Home Featured नेता और नीति के साथ रहूँगा, पर षड्यंत्रकारियों को बेनकाब करता रहूंगा: गामी।
May 15, 2019

नेता और नीति के साथ रहूँगा, पर षड्यंत्रकारियों को बेनकाब करता रहूंगा: गामी।

देखिये प्रेस वार्ता का पूरा अनकट वीडियो भी।

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दरभंगा: मैं हमेशा नेता और नीति के साथ हूँ और रहूँगा। पर मेरे क्षेत्र में विधायक बनने की लालसा में पार्टी विरोधी कार्य करने वालों की नही चलने दूँगा। ऐसे षड्यंत्रकारियों को बेनकाब करता रहूंगा।
उपरोक्त बातें हायाघाट के जदयू विधायक अमरनाथ गामी ने बुधवार को अपने आवास पर आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि मैं अपने नेता और नीति के साथ हूं। जब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सक्रिय राजनीति में रहेंगे, मैं उनका साथ नहीं छाड़ूंगा।
उन्होंने कहा कि मेरे विधानसभा क्षेत्र में तीन विधायक एक साथ काम कर रहे हैं। मेरे अलावा दो अघोषित विधायकों में एक पार्टी के जिलाध्यक्ष सुनील भारती हैं तो दूसरे पार्टी के राज्य परिषद सदस्य अजय चौधरी। उन्होंने कहा कि जिलाध्यक्ष श्री भारती व राज्य परिषद सदस्य श्री चौधरी दोनों ने मुझपर जो आरोप लगाया है उसका खंडन मैं नहीं करना चाहता क्योंकि वे दोनों मेरे स्तर के नेता नही हैं। लेकिन उनके बयान को देखते हुए मेरा जवाब देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार देश के सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री हैं। भाजपा छोड़कर जब मैं आया तो उनसे हमारा बेहद करीबी रिश्ता था। लेकिन विगत डेढ़-दो साल से मेरे खिलाफ उन्हें भ्रमित किया गया। कारण कि पार्टी के जिलाध्यक्ष श्री भारती व राज्य परिषद सदस्य श्री चौधरी दोनों हायाघाट से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं।
उन्होंने कहा कि जिलाध्यक्ष खुलकर वक्तव्य दे चुके हैं कि वे हायाघाट से चुनाव लड़ेंगे। श्री गामी ने प्रमाण के तौर पर पार्टी के नगर अध्यक्ष का नाम लिया। उन्होंने कहा कि मेरी अनुशंसा पर विधायक फंड का काम करने वाले कार्यकर्ता से मेरे ऊपर आरोप लगवाकर मेरी ख्याति समाप्त करने का प्रयास किया गया। विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री का मेरे प्रति मिजाज बदल चुका था। मेरे क्षेत्र में उमा बाबू की मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अजय चौधरी की उपलब्धि का बखान करने लगे। उन्होंने यहां तक कह दिया कि अजय पर मैं अधिक विश्वास करता हूं, जबकि उस कार्यक्रम में मुझे बोलने तक का मौका नहीं दिया गया। नीतीश कुमार के पुन: मुख्यमंत्री बनने में एक छोटा सा सहयोग मेरा भी है। उन्होंने कहा कि अब दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा। जिन्होंने उनके खिलाफ मुख्यमंत्री का कान भरने का काम किया है उसकी सही जानकारी नेता को प्राप्त होगी।
श्री गामी ने कहा कि जब उनकी बात नही सुनी जा रही थी तभी उन्होंने इस्तीफा का रास्ता अपनाया। इसपर प्रदेश अध्यक्ष ने मीडिया में कहा कि कुछ नाराजगी थी जो दूर हो गयी है। गामी पार्टी के साथ बने रहेंगे। इसके बाद इस्तीफे की बात खत्म हो गयी थी। तो फिर कोई और कौन होता है उनसे इस्तीफा मांगने वाला। श्री गामी ने अजय चौधरी पर निशाना लगाते हुए कहा कि जो व्यक्ति पार्टी के विरोध में चुनाव लड़ता है और मात्र 3500 वोट लाता है, जबकि पार्टी के प्रत्याशी की जीत मात्र 500 वोटो से होती है, तो ऐसे निश्चित रूप से पार्टी विरोधी हैं। उन्हें पार्टी से निष्कासित भी किया गया था। ऐसे व्यक्ति किस मुंह से इस्तीफा मांग सकते हैं भला! जो अपने पार्टी विरोधी कृत्य का प्रमाण दे चुके हैं, वे भला किस मुँह से दूसरे पर उंगली उठाएंगे।
श्री गामी ने अंत मे कहा कि यदि विधायक बनने की इतनी जल्दी है तो फिर किसी अच्छे वकील के माध्यम से विधायकी ट्रांसफर करवा लें और अजय चौधरी और सुनील भारती दोनो एक एक साल केलिए विधायक बनकर शौक पूरा कर लें।

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