Home Featured बच्चों की मौत किसकी विफलता से हुई, जिम्मेवारी तय करें नीतीश कुमार: पप्पू यादव।
June 26, 2019

बच्चों की मौत किसकी विफलता से हुई, जिम्मेवारी तय करें नीतीश कुमार: पप्पू यादव।

देखिये प्रेस वार्ता का वीडियो भी।

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दरभंगा: दरभंगा में जन अधिकार पार्टी (जाप) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मधेपुरा के पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने आयोजित प्रेसवार्ता में नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि कभी इस देश में बलात्कार तो कभी डॉक्टर तो कभी जय श्रीराम मुद्दा आमने सामने आने लगते हैं। हाल ही में झारखंड में जो घटना घटी वो देश को शर्मसार करने वाली घटना हैं । देश में मोब लिंचिंग का मामला अब ज्यादा देखने को मिलने लगा है जो देश के अंदर पनप रहे उन्माद को बताता है। दो दिन पहले डीएमसीएच में जो बच्चे के बाएं हाथ के प्लास्टर की बजाए दायें हाथ में प्लास्टर कर दिया, इससे बड़ी गलती और क्या हो सकती हैं। उन्होंने कहा आश्चर्य होता है इस तरह की गलतियाँ जो गरीब जनता के ऊपर होती है वह इशू नहीं बनता? इस देश में डॉक्टर हड़ताल करके हजारओ मरीजों को मार देते है और कोई क्या कोई कारवाई होती हैं?? कोई सवाल खड़े नहीं होते हैं। यह इश्यू नहीं बनता, ऐसे डॉक्टरों पर 302 धारा का मुकदमा क्यों नहीं होता? उन्होंने कहा बिहार में चमकी बुखार से बच्चों की मौत हो रही हैं। इसका जिम्मेदार कौन हैं, नीतीश सरकार को जिम्मेदारी तय करनी होगी। श्री यादव ने कहा कि पार्टी कुपोषण के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाएगी। उन्होंने मुजफ्फरपुर और वैशाली जिले में (चमकी बुखार) प्रभावित गांवों का दौरा करने के बाद यह निर्णय लिया है कि कि पार्टी कुपोषणमुक्त बिहार बनाने के लिए किसी हद तक जाएगी ताके गरीब जनता का उद्धार हो सके। इसके लिए राज्यव्यापी अभियान चलाया जाएगा।
उन्होंने कहा, “चमकी बुखार और कुपोषण से बिहार में 400 से अधिक बच्चों की मौत हुई है। यह सब प्रशासनिक के विफलता को दर्शाती है. बच्चों की मौत के लिए सरकार जिम्मेदार है और यह ‘सरकारी नरसंहार’ है।
पप्पू यादव ने कहा कि दोनों जिलों में 90 फीसदी गरीब बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। उन्होंने कहा, “मैं दिल्ली और पटना के डॉक्टरों की टीम और एम्बुलेंस लेकर कुपोषण प्रभावित गांवों में पहुंच रहा हूं और बच्चों के बेहतर इलाज की व्यवस्था भी कर रहा हूं। यह टीम अभी एक सप्ताह विभिन्न गांवों में जाकर बच्चों का इलाज करेगी। “दिमागी बुखार को रोकथाम के लिए कोई व्यापक कदम नहीं उठाया जा रहा और यह बड़ी तेजी से बिहार के गरीब बच्चों को अपनी चपेट में लेता जा रहा है जिसका नतीजा है कि बेगूसराय में भी दिमागी बुखार के बच्चे इलाज के लिए एडमिट हो रहे हैं। पूर्व सांसद ने कहा कि प्रदेश में कुपोषण की स्थिति भयावह हो गई है। उन्होंने कहा कि पीड़ित बच्चों को बेहतर इलाज और हरसंभव मदद की जाएगी।

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