Home Featured तो क्या संजय सरावगी के कारण अमरनाथ गामी की नाराजगी गोपालजी केलिए बन सकता है खतरा!
April 13, 2019

तो क्या संजय सरावगी के कारण अमरनाथ गामी की नाराजगी गोपालजी केलिए बन सकता है खतरा!

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नगर के कार्यक्रमो के बाद एनडीए कार्यालय उद्घाटन में भी आमंत्रित नही किये जाने पर भड़के अमरनाथ गामी।

दरभंगा। अभिषेक कुमार
लोकसभा चुनाव में महागठबंधन एवं एनडीए, दोनो खेमो में असंतुष्टों को संभालना भी प्रत्यशियो केलिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है।
फ़िलहाल लगातार एक बड़ा असंतोष और नाराजगी का सामना गोपालजी ठाकुर को करना पड़ रहा है। उनके एनडीए के जदयू विधायक अमरनाथ गामी इनदिनों नाराज चल रहे हैं और अपनी नाराजगी को सोशल मीडिया के माध्यम से जगजाहिर भी कर रहे हैं।
शुक्रवार के बाद शनिवार को भी उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट से यह संकेत दे दिया कि एनडीए में सबकुछ ठीक ठाक नही है।श्री गामी ने गोपालजी ठाकुर को एक निष्ठावान कार्यकर्ता बताते हुए इनदिनों संगठन को जेब मे रखने वाले प्रतिनिधियों से बचने की सलाह तक दे डाली है। उन्होंने कहा है कि गोपालजी ठाकुर से उनकी पुरानी मित्रता है और टिकट मिलने से पूर्व भी गोपालजी ठाकुर से उनकी वार्ता इस मुद्दे को लेकर होती रहती थी और वे टिकट को लेकर आश्वस्त थे। उम्मीदवारी की घोषणा के बाद बेनिपुर में हुए एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन में उन्हें आमंत्रित किया गया था। कुछ अन्य जगहों पर भी जब उन्हें कहा गया, प्रेस वार्ता में भी वे शामिल हुए।
श्री गामी ने आगे लिखा है कि उनका घर दरभंगा शहर में है और हमेशा से कार्यक्षेत्र भी रहा है। परंतु जब उनके मुहल्ले में प्रत्याशी का कार्यक्रम होता है तो भी उन्हें सूचना नही दी जाती है। मुहल्ले के एक कार्यकर्ता से सूचना मिलने पर वे गठबन्धन हित और प्रत्याशी हित मे पहुँच जाते हैं। परंतु नगर एनडीए की बैठक हुई तो भी उन्हें सूचना नही दी गयी। शुक्रवार को शहर ने एनडीए का नगर कार्यालय खुला जिसमे सभी कार्यकर्ताओं को दो दिन पूर्व से सूचना दी जा रही थी, परंतु उन्हें कोई सूचना नही दी गयी। इस तरह वे खुद लगातार अपमानित महसूस कर रहे हैं।
श्री गामी ने इशारों में बिना नाम लिए नगर विधायक संजय सरावगी पर षड्यंत्र रच कर एनडीए को कमजोर करने का आरोप भी अपरोक्ष रूप से लगा दिया है। इसको लेकर उन्होंने 19 अप्रैल को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर खुलासा की घोषणा पहले ही कर चुके हैं।
ज्ञात हो कि अमरनाथ गामी भाजपा के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं और पहलीबार विधायक भाजपा के तरफ से ही बने। परंतु 2015 में सुशील मोदी एवं संजय सरावगी के कारण पार्टी छोड़कर जदयू से चुनाव लड़े थे। माना जाता है कि इनदिनों भी बिहार भाजपा में एक खेमा सुशील मोदी का है जिससे विधायक संजय सरावगी आते हैं और दूसरा खेमा नित्यानन्द राय का है जिससे गोपालजी ठाकुर हैं। दरभंगा जिलाध्यक्ष के चुनाव में भी गोपालजी ठाकुर को रोकने केलिए संजय सरावगी द्वारा ऐड़ी चोटी का जोड़ लगा देने की चर्चाएं थीं। टिकट के दौड़ में भी माना जाता है कि संजय सरावगी भाजपा में किसी स्थानीय ब्राह्मण नेतृत्व को पनपने देने से खुद के प्रभुत्व पर खतरा मानते हैं। ऐसे में पार्टी सूत्रों की माने तो दरभंगा सीट भाजपा का हो जाने और ब्राह्मण उम्मीदवार ही होने की खबर के वाबजूद गोपालजी ठाकुर को टिकट न मिले, इसके लिए विधायक संजय सरावगी ने सुशील मोदी के माध्यम से नीतीश मिश्रा का नाम डलवाने की कोशिश की। परंतु पार्टी सर्वे में अव्वल रहने के कारण गोपालजी ठाकुर को टिकट मिल गया।
टिकट मिलने का सदमा शायद पच नही रहने के कारण घोषणा के बाद भी श्यामा मन्दिर में पहुंचे गोपालजी ठाकुर के साथ भी श्री सरावगी नही थे। बेनीपुर में आयोजित पूर्व निर्धारित एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन से भी वह गायब दिखे। जब यह खबर चर्चा का विषय बनने लगा तो उनके अस्वस्थता का हवाला दिए जाने लगा और नामांकन से पूर्व चुनाव कार्यालय पर आयोजित प्रेस वार्ता में अंततः श्री सरावगी नजर आये। श्री सरावगी चाहे जिस मकसद से साथ आये हों, परन्तु आते ही आते उन्होंने गोपालजी ठाकुर के कार्यक्रमों को कहीं न कहीं हाईजैक करते दिखे और गोपालजी के करीबी माने जाने वाले अपेक्षित दिखने लगे। वहीं उनके नीतिगत टीमो में ज्यादातर संजय सरावगी खेमे के लोग सक्रिय दिखने लगे।
इन बातों को लेकर गोपालजी ठाकुर के बहुत से करीबियों में तकलीफ है परन्तु पार्टी और गठबन्धन की मर्यादा के कारण खामोशी ही दिख रही थी। परंतु इस खामोशी को अमरनाथ गामी के लगातार किये गए सोशल मीडिया पोस्टों ने चीर कर एक तेज ध्वनि देने का काम तो किया ही है। वैसे भी दरभंगा शहर में भी श्री गामी एक जाने माने वैश्य चेहरे के रूप में स्थापित हैं और भाजपा का मूल वोट बैंक हमेशा से वैश्य और ब्राह्मण वर्ग रहा है। ऐसे में अमरनाथ गामी की उपेक्षा कहीं लगातार आती रही और प्रेस वार्ता हुई तो कहीं न कहीं गोपालजी ठाकुर खेमे के अन्य असंतुष्ट भी प्रखर होकर सामने आ सकते हैं। क्योंकि दरभंगा से टिकट की दावेदारी में चल रहे जदयू महासचिव संजय झा को भी गोपालजी ठाकुर द्वारा नामांकन तक मे आमंत्रण न देना भीतर ही भीतर कहीं न कहीं उनके समर्थकों को खल रहा है। यदि ऐसे श्री गामी प्रेसवार्ता कर सार्वजनिक रूप से सभी बातों को रखते हैं तो निश्चित रूप से गोपालजी ठाकुर केलिए विरोधियों से विजय से पूर्व अपनो को संभालना एक बड़ी चुनौती बन सकती है।

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