Home Featured आयोजनो में विवाद बना मिथिला विश्वविद्यालय की नियति, महिला दिवस भी नही रहा अछूता।
March 8, 2019

आयोजनो में विवाद बना मिथिला विश्वविद्यालय की नियति, महिला दिवस भी नही रहा अछूता।

देखिये वीडियो भी।

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दरभंगा: लगता है बिना विवाद किसी कार्यक्रम का समाप्त न होना ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की नियति बन गयी है और विश्वविद्यालय प्रशासन राजनीतिक कठपुतली मात्र बन कर रह गया है शायद।
शुक्रवार को एकबार पुनः यही कहानी दुहरायी गयी और विश्वविद्यालय प्रशासन ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर भी अपनी छवि धुमिल करवाई। शुक्रवार को ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय छात्र संघ के द्वारा नरगौना स्थित जुबली हॉल में “राष्ट्र के निर्माण में महिलाओं का योगदान” पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया था जिसमें विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति, छात्र संकायाध्यक्ष, हिन्दी विभागाध्यक्ष तथा मुख्य अतिथि के रूप में मिथिला लोक कला(मिथिला पेंटिंग) को उंचाई प्रदान कर भारत सरकार द्वारा पद्ममश्री सम्मान प्राप्त श्रीमती गोदावरी देवी सम्मलित हुई थी। सब कुछ ठीक ही चल रहा था और कार्यक्रम करीब-करीब समापन की ओर था तब विभिन्न छात्र संगठनों के परिषद सदस्यों ने नारी शक्ति में पर संबोधन देने की इच्छा व्यक्त की जिसे कार्यक्रम का संचालन कर रहे छात्र संघ के महासचिव उत्सव पराशर ने यह कहकर मना कर दिया कि केवल महिला ही भाषण दे सकती है। इसका विरोध होने के बाद सामाजिक विज्ञान संकाय के परिषद सदस्य मयंक कुमार को संबोधन के लिए मंच पर बुलाया गया। मयंक कुमार ने देश राज्य तथा विश्वविद्यालय के महिलाओं के ऊपर विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखे। विद्यार्थी परिषद के लोगों को मयंक द्वारा अपने संबोधन में रखे गए कुछ विचार पसंद नहीं आए और मंच पर से उतरने के बाद वहां हॉल का वातावरण तनावपूर्ण हो गया जिसके बाद पूरे दिन विश्वविद्यालय में अफरा-तफरी का माहौल मच गया। एक तरफ विद्यार्थी परिषद के छात्र और दूसरी तरफ और सभी छात्र संगठन के छात्र आपस में ही उलझने लगे पूरा विश्वविद्यालय परिसर में जैसे रणभूमि बन गया एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर चलता रहा विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने छात्र संघ कि अध्यक्ष मधुबाला कुमारी के नेतृत्व में जहां विश्वविद्यालय में आकर खूब हंगामा किया और धरने पर बैठ आरोपी छात्रों पर मारपीट का आरोप लगाकर एफ आई आर की मांग करने लगे। वहीं उनके विरोध में संयुक्त छात्र संगठन ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके विद्यार्थी परिषद के सदस्यों को कटघरे में खड़ा किया ताजा जानकारी मिलने तक विद्यार्थी परिषद के दबाव में विश्वविद्यालय के कुलानुशासक शासक ने संयुक्त छात्र संगठन के प्रियांशु झा, विशाल चौधरी, कुमार मंगलम, राहुल राज, सागर सिंह, साईं निरुपम, मयंक कुमार सहित सात नामजद और 50 अज्ञात लोगों के विरोध में विश्वविद्यालय थाना में शिकायत दर्ज करवाई है।
देखना है कि आगे दोनों ही छात्र संगठन और विश्वविद्यालय इसमें क्या कारवाई करती है‌। पर महिला दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में हुए विवाद से निश्चित ही विश्वविद्यालय की छवि एकबार पुनः धूमिल हुई है।

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