Home Featured किताब और ड्रेस स्कूल से नही लेने पर अभिभावक से बदसलूकी का आरोप, प्रबन्धन ने आरोप को नकारा।
April 13, 2019

किताब और ड्रेस स्कूल से नही लेने पर अभिभावक से बदसलूकी का आरोप, प्रबन्धन ने आरोप को नकारा।

देखिये आवेदक के बयान का वीडियो भी।

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दरभंगा: निजी विद्यालयों की मनमानी की खबरे कोई नयी बात नही रह गयी हैं। री एडमिशन फी लेना, किताबों एव पोषक को ऊँची कीमत पर अपने ही विद्यालय से जबरन लेने केलिए दवाब देना आदि की अक्सर शिकायतें आती रहती हैं। परंतु ऊंची रसूखदारों के हाथ मे प्रबंधन होने के कारण इनपर लगाम लगाने प्रशासनिक तंत्र भी अबतक विफल ही दिखा है। ऐसे में यदि जिला से लेकर प्रमंडल अधिकारी तक के बच्चे शहर के निजी विद्यालयों में पढ़ते हों तो फिर उनके रसूख के सामने लगाम की उम्मीद भी नही के बराबर ही होती है।
शनिवार को एक ऐसा ही मामला एकबार फिर सामने आया जब एक अभिभावक ने अपनी व्यथा को मीडिया के सामने सुनाया एवं इस संबंध में थाने में आवेदन भी दिया। आवेदक शहर के राजकुमार गंज निवासी विशाल कुमार गुप्ता ने शहर के जाने माने पंडासराय स्थित निजी स्कूल होली मैरी इंटरनेशनल स्कूल पर गम्भीर आरोप लगाया है और इस संबंध में बहादुरपुर थाना में आवेदन भी दिया है। श्री गुप्ता ने बताया कि वे 12 अप्रैल को उक्त विद्यालय अपने बच्चे का एडमिशन करवाने गए थे। एडमिशन उपरांत जब उन्हें किताबे और ड्रेस केलिए कहा गया तो उन्होंने उस समय पर्याप्त पैसे नही रहने के कारण किताबे और ड्रेस अपने नजदीकी पहचान के दुकान से ले लेने की बात कही। इस पर पहले एक अकॉउंटेंट ने उन्हें भला बुरा कहा। तभी वहां प्रबन्धन श्याम किशोर यादव ने वहां पहुंच कर उन्हें अपने अपमानजनक शब्दों से नीचा दिखाते सार्वजनिक रूप से गाली गलौज किया तथा उनके साथ धक्का मुक्की भी हुई। उनसे लिए गए एडमिशन फी 30500 में से 2500 रुपये काट कर बाकी पैसे जबरन वापस करके उन्हें सिक्योरिटी गार्ड द्वारा धक्के देकर बाहर निकलवा दिया गया। इसतरह सार्वजनिक रूप से किये गए अपमान से आहत होकर वे कानूनी प्रक्रिया में जाते थाने में आवेदन दिया है तथा वरीय अधिकारियों को भी ईमेल के माध्यम से शिकायत की है।
इस आरोप पर जब वॉयस ऑफ दरभंगा के द्वारा स्कूल के चैयरमैन शिव किशोर राय से दूरभाष पर संपर्क कर उनके पक्ष को जानने की कोशिश की गयी तो उन्होंने इस आरोप सिरे से नकार दिया। इस तरह की किसी भी घटना से इनकार करते हुए श्री राय ने बताया कि इस तरह की कोई बात तक नही हुई। बल्कि उक्त व्यक्ति द्वारा 11-12 अप्रैल को अपने बच्चे का एडमिशन करवाया गया था। परंतु श्री गुप्ता द्वारा स्कूल प्रबंधन को बताया कि दुरी के कारण घर में सहमति नही हुई और उन्हें एमडिशन कैंसिल करवाना है। इस पर उन्हें एडमिशन कैंसिल की प्रक्रिया बताते सबंधित स्टाफ के आने का इंतजार करने को कहा गया। प्रक्रिया में थोड़ा विलम्ब होने पर श्री गुप्ता उत्तेजित हो गये और आक्रोश में आकर स्कूल के कर्मियों को उल्टा पुल्टा शब्द कहने लगे। शोर सुनकर वहाँ प्रंबन्धक पहुँचे और उन्होंने इस तरह का बर्ताव कर्मियों से नही करने का आग्रह किया। उन्हें समझा बुझा कर शांत कराने का प्रयास किया गया और एडमिशन कैंसिल कर उनकी राशि भी वापस की गयी।
किताब एवं ड्रेस के विषय में लगाये गए आरोप श्री राय ने कहा कि उनका विद्यालय एक प्रतिष्ठित विद्यालय है और इस तरह की कोई बंदिश उनके यहां नही है। अभिभावक अपने पसन्द की दुकान से ड्रेस आदि भी लेने को स्वतंत्र है। अतः इस तरह का आरोप बिल्कुल ही निराधार है।

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