मतदान हमारी नैतिक जिम्मेदारी–डॉ मुश्ताक
दरभंगा कार्यालय:- मतदान करना हमारे स्वाभिमान का प्रतीक है,जो हमारा संवैधानिक अधिकार भी है।प्रजातंत्र दुनिया की सबसे लोकप्रिय शासन- प्रणाली है,जिसमें देश के शासन का संचालन जनता की इच्छा पर निर्भर करती है। मतदान हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।उक्त बातें सी एम कॉलेज,दरभंगा के महिला कोषांग द्वारा बुधवार को सेमिनार हॉल में आयोजित ‘मजबूत भारत के लिए मतदान’ विषय पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डॉ मुश्ताक अहमद ने कहा।उन्होंने आगे कहा कि प्राचीन वैशाली का लिच्छवी गणतंत्र के रूप में भारत में ही दुनिया को प्रजातांत्रिक शासन-पद्धति की सीख दी है।उन्होंने कम मतदान पर चिंता व्यक्त करते हुए छात्राओं को आह्वान किया कि वे अपने घर-परिवार, आस-पड़ोस तथा समाज के लोगों को मतदान के महत्त्व को बतायें एवं मतदान के लिए उन्हें प्रेरित करें।
मुख्य अतिथि के रूप में दरभंगा स्वीप कोषांग के नोडल पदाधिकारी संध्या सुरभि ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि जैसे भविष्य निर्माण हेतु शिक्षा जरूरी है, वैसे ही सशक्त लोकतंत्र हेतु मतदान आवश्यक है।उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस बार के चुनाव में वीवी पैट के इस्तेमाल से हमारी मतदान-प्रणाली और अधिक पारदर्शी हो गई है। इस चुनाव में सभी वोटरों का खासकर दिव्यांगों,वृद्धों एवं महिलाओं की सुविधाओं का खास ख्याल रखा जाएगा।
मुख्य वक्ता के रूप में दरभंगा मतदाताओं के आइकॉन मणिकांत झा ने कहा कि चुनाव लोकतंत्र का महापर्व है। इस मामले में आज सिर्फ साक्षर ही नहीं वरन् शिक्षित एवं जागरुक होना अति आवश्यक है। हम सब दृढ़ संकल्पित हो कि हम मतदान जरूर करेंगे तथा अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने अपने मैथिली काव्य-पाठ के द्वारा भी छात्राओं को मतदान के प्रति जागरूक किया। विशिष्ट वक्ता के रूप में संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ आर एन चौरसिया ने कहा कि नैतिक मतदान लोकतंत्र की आत्मा है। प्रजातंत्र में सभी व्यक्तियों का समान महत्त्व होता है।चुनाव प्रजातांत्रिक शासन-प्रणाली की एक प्रमुख विशेषता है,जिसे जनता को राजनीतिक शिक्षा देने का विश्वविद्यालय भी कहा जाता है।भारत विश्व का सबसे बड़ा प्रजातांत्रिक देश है,जिसे प्रजातंत्र की प्रयोगशाला भी कहा जाता है।
महाविद्यालय आई क्यू ए सी के कोऑर्डिनेटर डॉ जिया हैदर ने कहा कि चुनाव का दिन हमारे लिए उत्सव के समान होना चाहिए।हमें अपने सारे कार्यों को छोड़कर पहले मतदान करना चाहिए, क्योंकि यह हमारा महत्त्वपूर्ण अधिकार है। हमारे वोटों से चुने हुए प्रतिनिधि ही राष्ट्र एवं समाज के लिए नीतियों का निर्धारण करते हैं।हमें किसी भी परिस्थिति में जज्बातों में या किसी के बहकावे में आकर अपने मतदान का गलत प्रयोग नहीं करना चाहिए।
इस अवसर पर डॉ एकता श्रीवास्तव,प्रो रागनी रंजन, डॉ,अभिलाषा झा,डॉ तानिया कुमारी आदि सहित सौ से अधिक छात्राऐं उपस्थित थी। छात्राओं तथा वक्ताओं के बीच रोचक प्रश्नोत्तरी सत्र भी हुए। छात्राओं के बीच जागरूकता से संबंधित पर्चे एवं पोस्टरों का वितरण किया गया।कार्यक्रम की समाप्ति के पूर्व प्रो मंजू राय ने कार्यक्रम का सार तत्त्व प्रस्तुत किया।आगत अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ द्वारा किया गया।
महिला कोषांग की समन्वयक डॉ इंदिरा झा के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत प्रो शिप्रा सिन्हा ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ प्रीति कनोडिया ने किया।
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