सभी तटबंधों का निरीक्षण कर तीन दिनों में रिपोर्ट सौंपने का डीएम ने दिया निर्देश।
दरभंगा: जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने कहा कि जिले के बाढ़ वाले क्षेत्र के अंचलों में विशेष सतर्कता बरते जाने की आवश्यकता है। बाढ़ से सुरक्षा को ले आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से निर्धारित मानक प्रचालन प्रक्रिया का पूरा अनुपालन किया जाना जरूरी है। ऐसे में यह आवश्यक है कि आपदा विभाग की ओर से निर्धारित एसओपी का ठीक से अध्ययन किया जाए। आपदा प्रबंधन में किसी भी स्तर पर शिथिलता या लापरवाही बरते जाने पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। डीएम सोमवार को बाढ़ पूर्व तैयारी की समीक्षा को ले सभाकक्ष में आयोजित बैठक में बोल रहे थे। कहा कि जिला के आठ अंचल कुशेश्वरस्थान पूर्वी, कुशेश्वरस्थान, घनश्यामपुर, गौड़ाबौराम, किरतपुर, हनुमाननगर, बहादुरपुर एवं हायाघाट विगत वर्षों में बाढ़ से ज्यादा प्रभावित होते रहे हैं। इसके अलावा कई अन्य अंचलों में भी बाढ़ का खतरा बन सकता है। सभी अंचलों में एसओपी के अनुसार बाढ़ पूर्व सुरक्षात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। डीएम ने सभी अंचलों में वर्षा मापक यंत्र को संस्थापित करने को कहा। समीक्षा में पाया गया कि कुशेश्वरस्थान का वर्षा मापक यंत्र खराब है, जिसे तुरंत ठीक कराने का निर्देश दिया गया। कहा कि बाढ़ से प्रभावित होने वाले संभावित गांव और परिवारों का डाटा बेस पूर्व से तैयार करें जिसमें गभर्वती एवं धातृ महिलाएं व वृद्ध एवं असहाय जन अलग से चिन्हित हों। बाढ़ के समय राहत एवं बचाव कार्य चलाने के लिए सबसे जरूरी संसाधन नाव एवं नाविक को दुरूस्त करना है। जिले में उपलब्ध सरकारी नावों की जांच कराई जाए। नाव खराब है तो उसकी मरम्मति की जाए। निजी नावों का निबंधन व नाव मालिकों से भी अनुबंध करने को कहा गया। स्थानीय नाविकों, तैराकों व गोताखोरों को चिन्हित कर उनको प्रशिक्षित करने का निर्देश दिया गया। सेटेलाइट फोन, महाजाल आदि की भी जांच का निर्देश दिया गया। अपर समाहत्र्ता एवं आपदा प्रभारी को संयुक्त रूप से सभी संसाधनों की गुणवत्ता की जांच करने का निर्देश दिया गया। पॉलीथीन शीट्स का क्रय करने एवं महाजाल भाड़े पर लेने के लिए निविदा करने को कहा गया। सभी अनुमंडल पदाधिकारी, भूमि सुधार उप समाहत्र्ता व अंचल अधिकारी को बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अभियंताओं के साथ टीम बनाकर जिले की सीमा में पड़ने वाले सभी छोटे-बड़े तटबंधों का निरीक्षण कर तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट देने को कहा गया। तटबंधों पर कमजोर प्वाइंट पर कार्रवाई के साथ ही ऊंचे स्थलों पर शरणस्थली का निर्माण कराने का निर्देश दिया। शरणस्थली में भोजन, पानी, शौचालय, रोशनी, चिकित्सा आदि की समुचित व्यवस्था सुदृढ करने पर भी डीएम ने जोर दिया।
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