Home Featured जेल से निकलते ही एमएसयू कार्यकर्ताओं ने भरी हुँकार, मिथिला के विकास केलिए सर कटाने को भी तैयार।
March 12, 2019

जेल से निकलते ही एमएसयू कार्यकर्ताओं ने भरी हुँकार, मिथिला के विकास केलिए सर कटाने को भी तैयार।

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दरभंगा: मंगलवार देर शाम आखिरकार मिथिला स्टूडेंट यूनियन के गिरफ्तार सातों कार्यकर्ताओं को रिहाई मिल गयी। उनके स्वागत में शाम होते ही जेल गेट के पास एमएसयू कार्यकर्ताओं का पहुंचना शुरू हो चुका था। फूल माला रंग अबीर के साथ साथियों के निकलने के इंतजार में दर्जनों एमएसयू कार्यकर्ता एवं समर्थक पहुंच चुके थे। रह रह कर क्रांति गीत एवं हौसलावर्धन केलिए कविताएं आदि का दौर चल रहा है। अंततः देर शाम करीब साढ़े सात बजे अविनाश भारद्वाज, सागर नवदिया, अनूप मैथिल, मयंक विश्वास, अविनाश कुमार, विक्की झा आदि सहित सातों सेनानी जेल गेट से बाहर निकले। बाहर आते ही सभी का मिठाई खिलाकर फूल माला पहनाकर गुलाल अबीर लगाया गया। जमकर नारे बाजी का दौर शुरू हुआ। मीडिया से बात करते समय अविनाश भारद्वाज ने कहा कि मिथिला के विकास का आंदोलन लाठी गोली कि सरकार नही रोक सकती। चाहे जितनी बार लाठी खाना पड़े या जेल जाना पड़े, वे तैयार हैं। पर मिथिला के विकास के मुद्दे पर उनकी लड़ाई जारी रहेगी। वहीं सागर नवदिया ने पूरे जोश में लवरेज होकर कहा कि मिथिला के विकास केलिए आवाज उठाने पर लाठी और जेल जाना मिथिला के आंदोलन को और मजबूत ही किया है। उनका हौसला बढ़ा है क्योंकि इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार डर गयी है आंदोलन से। हमे जेल क्या, सर भी कटाना पड़े तो मिथिला के विकास केलिए उसके लिए भी तैयार हैं।
ज्ञात हो कि मिथिला विकास बोर्ड की मांग को लेकर 17 फरवरी से पदयात्रा शुरू कर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मिथिला स्टूडेंट यूनियन ने 25 को एनएच जाम किया था। इसी दौरान लाठीचार्ज किया गया था जिसमे बेनीपुर एसडीपीओ ने कवर करने वाले पत्रकारों को भी निशाना बनाया था और उनपर भी लाठियां चलाई थी। हालांकि पत्रकार से माफी आदि मांगने और जांच आदि की बात पदाधिकारियों द्वारा मौखिक रूप से कह देने के बाद पत्रकारो का मामला रफ़ा-दफा हो गया था। परंतु एमएसयू के सात कार्यकर्ताओं को घायल अवस्था मे इलाज के दौरान ही डीएमसीएच से डेढ़ बजे रात में जज के सामने पेशी कराकर जेल भेज दिया गया था। इसके बाद आंदोलन और भड़क गया था तथा एमएसयू कार्यकर्ताओं ने धरना तथा अनशन शुरू कर दिया था। कई संगठन एमएसयू पर लाठीचार्ज के विरोध में आने लगे थे। इसे देखकर अनशन के चौथे दिन प्रशासन की नींद खुली और वार्ता कर रिहाई तथा लाठीचार्ज की जांच का वादा किया गया जिसके बाद एमएसयू के तीनो कार्यकर्ताओं अभिषेक झा, अमित ठाकुर एवं मृत्युंजय ठाकुर का अनशन समाप्त हुआ था।

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