एटीएम फ्रॉड की घटनाओं पर बैंक द्वारा लाचारगी का रोना कहीं मिलीभगत का संकेत तो नही!
देखिये घटना के बाद पीड़ित के बयान का वीडियो
देखिये घटना के बाद पीड़ित के बयान का वीडियो👆
दरभंगा: दरभंगा में एटीएम फ्रॉड कोई नयी घटना नही रह गयी है। आये दिन वारदातें होती रहती हैं। पर न बैंक कुछ कर पाता है और प्रशासन। अपनी गाढ़ी कमाई लुटा चुके पीड़ित को बस जागरूक रहने का पाठ पढ़ा दिया जाता है।
इसी क्रम में एक और ताजा घटना गुरुवार को लहेरियासराय थानाक्षेत्र के करमगंज स्थित एसबीआई एटीएम से पैसा निकालने पहुँचे स्थानीय छोटी काजीपुरा निवासी नेमतुल्लाह उर्फ़ नन्हे अंसारी के साथ घटी। उन्हें एटीएम फ्रॉड का शिकार होकर 35 हजार रुपये गंवाने पड़े। श्री अंसारी ने इस सम्बन्ध में बताया कि गुरुवार की सुबह करीब 10 बजे उन्होंने एटीएम से पांच हजार रुपये निकाले। इस दौरान वहां खड़े तीन युवकों ने निकलने से पहले उनसे कैंसिल करने को कहते हुए कहा कि उनके कैंसिल किये बिना उनलोगों का पैसा नही निकलेगा। श्री अंसारी ने कैंसिल बटन दबा दिया तो उनलोगों ने एटीएम डालकर पिन देने से कैंसिल होने का नाम बोला। श्री अंसारी उनके झांसे में आ गए और ऐसा ही कर दिया। फिर वे बगल में खड़े होकर पैसे गिनने लगे। तभी उन लड़कों ने एटीएम में प्रवेश कर ऑपरेट किया और उनके खाते से 3500 उड़ा लिए। जब उन्हें मोबाइल पर मैसेज मिला तो उन्होंने बैलेंस पुनः चेक किया। उनके खाते से 35000 गायब थे। जब उन्होंने बैंक से संपर्क किया तो बैंक ने बताया कि किसी नीलम देवी के खाते में पैसे ट्रांसफर हुए हैं। पर वे कुछ नही कर सकते। पुलिस की मदद लें। इसके बाद श्री अंसारी थाना पहुंचे आवेदन देने तो वहां भी उन्हें सतर्कता बरतने का पाठ आदि पढ़ाया गया।
स्थानीय लोगो ने बताया कि उक्त एटीएम पर आने वाले कई लोगों के साथ पूर्व में भी ऐसी घटनाएं घट चुकी हैं। पर न कोई करवाई हुई और न ही आजतक एक गार्ड की नियुक्ति भी इस एटीएम केलिए किया गया है।
आये दिन इसतरह की घटनाओं को रोकने केलिए जनता का जागरूक होना तो निश्चित ही जरूरी है। पर बैंक और प्रशासन भी अपनी जिम्मेवारी से नही भाग सकते। लोगो मे जागरूकता लाने के साथ साथ ऐसी घटनाओं के रोकथाम की जिम्मेवारी भी इनकी जरूर है। जिन खातों में एटीएम फ्रॉड के पैसे ट्रांसफर होते हैं, उन्हें चिन्हित कर जांच की दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है। यदि खाता फर्जी है तो खोलने वाले एवं संचालित होते रहने की जिम्मेवारी जिनकी हो, उनकी मिलीभगत की जांच तो होनी ही चाहिए। साथ ही साथ सभी एटीएमों में सीसीटीवी लगाने होते हैं। अगर सीसीटीवी काम नही करता तो इसकी जिम्मेवारी भी तय होनी चाहिए। पर शायद तकनीकी एवं कानूनी प्रावधानों के बंधन का रोना रोकर बैंक एवं प्रशासन जनता को यूं ही लुट जाने के बाद जागरूकता का ज्ञान बाँट कर इतिश्री करते रहेंगे।
पुलिस की दबिश बढ़ता देख गैंग रेप के आरोपी ने न्यायालय में किया आत्मसमर्पण।
दरभंगा: जिले के बड़गांव थाना क्षेत्र के एक गांव की 13 साल की नाबालिग के साथ नशीली पदार्थ प…