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August 24, 2019

वंडर एप के इस्तेमाल से मातृत्व मृत्यु दर पर लगेगी रोक, दरभंगा बनेगा उदाहरण।

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दरभंगा: जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने कहा कि वंडर एप के इस्तेमाल से मातृत्व मृत्यु दर पर पूर्ण रूप से रोक लग सकेगी। अभी इस जिला में मातृत्व मृत्यु दर 177 है, जो राष्ट्रीय एवं राज्य औसत से काफी ज्यादा है। जागरूकता की कमी के कारण जिला में मातृत्व मृत्यु दर ज्यादा है। स्वास्थ्य विभाग का व्यापक नेटवर्क रहने के बावजूद मेटेरनल डेथ हो रहे हैं, जो अत्यंत चितनीय है। इस समस्या का निदान वंडर एप से संभव है। वंडर एप को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर जिला बहादुरपुर एवं बेनीपुर में लांच किया गया है। इसके सकारात्मक परिणाम दिख रहे हैं। अब इस एप को पूरे जिला में लांच किया जाएगा। कहा कि स्वास्थ्य विभाग बिहार को इस एप के लॉचिग के बारे में प्रस्ताव भेजा गया है। जिस पर विभाग की स्वीकृति शीघ्र प्राप्त होने की संभावना है। वे समाहरणालय सभाकक्ष में आयोजित स्वास्थ्य विभाग की बैठक में वंडर एप के ऑरियेंटेशन वर्कशॉप में चिकित्सकों एवं कर्मियों को संबोधित कर रहे थे। कहा कि पहले सभी को वंडर एप के बारे में जानना जरूरी है। इस एप के बारे में जानकारी हो जाने पर इसका क्रियान्वयन भी बिल्कुल आसान होगा। यह एक मोबाईल स्पोर्टेड एप है। इसे आसानी से किसी भी एंड्रायड मोबाइल में डाला जा सकता है।

वंडर एप आइटी बेस्ड एप है। इस एप में गर्भवती महिला की विस्तृत ब्योरा की प्रविष्टि की जाती है। महिला की सामान्य जानकारी के साथ गर्भावस्था का ब्योरा, मेडिकल हिस्ट्री, सर्जिकल हिस्ट्री एवं फेमिली हिस्ट्री का डाटा बेस तैयार किया जाता है। यदि किसी महिला की दूसरी डिलीवरी होने जा रही है तो पहले डिलीवरी का पूरा इतिहास का डाटा बेस तैयार करना है। इसमें यह देखा जाएगा कि उक्त महिला को पहला प्रसव सामान्य हुआ था या सिजेरियन। यदि सिजेरियन हुआ था तो कोई जटिलता उत्पन्न हुई थी। मसलन क्या वह महिला किसी अन्य रोग से ग्रसित है। डायबीटिज, ब्लड प्रेशर आदि की शिकायत है। इससे संबंधित पूरी जानकारी एप पर डाली जाएगी। ऐसा किए जाने पर उक्त महिला के प्रसव के दौरान या पूर्व में कोई जटिलता उत्पन्न होगी तो इसका समाधान आसान हो जाएगा।

वंडर एप से जच्चा-बच्चा के अकाल मृत्यु को रोक लगेगी। वंडर एप के इस्तेमाल से मातृत्व मृत्यु दर में कमी लाकर जिला में हम एक उदाहरण पेश कर सकेंगे। इस एप से काम करना बिलकुल आसान है। बस गर्भवती महिला का पता चलते ही इनका पूरा ब्योरा वंडर एप पर डाल देना है। इसके बाद यह एप जरूरी अलर्ट मैसेज भेजता रहेगा। जिसका फोलोअप संबंधित चिकित्सक एवं कर्मी द्वारा किया जाएगा। मरीज के प्रथम निबंधन के वक्त ही हिस्ट्री रिकॉर्ड कर लेना सुविधाजनक होगा। इस बाबत सभी एमओआइसी को अपने क्षेत्राधीन सभी गर्भवती महिलाओं का एक सप्ताह के अंदर डाटा बेस तैयार कर लेने का निर्देश दिया गया। इसके पूर्व केयर इंडिया की डॉ. श्रद्धा द्वारा वंडर एप पर गर्भवती महिलाओं के निबंधन एवं मेडिकल, सोशल हिस्ट्री की ऑनलाइन इंट्री करने की विधि का प्रोजेक्टर पर पावर प्वाइंट प्रजेटेशन किया गया। वर्कशॉप में सिविल सर्जन डॉ. एएन झा, डीआइओ एके मिश्रा, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, एएनएम, बीएचएम आदि मौजूद रहे।

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