शिलान्यास के शिलापट्ट पर राजद विधायकों का नाम नही होने पर जमकर हुआ हंगामा।
देखिये हंगामे का वीडियो भी।
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दरभंगा: लगता है शिलान्यासों को लेकर विवाद और नगर विधायक का नाम परस्पर अनोन्याश्रय बनता जा रहा है। पूर्व में भी बहादुरपुर विधानसभा क्षेत्र में भी पड़ने वाली योजना के शिलान्यास का श्रेय अकेले लेने को लेकर विवाद झेल चुके नगर विधायक ने सबक नही लिया और बुधवार को एकबार फिर पार्टी के मंत्री के सामने खुद और मंत्री की फजीहत करवा ली। शहर के दोनार चौक पर बुधवार को योजनाओं का शिलान्यास करने पहुंचे नगर आवास एवं विकास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा की मौजूदगी में हंगामा हुआ। नौबत मंच पर चढ़ कर नगर विधायक के साथ हाथापाई तक की हो गयी थी परंतु पुलिस ने मामला संभाल लिया। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो यदि पुलिस सूझबूझ और तत्परता नही दिखाती तो मंत्री के सामने नगर विधायक के साथ उत्तेजित लोगों द्वारा हाथापाई की भी नौबत आ गयी थी।
शिलान्यास कार्यक्रम में दोनार-टिनही पुल नाला निर्माण योजना के शिलापट्ट पर राजद विधायकों का नाम नहीं होने से नाराज दर्जनों कार्यकर्ता कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गए। हंगामा करने लगे। इससे भाजपा कार्यकर्ता भी आक्रोशित हो गए। दोनों ओर से धक्का-मुक्की होने लगी। यह क्रम करीब 15 मिनट तक चला। राजद कार्यकर्ताओं का कहना था कि योजना का कार्यक्षेत्र बहादुरपुर विधायक भोला यादव एवं दरभंगा ग्रामीण विधायक ललित यादव के विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है। इसलिए दोनों का नाम शिलापट्ट पर होना चाहिए। कई कार्यकर्ता विरोध जताते हुए मंच तक पहुंच गए। राजद कार्यकर्ताओं के मंच पर आने से भाजपा कार्यकर्ता भी आक्रोशित हो गए। हालांकि पुलिस की मुस्तैदी की वजह से विवाद आगे नहीं बढ़ा। पुलिसकर्मियों ने समझाते हुए राजद कार्यकर्ताओं को वहां से हटा दिया। मंत्री सुरेश शर्मा ने भी बोर्ड पर नाम नही रहने को गैर उचित बताया और राजद कार्यकर्ताओं की मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया।
इधर वॉयस ऑफ दरभंगा को फोन पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए राजद विधायक भोला यादव ने बताया कि हंगामा नगर विधायक की करतूतों के कारण हुआ है। महागठबंधन की सरकार के दौरान इस नाले के निर्माण का प्रस्ताव पास हुआ था। पर यह केवल आठ करोड़ का था जिसे उन्होंने 24 करोड़ का करवाया ताकि समुचित जल निकासी की व्यवस्था हो। परंतु इस योजना को लटकाने केलिए संजय सरावगी ने विकास विरोधी होने का परिचय देते हुए मामले को कोर्ट में लेकर चले गए। परन्तु उनके प्रयास से पुनः टेंडर हुआ और कार्य शुरू हुआ। कार्य करने वाली कम्पनी वुडको ने शिलापट्ट पर उनका और ललित यादव नाम डलवाया था जिसे नगर विधायक द्वारा बदलवाया गया और खुद का बनवाया शिलापट्ट अपने चहेते का नाम दिलवाकर लगाया गया।
श्री यादव ने कहा कि योजना का पैसा भाजपा का नही, सरकार है और जिस क्षेत्र में नाला निर्माण हो रहा है, उस क्षेत्र के प्रतिनिधि होने के नाते उनका नाम होना चाहिए था। परंतु घटिया राजनिति के कारण ओछी मानसिकता का परिचय नगर विधायक संजय सरावगी के द्वारा दिया गया। इसी से वहां की जनता भड़क गई और विरोध किया गया।
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