बिहार प्रदेश माध्यमिक शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ कर रहा है नोटा का प्रयोग!
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दरभंगा: बिहार प्रदेश मे 35 वर्ष से संचालित 715 परिस्वीकृत और स्थापना की अनुमति प्राप्त माध्यमिक विद्यालय है ,इसमे 09 लाख छात्र छात्रा नौवी और दसवी कक्षा मे पढाई कर रहे है, इन विद्यालय मे करीब 8580 शिक्षक -शिक्षकेतर कर्मचारी कार्यरत है। वर्तमान मे सरकार इन विद्यालय को मैट्रिक के परिणाम के आधार पर अनुदान देती है। परन्तु इससे शिक्षक कर्मचारी भुखमरी की स्थिति मे है। सालो से त्रिशंकु जैसी स्थिति मे लटके ऐसे शिक्षकेतर कर्मी पर कारवाई का डंडा तो सरकार चलाती है, परंतु वेतन की बात आती है तो सरकार यह कह कर पीछे हट जाती है कि विद्यालय सरकारी नही है।
उपरोक्त बातें बिहार प्रदेश माध्यमिक शिक्षक -शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ के दरभंगा जिला अध्यक्ष श्याम बिहारी राय सरज ने बुधवार को विशनपुर से नोटा के समर्थन में जुलूस निकालने के बाद कहीं।
उन्होंने बताया कि जब जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री बने थे तब 18 फरवरी- 2015 को इन विद्यालयों का अधिग्रहण करने का फैसला लिए थे। पर नीतीश कुमार की सरकार ने इस फैसले को रद्द कर दिया। इन्ही सारी मांग को लेकर दरभंगा मे भी बिहार प्रदेश माध्यमिक शिक्षक -शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ ने दरभंगा के बिशनपुर से प्रदर्शन जुलूस निकाला और सरकार द्वारा मांग नही मानने की स्थिति मे लोक सभा चुनाव के मतदान मे नोटा का प्रयोग करने की बात कही।
उन्होंने बताया कि बिहार मे जहां जगज चुनाव हो गए है, वहा इनके संघ के लोग नोटा का प्रयोग किया है और दरभंगा में भी नोटा का प्रयोग इनके संघ के द्वारा किया जाएगा।
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