उत्पाद विभाग के परिसर में घँटों उत्पाद मचाता रहा शराबी, मूकदर्शक बने रहे कर्मी और अधिकारी।
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दरभंगा: बिहार में शराबबंदी कितनी सफल है, इसका पोल आए दिन खुलता नजर आता है। शराबबंदी को सफल बनाने की जिम्मेवारी वाले उत्पाद विभाग की कारस्तानियां किसी से छिपी नहीं है।
इसी प्रकार का एक ताजा मामला रविवार को दरभंगा में उत्पाद विभाग के परिसर में देखने को मिला। शराब के नशे में चूर एक शराबी घँटों परिसर में हाई वोल्टेज ड्रामा करता रहा और उत्पाद विभाग के तमाम कर्मी और पदाधिकारी मूकदर्शक बने रहे।
ऐसा लग रहा था मानो उत्पाद विभाग की टीम द्वारा उसे लोगो के मनोरंजन हेतु परिसर में खुला छोड़ दिया गया हो। वह शराब के नशे अर्धनग्न अवस्था मे पड़ा था। लगातार अपशब्दों का उपयोग करता रहा। आने जाने वाले लोग जैसे उसकी इस हालत का मजा ले रहे हों।
परिसर में उसके विषय मे कोई कुछ बताने को भी तैयार नहीं था। उस व्यक्ति से जब जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो उसने खुद का नाम रामबाबू चौपाल बताया। उसने खुद को विश्वविद्यालय थानाक्षेत्र के अलीनगर सुंदरपुर वार्ड नं0 -1 का निवासी बताया। उसी ने बताया कि उत्पाद विभाग की टीम उसे पकड़ कर लायी है।
ऐसे में एक बड़ा सवाल यह कि उत्पाद विभाग कानून विरुद्ध किसी कैदी के साथ ऐसा व्यवहार कैसे कर सकता है। क्या उस व्यक्ति को सही पुलिस अभिरक्षा में सही संरक्षण और चिकित्सा का अधिकार नहीं है! क्या इस प्रकार उसे प्रदर्शनी की वस्तु बनाकर रखना मानवाधिकार का उलंघन नही है! सवाल बहुत है, पर ऐसे कृत्य केलिए जिम्मेवार अधिकारी पर कारवाई होगी, ऐसी संभावना कम ही दिखती है।
अधिकार के साथ नैतिकता से कर्तव्य पालन जरूरी : कुलपति।
दरभंगा: कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के आईक्यूएसी , एनएसएस एवं शिक्षा शास्त्…