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February 23, 2019

युवाओं को सस्ती शिक्षा तथा सम्मानजनक रोजगार के आह्वान के साथ हुआ इनौस का राज्य सम्मेलन।

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दरभंगा: शनिवार को युवाओं के लिए सस्ती शिक्षा तथा सम्मानजनक रोजगार की गारंटी के आह्वान के साथ रिवोल्यूशनरी यूथ एसोसिएशन का 7वां बिहार राज्य सम्मेलन दरभंगा में शुरू हुआ। सम्मेलन की शुरुआत दरभंगा के विश्वविद्यालय चौरंगी में विशाल सभा के साथ हुई. बहुद्देश्यीय भवन से मोटरसाइकिल जुलूस के साथ भगत सिंह, अम्बेडकर और नागार्जुन तथा कॉमरेड भोगेन्द्र झा की प्रतिमा पर माल्यर्पण के पश्चात सैकड़ों की संख्या में छात्र-नौजवान, युवा की उपस्थिति में सभा का आयोजन किया गया.
सभा को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव तथा भाकपा-माले के पोलित ब्यूरो सदस्य व पूर्व विधायक राजाराम सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में सरकार द्वारा न्यायपालिका, चुनाव आयोग,सी बी आई ,सांख्यकी आयोग जैसे प्रतिष्ठित संस्थाओं का खुलकर विरोधी दलों व न्याय के खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है।भाजपा के मोदी के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत में 2014 में आने के बाद नीतियाँ सत्ता पर अपने एकाधिकार कायम कर कॉरपोरेटों के हित में काम कर फासीवादी हिन्दू राष्ट्र बनाने की रही है इसीलिए एक एक कर जनतांत्रिक परिवर्तन के साथ अस्तित्व में आयी संविधान, कानून, न्यायपालिका, नौकरशाही, नागरिक अधिकार, मीडिया, शिक्षा संस्थानों पर अपना कब्जा जमा भारत के प्रभुत्वशाली पूंजीवादी तबके के सहयोग जन अधिकारों जिसे जनता ने कुर्बानी दे हासिल किया उसे नष्ट करने में लगी है।
अपने संबोधन में भाकपा-माले के पोलित ब्यूरो मेंबर तथा अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा के राष्ट्रीय महासचिव कॉमरेड धीरेंद्र झा ने कहा कि आज इस देश में युवाओं को किसानों की तरह आत्महत्या के लिये मजबूर किया जा है और नोटबन्दी,जी एस टी जैसे निर्णयों ने अर्थव्यवस्था का गला काट दिया है जिसके कारण पहले से संकटग्रस्त कृषि सेक्टर की हालात और भी चिंताजनक हो गयी है। आज सत्ता में बैठकर भाजपा युवाओँ के रोजगार, आमलोगों के भूमि, आवास, भोजन, शिक्षा-स्वास्थ्य, पेंशन का अधिकार छीन देश मे नफरत की राजनीति कर रही है। राष्ट्रीय धरोहरों, संपदाओं और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को बेचा जा रहा है। इतिहास को विकृत कर उन्मादी माहौल बनाया जा रहा है। ज्ञान-विज्ञान पर चौतरफा हमले तेज कर दिए हैं।पूरी दुनिया में देश को शर्मसार करते हुए बलात्कारियों को निर्लज्जता के साथ न केवल बचाया जा रहा है बल्कि तिरंगा लेकर उनके पक्ष में जुलूस निकला जा रहा है।
सभा को संबोधित करते हुए आरवाईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज मंजिल ने कहा कि रिवोल्यूशनरी यूथ एसोसिएशन का सम्मेलन ऐसे समय में हो रही हैं जब पुरा देश पिछले 14 फरवरी को सी आर पी एफ के 40 से अधिक जवानो की मौत जम्मु श्रीनगर हाईवे पर एक आत्मघाती हमले मे होने से मर्माहत है । इस हमले बिहार ने भी अपना दो सपूत खोया और दुःख की इस घङी मे इनौस पुलवामा मे मारे गये जवानो के परिजनो और देश के साथ खङा है ।आतंकवाद का खात्मा का दंभ भरने वाले मोदी पिछले 17 फरवरी को बिहार दौरे पर आये पर पुलवामा के दोनो शहीदों के परिजनो तक से नही मिले ।नोटबंदी से आतंकवाद का खात्मा का दंभ भरने वाले मोदी के शासन काल मे पठानकोट और उरी मे भी आतंकवादी हमले मे भी हमारी मातृभूमि के सपूत मारे गये और ये कुछ नही कर पाये। पुलवामा मे हुए इस हमले की पूर्व सूचना खुफिया ऐजेंसी ने सरकार को दी थी । अतः मोदी से पुछा जाना चाहिए की उन्होने देश के जवानो की सुरक्षा के साथ खिलवाङ क्यो किया ? जब पुरा देश मारे गये जवानो के परिजनो के साथ खङा है तो मोदी , भाजपा और संघ गिरोह लोगो की आहत भावनाओ को राष्ट्र वाद के नाम पर भड़काकर युद्दोंमाद फैला रहा है और कश्मीर के युवाओ सहित मुस्लिम नागरिको पर हमला किया जा रहा है ताकि युवाओ ,छात्रो ,मजदूरो,सबसे अधिक भयानक बरोजगारी दर, दो करोङ रोजगार का वादा ,काला धन , राफेल घोटाला ,अच्छे दिन, विकास ,नोटबंदी और जी एस टी से हुई त्रासदी जैसे मुद्दों से देश का ध्यान कश्मीर और राष्ट्रवाद के नाम पर भटकाया जा सके ।क्या रती भर भी इमानदारी के साथ भारत कश्मीर कि समस्या मे अपना हाथ होने से इंकार कर सकती है ? पिछले 5 साल की मोदी सरकार की नीतियों के कारण इस देश की मेहनत कश जनता , किसानो , युवाओ , दलितो , महिलाओ , ओर अल्पसंख्यको पर चौतरफा हमला हुआ है ।भयानक बेरोजगारी दर ,सार्वजनिक सेवाओ , शिक्षा , स्वाथ्य सेवाओ का निजीकरण, पूंजीपतियों के लिए राहत पैकेज और शिक्षा -रोजगार मे घटते निवेश ने युवाओ के बीच असुरक्षा और वंचना का माहौल बनाया है ।इस घटना की आङ मे पिछले समय मे मोदी सरकार के खिलाफ अपना हक माँग रहे मजदूरो, किसानो और युवाओ ने जो एक व्यापक एकता निर्मित कर चौतरफा आंदोलन छेङ रखा था उस एकता को तोङने के लिए अंध-राष्ट्रवाद और कश्मीर के नाम पर हिन्दुस्तानियो के दिलों मे नफरत बांट रहे है । देश मे चल रहे मज़दूर-कर्मचारी और किसान आंदोलन ने बड़ी एकता निर्मित करते हुए मोदी सरकार की कॉरपोरेट परस्त , श्रम विरोधी, निजीकरण, ठेकाकरण नीतियों के खिलाफ पूरे देश में 8-9 जनवरी को दो दिनों की ऐतिहासिक हड़ताल की , सड़कों पर उतर कर प्रतिरोध किया और संसद तक मार्च किया।
अपने संबोधन में आरवाईए के राष्ट्रीय महासचिव कॉमरेड नीरज ने कहा कि 2अप्रैल 18 को sc st कानून में कोर्ट द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारी पर रोक लगाने के खिलाफ मोदी सरकार के खिलाफ दलित संगठनों का अभूतपूर्व भारत बंद रहा और हर जगह लोग सड़कों पर उतरे।
पर इसके पहले से ही 2014 में सत्ता में मोदी के आने समय से ही देश के विश्वविद्यालयों के स्टूडेंट और युवा कैम्पस और उसके बाहर संघर्ष कर रहे हैं।पंजाब विश्वविद्यालय में फीस व्रद्धि के खिलाफ आंदोलन रत छात्रों पर भी देशद्रोह का मुकदमा भाजपा सरकार ने किया। रोहित वेमुला की मौत के खिलाफ जो युवाओं का आंदोलन शरू हुआ अब वह जब पूरे देश में रोजगार, पढ़ाई , educaton का निजीकरण जैसे सवालों के खिलाफ पूरे देश मे फैल रहा है। ऐसे दौर में इनौस (बिहार) ने पिछले 7 फरवरी को दिल्ली में लाल किले से संसद तक हुए यंग इंडिया अधिकार मार्च में हजारों युवाओं को सड़कों पर उतारने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाया ।
ऐपवा की बिहार राज्य सचिव तथा बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ की अध्यक्ष शशि यादव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार संप्रदायक़ीक़रण, राजकीय आतंक, अंध-राष्ट्रवाद, सैन्यीकरण, नोटबन्दी, क्रोनी-पूंजीवाद,भ्रष्टाचार, युद्ध-उन्माद, भगवाकरण, अघोषित आपातकाल, सेंसरशिप, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला, नौकरी और रोजगार के सवाल पर आंदोलनरत युवाओं पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा, मानवाधिकारों पर हमला,हिन्दू राष्ट्र बनाने की बातें , हर तरह का दमन, भाजपा के संरक्षण वाली कॉरपोरेट-आपराधिक पूंजी से संचालित हेट मोंगरिंग -युधोन्मादी मीडिया के जरिये अल्पसंख्यको के प्रति दुष्प्रचार, नागरिक रजिस्टर बनाना, सैनिकों का अपनी ही जनता के खिलाफ इस्तेमाल करना जैसी जन विरोधी नीतियों ने देश मे फासीवादी माहौल बना दिया है। फासिस्ट संघ गिरोह और भाजपा का मनुवादी -संप्रदायिक -स्त्री विरोधी-अल्पसंख्यक विरोधी चेहरा रोहित वेमुला की मौत, ऊना, मुजफ्फरनगर, कथुवा, उन्नाव, नजीब का गायब होना , जवानों की जम्मू में दुखद मौत के बाद पूरे देश मे कश्मीरियों और कश्मीरी युवाओं-छात्रों पर हो रहे हमले से पूरी तरह स्पष्ट हो गया है। आज हर तरह के दमन, उत्पीड़न, mob-lynching, अल्पसंख्यकों और दलितों पर हो रहे लगातार हमले, बेटियों के साथ बलात्कर,शोषण, भूख, कुपोषण, बेरोजगारी, विस्थापन, अन्याय और बहुत तेजी से बढ़ती आर्थिक असमानता से “संसार के विशालतम जनतंत्र” का पूरा जिस्म दागदार हो गया है।
सभा का संचालन इनौस जिला अध्यक्ष केशरी कुमार यादव ने किया। सभा को रिटायर्ड कर्नल लक्ष्मेश्वर मिश्रा, चर्चित किसान नेता जितेंद्र यादव, इंसाफ मंच के नेयाज अहमद, आफताब आलम, सूरज कुमार सिंह, रंजीत राम, असलम रहमानी, डॉक्टर सूरज पासवान, जन संस्कृति मंच के मनोज कुमार झा, प्रो कल्याण भारती, राम बाबू आर्य, आइसा राज्य सह सचिव संदीप कुमार चौधरी, जसम के प्रो सुरेंद्र सुमन विश्वविद्यालय प्रतिनिधि मयंक कुमार सहित सैकड़ो छात्र-नौजवान शामिल थे।

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