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July 10, 2019

प्राकृतिक जलश्रोतों पर अतिक्रमण करने वालों के विरुद्ध दंडात्मक करवाई तेज करने का निर्देश।

दरभंगा: प्राकृतिक जल श्रोतों यथा – तालाब/पोखर/आहर/पैन आदि पर अवैध रूप से अतिक्रमण कर लेने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध दंडात्मक कारवाई तेज कर दी गई है। इसी कड़ी में दरभंगा सदर एवं बेनीपुर अंचल के अंचलाधिकारी द्वारा अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध नोटिस जारी कर दिया गया है। अगर अतिक्रमणकारी स्वयं नही हटेगे तो उन्हें बल पूर्वक हटाया जायेगा। जिलाधिकारी ने कहा है कि अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध सख्ती से पेश आया जायेगा। जिन लोगों ने भी तालाब/पोखर आदि की जमीन पर अतिक्रमण करके मकान, दुकान आदि का निर्माण कर लिया है, उन्हें उसे अपने से हटाना पड़ेगा। वे बुधवार को अम्बेदकर सभाकक्ष में राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे।
बैठक में केवटी के अंचलाधिकारी द्वारा बताया गया कि उक्त अंचल में 196 सरकारी तालाब है, जिसमें से 50 सरकारी तालाब पर अतिक्रमण है। बहादुरपुर के अंचलाधिकारी ने बताया कि उन्होंने 06 तालाबों का सर्वेक्षण कराया है, जिसमें से बलुआही पोखर में अतिक्रमण पाया गया है। सदर अंचलाधिकारी द्वारा बताया गया कि दिग्घी पोखर, लाल पोखर में भी अतिक्रमण पाया गया है। इसके साथ ही जिला के अन्य अंचलाधिकारियों द्वारा तालाबों का सर्वेक्षण प्रतिवेदन समर्पित किया गया।
केवटी अंचल का सर्वेक्षण प्रतिवेदन को छोड़कर अन्य सभी अंचलों के प्रतिवेदन में कई त्रुटियाँ पाई गई। इस पर सभी अंचलाधिकारियों को अपने क्षेत्राधीन अवस्थित सभी सरकारी तालाबों का स्थलीय सर्वेक्षण करके दुबारा संशोधित प्रतिवेदन सोमवार तक अचूक रूप से उपलब्ध कराने को कहा गया है।
उन्होंने कहा कि अंचल कर्मी अभिलेख के साथ स्थल पर जायेंगे और प्रथम दृष्ट्या अनुमान के आधार पर तालाब या पोखर के जितने हिस्से में अतिक्रमण पाया जाये उसका विहित प्रपत्र में प्रतिवेदन तैयार करके जिला राजस्व शाखा में भेजेगे। अंचल से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध अतिक्रमण वाद चलाया जायेगा और तालाब/पोखर को अतिक्रमण मुक्त किया जायेगा। जिलाधिकारी द्वारा सभी अंचलाधिकारियों को शत्-प्रतिशत तालाबों का सर्वेक्षण कराने का सख्त हिदायत दिया गया है। अगर एक भी तालाब छूटेगा या पक्षपात पूर्ण प्रतिवेदन प्राप्त होगा तो संबंधित अंचलाधिकारी पर कार्रवाई होगी। जिलाधिकारी द्वारा सभी अंचलाधिकारियों को बताया गया कि दरभंगा में जल संकट को देखते हुए मनरेगा योजना से जल संचयन का कार्य कराया जा रहा है। आहर/पैन/तालाब/पोखर आदि के जीर्णोद्धार हेतु 380 योजनाएँ ली गई है। वहीं नल-जल योजना के तहत 4400 वार्डों में 3200 योजनाओं पर कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि नल-जल योजना के तहत पानी की आपूर्त्ति हेतु जहाँ-जहाँ नल अथवा स्टैड पोस्ट लगाया गया है वहाँ पर सोख्ता बनवाया जाये। इसके साथ ही हैडपंप, ट्यूवबेल, बोरबेल के पास भी सोख्ता बनाने को कहा गया है।
बाढ़ पूर्व तैयारी की समीक्षा में आपदा प्रबंधन विभाग के संपूर्त्ति पोर्टल पर लाभार्थियों का डाटा-बेस अद्यतीकरण की स्थिति कई अंचलों का अत्यंत असंतोषजनक पाया गया। इसमें कुशेश्वरस्थान, गौड़ाबौराम, किरतपुर, जाले, सिंहवाड़ा अंचल शामिल है। जिलाधिकारी ने संबंधित अनुमण्डल पदाधिकारी, वरीय प्रखण्ड प्रभारी पदाधिकारी को इन अंचलों में विशेष कैंप लगाकर संपूर्त्ति पोर्टल पर अविलंब डाटा अद्यतीकरण करने का निदेश दिया है।
वहीं सभी अंचलाधिकारी को नाव परिचालन हेतु घाटों की सूची भेजने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि असुरक्षित घाटों पर किसी भी हालत में नाव का परिचालन नहीं होगा।
ऑनलाइन म्यूटेशन की समीक्षा में बहेड़ी, हनुमाननगर, हायाघाट, जाले, कुशेश्वरस्थान, सिंहवाड़ा अंचलो की प्रगति असंतोषजनक पाया गया। उन्हें इसमें प्रगति लाने का निर्देश दिया गया है।
इस बैठक में अपर समाहर्त्ता विभूति रंजन चौधरी, उप विकास आयुक्त डॉ. कारी प्रसाद महतो, अपर समाहर्त्ता(विभागीय जाँच) वीरेंद्र प्रसाद, सदर अनुमण्डल पदाधिकारी राकेश कुमार गुप्ता, बिरौल अनुमण्डल पदाधिकारी ब्रज किशोर लाल, बेनीपुर अनुमण्डल पदाधिकारी प्रदीप कुमार झा, सदर डीसीएलआर पुष्पेश कुमार, बिरौल डीसीएलआर रामदुलार राम, बेनीपुर डीसीएलआर, जिला पंचायती राज पदाधिकारी शत्रुध्न कामती, जिला परिवहन पदाधिकारी राजीव कुमार, जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी सुशील कुमार शर्मा एवं सभी अंचलाधिकारी उपस्थित थे।

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