मिथिला की धरती पर आकर गौरान्वित महसूस कर रहा हूँ: राज्यपाल। Voice of Darbhanga
दरभंगा: ज्ञान और यज्ञ की भूमि है मिथिला की धरती और यहां आकर मैं भी खुद को गौरान्वित महसूस कर रहा हूँ। मिथिला पेटिंग के जरिए यहां के कलाकारों ने पूरे विश्व में परचम लहराया है। लोक जीवन के बहुविध पक्षों को उकेरनी वाली यह कला मिथिला के गोसाई घर, कोहबर और संकीर्ण आंगनों की सीमित परिधि से निकलकर देश ही नहीं पूरे विश्व में कीर्ति पताका लहरा रही है। उक्त बातें कुलाधिपति सह राज्यपाल लालजी टण्डन ने तरंग कार्यक्रम के दौरान कहीं।
उन्होंने कहा कि मिथिला के अमता घराने की चर्चा विदेश में भी है। खुशी की बात है कि नई पीढ़ी भी इस घराने की समृद्ध विरासत को संजोने व संवारने में पूरी तन्मयता से लगी हुई है। उन्होंने कहा कि ‘तरंग के आयोजन से बिहार के कोने-कोने से जुटे युवा अपने-अपने क्षेत्रों की सांस्कृतिक विरासत की बहुरंगी छवि को नई चमक देंगे। पूरा विश्वास है कि अलग-अगल जगहों से आए प्रतिभागी अपनी कलात्मक विशेषताओं को एक-दूसरे से साझा कर विविधता में एकता की हमारी परिकल्पना को साकार करेंगे।
बतौर विशिष्ट अतिथि ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटीज के संयुक्त निदेशक सैमसन डेविड ने कहा कि कई वर्षों के बाद ‘तरंग के दोबारा आयोजन होने से पूरे राज्य में सांस्कृतिक गतिविधियों को पंख लग जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां सफल होकर उभरती प्रतिभाएं एक दिन पूरे विश्व में अपना परचम लहरा सकती हैं।
इससे पूर्व श्री टंडन ने दीप प्रज्जवलित कर तरंग का उद्घाटन किया। विभिन्न विश्वविद्यालयों की टोलियों की ओर से आकर्षक सांस्कृतिक झलकियां प्रस्तुत की गईं। ल. ना. मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेन्द्र कुमार सिंह ने स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान कुलाधिपति ने सोवेनियर का लोकार्पण किया। धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय ने किया।
इस मौके पर नगर विधायक संजय सरावगी, विधान पार्षद डॉ. दिलीप कुमार चौधरी, पूर्व विधान पार्षद डॉ. विनोद कुमार चौधरी, पूर्व कुलपति व भाजपा नेता डॉ. एसपी सिंह आदि मौजूद थे। तरंग में भाग लेने 12 विश्वविद्यालयों की टोलियां यहां पहुंची हैं।
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