Home Featured इलाज के दौरान बच्ची की मौत पर बवाल, पीएचसी छोड़कर भागे डॉक्टर एवं कर्मी।
August 21, 2019

इलाज के दौरान बच्ची की मौत पर बवाल, पीएचसी छोड़कर भागे डॉक्टर एवं कर्मी।

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दरभंगा: हायाघाट पीएचसी में बुधवार को दिन के करीब 10 बजे इलाज के दौरान पांच साल की एक बच्ची की मौत हो गयी। इससे आक्रोशित परिजनों और स्थानीय लोगों ने पीएचसी में जमकर तोड़फोड़ की। लोगों ने टीकाकरण कक्ष, पैथोलॉजी, आपरेशन रूम, दवा वितरण कक्ष आदि में जमकर तोड़फोड़ की। सीबीसी मशीन समेत कई फर्नीचर को क्षतिग्रस्त कर दिया। लोगों के उग्र रूप को देखते हुए पीएचसी में मौजूद डॉक्टर और कर्मी भाग खड़े हुए।
सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस के अलावा सीओ कमल प्रसाद साह और बीडीओ राकेश कुमार मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया। शव को पोस्टमार्टम के लिए डीएमसीएच भेज दिया गया। बीडीओ ने कहा कि लोग गलत दवा चलाने का आरोप लगा रहे हैं। इसकी जांच करायी जाएगी।
बताया जाता है कि समस्तीपुर जिले के हसनपुर थाने के भटवन निवासी नीतीश यादव की पांच साल की पुत्री आकृति प्रिया 10 दिन पहले अपने मौसा कारी यादव के साथ उनके घर हायाघाट प्रखंड के रजौली आयी थी। बुधवार की सुबह उसकी तबीयत खराब होने पर उसकी मौसी अनिता देवी उसे लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हायाघाट पहुंची। यहां ओपीडी में डॉ. सारिक हुसैन डयूटी पर थे। उन्होंने उल्टी रोकने का इंजेक्शन लिखा। नर्स ने बच्ची को इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन देते ही बच्ची का शरीर अकड़ने लगा। इसके थोड़ी ही देर बाद बच्ची की मौत हो गयी। इसके बाद लोगों ने गलत दवा चलाने के आरोप में हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद जिले से वज्र वाहन और रैफ की टीम को बुलाया गया। भारी संख्या में फोर्स को देख भीड़ तितत-बितर हो गयी। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।
वहीं मौके पर पहुँचे स्थानीय विधायक अमरनाथ गामी ने कहा कि प्रथम दृष्टया मामला लापरवाही का लगता है। लोगों की शिकायत मिली है कि डॉक्टर वहीं बाजार में निजी क्लीनिक चलता है और इसलिए अस्पताल पर उनका ध्यान कम रहता है। परंतु कोई भी निष्कर्ष पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के बाद ही निकल सकता है। आरोप के हर बिंदु की जांच हो और जो भी दोषी हो, उनपर सख्त करवाई की जाय। साथ ही विधायक श्री गामी ने तोड़ फोड़ पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह असामाजिक तत्वों का कार्य है। नाराजगी व्यवस्था से होनी चाहिए और शांतिपूर्ण विरोध के कई तरीके हैं। तोड़फोड़ कर अस्पताल को नुकसान पहुंचाने से निश्चित रूप से परेशानी स्थानीय लोगो एवं अन्य मरीजो को होगी। इसलिए ऐसा तोड़फोड़ इस आड़ के असामाजिक तत्व ही कर सकते हैं।

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