आयुक्त ने लिया बाढ़ पूर्व तैयारियों का जायजा ,दिए कई निर्देश।
दरभंगा : आयुक्त, दरभंगा प्रमण्डल, दरभंगा मयंक वरबड़े द्वारा आज प्रमण्डलीय सभाकक्ष में एक बैठक आयोजित कर बाढ़ पूर्व तैयारियों का जायजा लिया गया। इस बैठक में जिला पदाधिकारी,दरभंगा डॉ. त्यागराजन एस.एम., जिला पदाधिकारी, समस्तीपुर चन्द्रशेखर सिंह, जिला पदाधिकारी, मधुबनी शीर्षत कपिल अशोक, आयुक्त के सचिव विनय कुमार, क्षेत्रीय विकास पदाधिकारी, दरभंगा, अपर समाहर्त्ता, दरभंगा विभूति रंजन चौधरी, अपर समाहर्त्ता, समस्तीपुर विनय कुमार राय आदि सम्मिलित हुए।
आयुक्त ने सभी जिलों के द्वारा किये जा रहे बाढ़ पूर्व तैयारियों की बारी-बारी से समीक्षा किया। डी.एम., दरभंगा द्वारा बताया गया कि पर्याप्त संख्या में सरकारी नाव/निजी नाव/पोलीथीन शीट्स, टेन्ट, मोटर वोट, महाजाल का स्टॉक तैयार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकारी नाव 159 चालू हालत में है और 102 की मरम्मति कराने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि 176 निजीनाव मालिकों से एकरारनामा कर लिया गया है। कुल 14,123 पोलीथीन शीट्स एवं 03 महाजाल तथा 243 लाइफ जैकेट उपलब्ध है।
डी.एम. समस्तीपुर ने बताया कि उनके पास परिचालन योग्य 60 सरकारी नाव है और 42 नाव की मरम्मति करायी जानी है। उन्होंने बताया कि 215 निजी नाव मालिकों से एकरारनामा कर लिया गया हे। कुल 13,532 पोलीथीन शीट्स, 04 महाजाल एवं 220 लाइफ जैकेट उपलब्ध होने की भी बात बताई गई।
जिलाधिकारी, मधुबनी द्वारा प्रतिवेदन दिया गया है कि उनके पास परिचालन योग्य 106 सरकारी नाव है एवं 68 में मरम्मति करायी जानी है। 21 निजी नाव मालिकों से एकरारनामा किया गया है। उनके पास कुल 31,000 पोलीथीन शीट्स, 30 टेन्ट, 04 महाजाल एवं 70 लाइफ जैकेट उपलब्ध है।
आयुक्त महोदय ने सभी जिलाधिकारियों को अपने जिले के सभी अंचलों में वर्षा मापक यंत्र को सुदृढ़ कर लेने को कहा है। उन्होंने कहा कि फ्लड फाइटिंग संसाधनों का मानचित्र तैयार कर ली जाये। सभी तटबंधो की सुरक्षा सुनिश्चित की जाये। अगर कही मरम्मति की आवश्यकता है तो तत्काल मरम्मति करा ली जाये। तटबंधों की निगरानी हेतु सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी जाये। विगत वर्षों में आये बाढ़ के अनुमान के आधार पर कटाव निरोधी कार्य कराये जाये। उन्होंने कहा कि दरभंगा शहरी सुरक्षा बाँध का नियमित निरीक्षण किये जाये। दरभंगा शहर के लिए यह बाँध अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि नावों की मरम्मति करायी जाये। नविकों एवं गोताखोरो को प्रशिक्षित किया जये एवं इन लोगों का डाटाबेस तैयार रखी जाये ताकि जरूरत पड़ने पर इनका उपयोग किया जा सके।
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