एम्बुलेंस संचालक की कथित पिटाई से भड़का आक्रोश, बेंता थानाध्यक्ष की तत्परता से शांत हुआ मामला।
दरभंगा: डीएमसीएच के इमरजेंसी चौराहे पर जाम हटाने के दौरान कथित रूप से एक निजी एंबुलेंस संचालक की पिटाई से सोमवार को पुलिस के खिलाफ लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। दर्जनों की संख्या में एंबुलेंस संचालक के परिजन व अगल बगल के लोगों ने इमरजेंसी विभाग परिसर पहुंच कर दो पुलिस कर्मियों को घेर लिया। वे उनपर बेवजह एंबुलेंस संचालक की पिटाई करने का आरोप लगा रहे थे। इस दौरान विरोध जता रहे लोग और पुलिस कर्मियों के बीच जमकर नोंक झोंक हुई। दर्जनों लोग इमरजेंसी विभाग में भी घुस गए। इस वजह से वहां काफी देर तक अफरा तफरी मची रही। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बेंता थानाध्यक्ष हरेंद्र कुमार दल बल के साथ इमरजेंसी विभाग परिसर पहुंचे। काफी मशक्कत के बाद मामले को शांत कराया जा सका।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इमरजेंसी चौराहे पर आड़े- तिरछे टेंपू खड़े करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने पुलिस वहां पहुंची थी। एंबुलेंस संचालक सदरे आलम का आरोप है कि वे सड़क किनारे खड़े एक टेंपू में बैठे हुए थे। इसी बीच पुलिस कर्मियों में शामिल एक हवलदार उन्हें टेंपू से बाहर खींचकर उनपर डंडे बरसाने लगे। इसके बाद उन्होंने उनका हाथ मरोड़ दिया। हाथ की हड्डी पूर्व में टूट चुकी थी। उसी हाथ को मरोड़े जाने से उनकी परेशानी बढ़ गई।
घटना के बाद एंबुलेंस संचालन इलाज कराने इमरजेंसी विभाग पहुंचे। उनके पीछे-पीछे भीड़ भी अंदर दाखिल हो गई। भीड़ के अंदर दाखिल होने पर मरीज और उनके परिजनों के बीच अफरा तफरी मच गई। पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में एंबुलेंस संचालक का एक्सरे कराया गया। थानाध्यक्ष की तत्परता से मामला शांत हुआ।
सदर एसडीपीओ अमित कुमार ने बताया कि डीएमसीएच के इमरजेंसी चौराहा पर सड़क पर टेंपू खड़े करने से यातायात बाधित हो जाता है। पुलिस कर्मियों की ओर से टेंपू हटवाया जा रहा था। लेकिन टेंपू में बैठे व्यक्ति उसे हटाने के बजाय बहस करने लगे। इसी दौरान टेंपो मैं बैठे व्यक्ति व पुलिस कर्मी के बीच नोंक-झोंक हुई।
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