Home Featured राज्य सूचना आयोग के रडार पर बहेड़ी के मनरेगा पीओ, अर्थदंड के रूप में दिया पहला झटका।
June 5, 2019

राज्य सूचना आयोग के रडार पर बहेड़ी के मनरेगा पीओ, अर्थदंड के रूप में दिया पहला झटका।

दरभंगा कार्यालय:जिले के बहेड़ी प्रखंड के पीओ (प्रोग्राम आफिसर, मनरेगा) राज्य सूचना आयोग के रडार पर आ गए हैं। आयोग ने पीओ को झटका देते हुए उनके वेतन में से 25 हजार रूपये की निकासी पर अगले आदेश तक रोक लगा दिया है। 17 जुलाई को होने वाली आयोग की सुनवाई में पीओ सशरीर उपस्थित रहेंगे। आयोग संतुष्ट नहीं हुआ तो पीओ को जोर का झटका लग सकता है।

राज्य सूचना आयोग ने पीओ की कारगुजारियों को आपत्तिजनक माना है और जिले के डीडीसी एवं ट्रेजरी ऑफिसर को आदेश दिया है कि संबंधित पीओ के वेतन में से 25 हजार रूपये की निकासी को स्टे किया जाए।आयोग ने नाराजगी व्यक्त करते हुए अपने आदेश में कहा है कि पीओ ने झूठ का सहारा लिया और जानबूझकर बुरी नीयत से आयोग को गुमराह करने के लिए गलत सूचना दी।

असल में यह मामला मोहन चंद्रवंशी बनाम बहेड़ी प्रखंड के लोक सूचना पदाधिकारी सह प्रखंड प्रोग्राम पदाधिकारी का है। वाद संख्या ए  4690 /2018 के संदर्भ में पीओ ने आयोग को बताया कि आवेदक को सभी उपलब्ध जानकारी दे दी गई है। ग्राम सभा के द्वारा स्वीकृत योजना की सूचना पंचायत रोजगार सेवक के पास है।

वर्ष 2011-12से लेकर अभी तक की जानकारी विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है।वर्ष 2011 से पहले की जानकारी वेबसाइट में नहीं है। पीओ ने आयोग को बताया कि 21 जनवरी 2019 को पत्र संख्या 26 के माध्यम से आवेदक को मांगी गई सभी जानकारी दे दी गई।लेकिन जब आवेदक ने पत्र देने का सबूत मांगा तो पीओ ने 04 मई 2019 के दिन का स्पीड पोस्ट का हवाला दिया।यानि 21 जनवरी 2019 को पत्र नहीं भेजा गया था।
आवेदक द्वारा मांगी गई समूची जानकारी वेबसाइट पर होने के दावे की कलई खुल जाती है जब 09मई 2019 को पीओ नई रिपोर्ट भेजते हैं। फिलहाल पीओ पर कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है। सत्रह जुलाई को तय होगा कि उन पर कैसी गाज गिरेगी। लेकिन इस मामले से साफ हो गया है कि अधिकारी किस तरह आरटीआई के प्रावधान को कुंद करने में लगे रहते हैं।

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