा में 9000 से ज्यादा शिल्पकार चिन्हित हुए हैं, उन्हीं के लिए यह कार्यशाला आयोजित की गई है। शिल्पकारों के लिए बिहार में 15 स्थानों पर कॉमन फैसिलिटेशन सेन्टर का निर्माण किया जाना है, दरभंगा में मौलागंज में इसका निर्माण किया जाएगा। इससे शिल्पकारों को प्रशिक्षण एवं उनके द्वारा निर्मित कलाकृतियों के लिए बाजार उपलब्ध कराया जाएगा। कार्यक्रम में उप निदेशक उपेंद्र महारथी, जिला अग्रणी बैंक के प्रबंधक मुकेश कुमार, परमेश्वर झा, आशा झा, नाबार्ड की जिला प्रबंधक आकांक्षा तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
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