Home Featured सांसदों की तिकड़ी ने मिथिला की सभ्यता, संस्कृति व भाषा का मान बढ़ाया : डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू।
June 17, 2019

सांसदों की तिकड़ी ने मिथिला की सभ्यता, संस्कृति व भाषा का मान बढ़ाया : डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू।

देखिये वीडियो: देखिये संसद जाने से पूर्व क्या कहा सांसद द्वय ने।

देखिये संसद जाने से पूर्व क्या कहा सांसद द्वय ने👆

दरभंगा: दरभंगा, मधुबनी और झंझारपुर के नवनिर्वाचित लोकसभा सांसदों क्रमशः गोपाल जी ठाकुर, अशोक यादव एवं रामप्रीत मंडल ने जनक नंदिनी मां जानकी की भाषा मैथिली में शपथ लेकर अपनी मां के दूध का कर्ज चुकाने के साथ-साथ मिथिला व मैथिली की अस्मिता को अभूतपूर्व सम्मान देने का काम किया है। उक्त बातें विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने सोमवार को संस्थान परिसर में आयोजित बैठक में कही। मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में डॉ बैजू ने कहा कि मिथिला के पारंपरिक परिधान में संसद की दहलीज पर कदम रखने वाले मिथिला के सांसदों की तिकड़ी द्वारा उठाए गए कदम की विद्यापति सेवा संस्थान तहे दिल से स्वागत करता है। उन्होंने कहा कि मैथिली में शपथ लेने वाले इन सांसदों से विद्यापति सेवा संस्थान संसद की कार्यवाही में भी संवैधानिक मैथिली भाषा का ही प्रयोग करने का अनुरोध करेगा।
संस्थान के सचिव प्रो जीव कांत मिश्र ने कहा कि तीनों सांसदों द्वारा मिथिला के पारंपरिक परिधान में मैथिली में शपथ लिए जाने से आम मैथिल जन में खुशी की लहर दौड़ गई है। संस्थान के शोभा यात्रा प्रभारी विजयकांत झा ने सांसदों के इस कदम को मिथिला के अन्य सांसदों के लिए अनुकरणीय बताया। संस्थान के कार्यालय प्रभारी-सह-प्रवक्ता प्रवीण कुमार झा ने कहा कि हालांकि संसद सदस्यों द्वारा मैथिली में शपथ लिए जाने की यह कोई पहली घटना नहीं है। लेकिन आज की इस घटना से इन सांसदों का अपनी सभ्यता, संस्कृति व भाषा के प्रति प्रेम उजागर हुआ है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि मिथिला के ये सांसद आगे भी अपनी सभ्यता, संस्कृति व भाषा के विकास के लिए कटिबद्ध रहेंगे।
अध्यक्षीय संबोधन में पं कमला कांत झा ने सांसदों के कदम की सराहना करते हुए मिथिला के अन्य सांसदों को भी इससे सीख लेने की बात कही। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि इन सांसदों ने मैथिली में शपथ लेकर इस मिथक को भी स्वत: ही तोड़ने का कार्य किया है कि मैथिली आज एक वर्ग विशेष के पहुंच मात्र की भाषा बनकर रह गई है। बैठक में प्रो चंद्रशेखर झा बूढ़ा भाई, प्रो सी एम झा पड़वा, डॉ उदय कांत मिश्र, विनोद कुमार झा, आशीष चौधरी, महादेव साह, जय नारायण साह, श्याम कुमार राम, संतोष पासवान आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए और सांसदों द्वारा उठाए गए कदम का स्वागत किया।

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