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January 8, 2019

केंद्र के श्रम विरोधी नीतियों के विरोध मे ट्रेड यूनियनो के दो दिवसीय हड़ताल से चरमराई व्यवस्था

दरभंगा: केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीति के विरोध में मंगलवार को यूनाइटेड फोरम ऑफ आरआरबी यूनियंस सहित विभिन्न संगठनों ने मांगों के समर्थन में रोषपूर्ण प्रदर्शन कर नारेबाजी की। बंद का असर बैंक, बीमा, स्वास्थ्य, डाक सहित विभिन्न क्षेत्रों पर देखने को मिला। बंद के कारण यातायात व्वयस्था भी बुरी तरह प्रभावित रही। जाम की समस्या से शहरवासी बिलबिलाते रहे। राष्ट्रव्यापी हड़ताल के पहले दिन उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय के सामने ग्रामीण बैंककर्मियों ने अपनी मांगों के समर्थन में मजदूर विरोधी नीति का जमकर विरोध किया। धीरेंद्र झा की अध्यक्षता में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए ग्रामीण बैंक ऑफिसर फेडरेशन के महासचिव प्रदीप कुमार मिश्र ने कहा कि ग्रामीण बैंककर्मियों के साथ भारत सरकार दोहरी नीति अपना रही है। इसके कारण अन्य बैंकों में प्रदत्त सुविधाओं से ग्रामीण बैंक कर्मियों को वंचित रखा जा रहा है। कहा कि हमारी सेवाशर्त दोयम दर्जे की है। इसके कारण अपेक्षित वैकेंसी रहने के बावजूद बैंक में बहाली नहीं की जा रही है। इसके कारण कर्मचारियों पर अत्याधिक काम का बोझ है। प्रोमोशन तक नहीं दिया जा रहा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी पेंशन रिटायरमेंट को अगले माह से न देकर 1 अप्रैल 2018 से लागू किया गया है। बताया कि बंद के कारण जिला में करीब एक हजार करोड़ से अधिक का व्यवसाय प्रभावित हुआ है। वहीं, 5 करोड़ का नुकसान हुआ है। बताया कि सरकार प्रायोजित अधिकांश कार्य ग्रामीण बैंककर्मी कर रहे है। मौके पर सुधीर कुमार, अमित कुमार, धनंजय कुमार, भोला पासवान, मो. आरीफ, मुकेश कुमार, विभाष चंद्र झा, पंकज कुमार, निरुपम कुमारी, सरिता कुमारी, सुजित कुमार, विजय कुमार, शिवशंकर कुमार, रामबाबू महतो, रामनरेश पासवान आदि मौजूद थे।

डाकघरों का कामकाज प्रभावित:
बंद का असर डाकघरों पर भी देखने को मिला। अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ ग्रुप सी यूनियन के आहृवान पर दरभंगा प्रमंडल के सभी डाकघरों में कामकाज प्रभावित रहा। प्रमंडलीय सचिव राजू झा उगना ने बताया कि केंद्र सरकार के श्रम विरोधी नीति के खिलाफ कर्मचारी संघ एकजुट है।

श्रमिकों के श्रम को उद्योगपतियों के हाथों सौंपकर गुलाम बनाने की साजिश:
सीटू एवं उससे संबद्ध संगठनों ने राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल में व्यापक भागीदारी देकर हड़ताल को ऐतिहासिक बना दिया। बिहार-झारखंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव यूनियन, बिहार राज्य आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ, बिहार राज्य आशा-ममता यूनियन, कूरियर यूनियन व सुरक्षा गार्ड यूनियन के हजारों सदस्यों ने पोलो मैदान स्थित धरनास्थल से जुलूस निकालकर समाहरणालय व लहेरियासराय टावर को बंद कर यातायात को ठप कर दिया। इसके कारण लहेरियासराय टावर व आसपास के इलाके में जाम की समस्या से लोगों को दो-चार होना पड़ा। आंदोलन का नेतृत्व अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के जिलामंत्री फूल कुमार झा एवं सीटू के राज्य कमेटी सदस्य सत्यप्रकाश चौधरी कर रहे थे। किसान सभा के संयुक्त सचिव श्याम भारती, वीएसएसआर यूनियन के राज्य कमेटी सदस्य हर्ष नारायण झा, दिलीप भगत, महेश दुबे, आगनबाड़ी संघ की जिलामंत्री शाहीन प्रवीन, विनीता चौबे, शमशाद बेगम, ममता कुमारी, स्वास्थ्य कर्मचारी नेता अशोक कुमार झा, रामसागर पासवान, नीरज कुमार ने संबोधित किया।

दवा व मेडिकल उपकरणों पर हो जीरो प्रतिशत जीएसटी:
फेडरेशन ऑफ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटीव एसोसिएशन ऑफ इंडिया से संबद्ध यूनियन के कर्मी आम हड़ताल के समर्थन में सड़कों पर उतर आए। इस दौरान उन्होंने उग्र आंदोलन किया। लहेरियासराय इकाई के अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार और सचिव एचएन झा के नेतृत्व में कर्मियों ने केंद्र एवं राज्य सरकार की श्रमिक विरोधी नीति की निंदा की। राज्य सचिव सत्यप्रकाश चौधरी ने कहा कि सेल्स प्रमोशन इम्पलाईज के लिए वैधानिक कार्य नियमावली लागू हो तथा श्रम कानूनों में मालिक परस्त बदलाव रद्द हो। आम जन के हित के लिए दवाओं एवं मेडिकल उपकरणों पर जीरो प्रतिशत जीएसटी लागू करने की मांग की गई। सचिव एचएन झा ने कहा कि न्यूनतम वेतन 18 हजार प्रतिमाह एवं सभी कर्मचारियों को न्यूनतम 5 हजार प्रतिमाह पेंशन दिया जाना चाहिए।

आंगनबाड़ी सेविकाओं ने सरकार पर बोला हमला:
हड़ताल में दरभंगा जिला में कार्यरत आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका का जत्था हजारों की संख्या में पोलो मैदान पहुंचा। इस दौरान सेविकाओं ने सरकार की श्रम विरोधी नीतियों को लेकर केंद्र व राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। कहा कि सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के कारण अभी तक आंगनबाड़ी सेविकाओं से वार्ता तक नहीं की गई है। इसके कारण सरकारी योजना एंव जनउपयोगी कार्य बाधित है। आंदोलन का नेतृत्व संघ की अध्यक्ष श्वेता सुमन एवं जिला सचिव शाहीन परवीन संयुक्त रुप से कर रही थी। मौके पर किसान नेता राजीव कुमार चौधरी, एटक के नारायणजी झा, मदन मंडल, अविनाश कुमार ठाकुर, सुधीर राय, अनीता कुमारी, रानी कुमारी, गुलशन आरा आदि मौजूद थी। अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ गोप के तत्वावधान में कर्पूरी चौक पर विभिन्न ट्रेड यूनियन व सेवाकर्मी के उग्र आंदोलन का समर्थन किया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व योगेंद्र राम, नंदन कुमार सिंह, बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष रामचंद्र पासवान आदि कर रहे थे। इधर, आयकर कर्मचारी महासंघ बिहार और झारखंड ने भी अपनी मांगों के समर्थन करते सरकार की श्रम विरोधी नीति की ¨नदा की। मौके पर संजीत कुमार मंडल, राजेंद्र प्रसाद, मिथिलेश झा, नवीन कुमार, प्रमोद पासवान, प्रदीप कुमार दत्त, शांत कुमार, धीरज कुमार, अजीत कुमार झा, आनंद किशोर, उमेश चौधरी आदि मौजूद थे। वहीं, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ गोप गुट से संबद्ध शिक्षक-कर्मचारी व आउटसोर्सिंग संविदा कर्मी ने विशाल जुलूस निकाला। कभी कर्मी हाथों में मांगों से संबंधित तख्ती लिए आक्रोशपूर्ण नारे लगा रहे थे।

 

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