अदालत के फैसले से दरभंगा में क्रिकेटरों के भविष्य पर मंडराता बादल हटने की जगी उम्मीद।
दरभंगा: लंबे समय के बाद एकबार पुनः दरभंगा में क्रिकेटरों के भविष्य पर मंडराता अंधकार हटने की उम्मीद जगी है।
दरभंगा के षष्टम एडीजे हमवीर सिंह बघेल की अदालत ने बुधवार को दरभंगा जिला क्रिकेट एसोसिएशन में रिसीभर नियुक्ति आदेश को निरस्त कर दिया है।प्रथम अवर न्यायाधीश बीके गुप्ता की कोर्ट ने 30 मई 2017 को डीडीसीए के संचालन के लिए रिसीभर नियुक्त करने का आदेश पारित किया।वहीं वाद अभिलेख को सप्तम अवर न्यायाधीश की कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया।सप्तम अवर न्यायाधीश की कोर्ट ने प्रथम अवर न्यायाधीश के रिसीभर नियुक्ति आदेश का अनुपालन करते हुए एक वकील को डीडीसीए का रिसीभर बहाल किया। निचली अदालत के रिसीभर बहाली आदेश से आहत पूर्व सचिव राधारमण मिश्रा और पूर्व उपाध्यक्ष देबकी नंदन लाल कर्ण ने जिला न्यायाधीश की अदालत में मिसलेनियस अपीलवाद सं. 11/17 संस्थित कराते हुए रिसीभर नियुक्ति आदेश को निरस्त करने की मांग किया। अपीलकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता जीतेंद्र नारायण झा ने बहश किया।अपीलवाद पर अंतिम सुनवाई के बाद श्री बघेल की अदालत ने अपील स्वीकार कर रिसीभर नियुक्ति आदेश को निरस्त करने का आदेश पारित किया है।
उपरोक्त विषय मे जानकारी देते हुएइस बाबत डीडीसीए के वर्तमान सचिव प्रवीण कुमार उर्फ प्रवीण बबलू ने न्यायालय के आदेश को न्याय की जीत बताई है। उन्होंने बताया कि अब दरभंगा के बच्चों को क्रिकेट खेलने का और अच्छा अवसर मिलेगा। वहीं बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव रविशंकर प्रसाद को धन्यवाद दिया जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता डीडीसीए के प्रति कायम रखा।
पुलिस की दबिश बढ़ता देख गैंग रेप के आरोपी ने न्यायालय में किया आत्मसमर्पण।
दरभंगा: जिले के बड़गांव थाना क्षेत्र के एक गांव की 13 साल की नाबालिग के साथ नशीली पदार्थ प…