Home मुख्य कोर्ट में समपर्ण केलिए पहुँचे कैदी को गिरफ्तार करना महंगा पड़ा अनुसंधानक को। Voice of Darbhanga
October 30, 2018

कोर्ट में समपर्ण केलिए पहुँचे कैदी को गिरफ्तार करना महंगा पड़ा अनुसंधानक को। Voice of Darbhanga

दरभंगा: व्यवहार न्यायालय परिसर में आत्मसमर्पण करने पहुंचे वारंटी को गिरफ्तार करने में फजीहत झेलनी पड़ी। कानूनी दायरे से बाहर कार्य कर रहे पुलिस का अधिवक्ताओं ने जमकर विरोध कर वारंटी को उसकी गिरफ्त से मुक्त कराकर कोर्ट में हाजिर किया।
न्यायालय परिसर से बाहर अधिवक्ताओं एवं उपस्थित लोगों के आक्रोश के आगे पुलिस को जान बचाकर वारंटी भाजपा नेता व पूर्व सरपंच संतोष चौपाल को छोड़कर भागना पड़ा। हंगामा देख दर्जन से अधिक बिरौल पुलिस के पहुंचने पर केस के अनुसंधानक को राहत मिली। आक्रोशित अधिवक्ताओं के आक्रोश के आगे बिरौल पुलिस मूकदर्शक बनी रही। मामला कुशेश्वरस्थान थाने के कांड संख्या- 134/18 का है। जानकारी के मुताबिक कुशेश्वरस्थान थाने के समैला गांव में आपसी विवाद में स्व. रामवतार के पुत्र बिजली चौपाल ने मकान की सामग्री उठाने का विरोध करने पर मारपीट करने का आरोप लगाया था। इसमें संतोष चौपाल, ललित चौपाल, बाला चौपाल सहित चार को आरोपित बनाया था।
नामजद अभियुक्त में संतोष चौपाल सहित सभी पर गंभीर मारपीट कर कई आरोप लगाया गया था। इस मामले में संतोष चौपाल सोमवार को न्यायालय में आत्मसमर्पण कर जमानत के लिए अर्जी दाखिल किया था। इसी बीच कुशेश्वरस्थान थाने के केस के अनुसंधानक चंद्रशेखर आजाद को अभियुक्त के न्यायालय में उपस्थित होने की भनक लग गयी। गिरफ्तारी के लिए पीछा कर रहे पुलिस को देखते ही वारंटी वकालत खाना में पहुंचकर अधिवक्ताओं से केस की पैरवी करवाने में लग गए। वकालतखाना में देखते ही अनुसंधानक ने वारंटी को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार करते देख अधिवक्ता ने आईओ को कोर्ट में समर्पण होने की जानकारी दी। इसके बावजूद आईओ गिरफ्तार करने पर अड़े रहे। आईओ के इस रवैये से वकालत खाना में उपस्थित दर्जनों अधिवक्ता आक्रोशित हो गए। आक्रोशित अधिवक्ता एवं मुवक्किल के तेवर को देखते हुए आईओ को मौके से जान बचाकर भागने पर मजबूर होना पड़ा।

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