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August 26, 2019

डीएम इन एक्शन: एक साथ थोक में कई अभियंताओं पर की गयी कारवाई।

दरभंगा: दरभंगा में लापरवाह कर्मी एवं अधिकारियों पर जिलाधिकारी डॉ0 त्यागराजन एसएम थोड़ी भी नरमी नही बरत रहे। लापरवाही एवं गड़बड़ी साबित होने पर लगातार कारण पृच्छा से प्रपत्र क गठन एवं चयन मुक्त की कारवाई भी करने में देर नही करते। सोमवार को भी जिलाधिकारी कुछ ऐसे ही एक्शन में दिखे जब उन्होंने कई कनीय से लेकर कार्यपालक अभियंताओं पर कारवाई कर दी।
जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने सभी तकनीकी विभागों के कार्यपालक अभियंता से कहा है कि कार्यपालक अभियंता स्वयं भी साइट पर जायें एवं योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए जो जमीन उपलब्ध करायी गई है, इसकी उपयुक्तता का पूर्व में ही आकलन कर यह सुनिश्चित हो लें, ताकि अमुक योजना के क्रियान्वयन के वक्त कोई अनावश्यक व्यवधान उत्पन्न नहीं हो। जिलाधिकारी अपने कार्यालय कक्ष में तकनीकी विभाग के अधिकारियों के साथ योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि समीक्षा बैठको में प्राय: यह देखा जाता है कि किसी योजना के लिए जमीन चिन्ह्ति हो जाने के बाद कार्यकारी एजेंसी द्वारा तरह-तरह की समस्याएँ बताकर निर्माण कार्य प्रारंभ करने में विलंब किया जाता है। इसके चलते समय एवं ऊर्जा की नाहक बर्बादी होती है। आज तकनीकी विभागों के समीक्षा बैठक में भवन संरचना प्रमण्डल, पथ प्रमण्डल, लघु जल संसाधन प्रमण्डल, बिहार शैक्षणिक आधारभूत संरचना निगम, भवन निर्माण विभाग, बिहार चिकित्सा सेवाएँ अधारभूत संरचना निगम के कार्यपालक अभियंता, प्रबंधक उनके द्वारा ही क्रियान्वित की जा रही कई योजनाओं के अद्यतन वस्तुस्थिति से अनभिज्ञ पाये गये। संबंधित अन्तर्विभागों के बीच समन्वय की साफ कमी देखी गई। एक-दूसरे के बीच सिर्फ पत्र लिखकर औपचारिकता भर पूरी कर ली गई थी। योजनाओं के तीव्र गति से क्रियान्वयन के पीछे काफी उदासीनता भी परिलक्षित हुई। इसके तीव्र गति से क्रियान्वयन हेतु प्रशासी विभागों से फोलो-अप भी नहीं किया गया, जिसके चलते कई योजनाएँ यूं ही पड़ी हुई पाई गई। जिलाधिकारी द्वारा इस पर सख्त नाराजगी व्यक्त किया गया। उन्होंने कहा कि कार्यकारी एजेंसी को प्रत्येक योजना के क्रियान्वयन के लिए पूर्ण संवेदनशील एवं तत्पर रहना होगा। अगर संवेदक के स्तर से कमी पायी जाती है तो तत्क्षण उसके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। योजनाओं को लटकाकर रखने पर सारी जवाबदेही कार्यकारी एजेसी पर फिक्स होगी और उनके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी। वहीं भवन प्रमण्डल द्वारा निर्मित भवनों में इलेक्ट्रीफिकेशन का कार्य में शिथिलता पाये जाने के चलते कार्यपालक अभियंता भवन प्रमण्डल (विद्युत) को कारण पृच्छा किया गया और उनके वेतन भुगतान पर रोक लगा दिया गया। उनके साथ सभी ए.ई., जे.ई के वेतन भुगतान पर भी रोक लगाने का निदेश दिया गया है। जल जीवन हरियाली योजना के तहत प्रथम चरण में कुल 306 सरकारी भवनों में वर्षा जल संचयन स्ट्रक्चर लगाने का दायित्व भवन संरचना प्रमण्डल को दिया गया है लेकिन इस दिशा में अभी तक कोई प्रगति नहीं देखी जा रही है। जिलाधिकारी द्वारा इस पर अप्रसन्नता जाहिर किया गया और अगले एक पक्ष में कार्य में अपेक्षित सुधार नहीं पाये जाने पर कार्यपालक अभियंता भवन संरचना प्रमण्डल के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दिया गया। इस बैठक में भवन निर्माण निगम के ए.जी.एम., कार्यपालक अभियंता उपस्थित नही हुए। लिहाजा उनके वेतन भुगतान पर रोक लगाने हेतु जिलाधिकारी, पूर्णियाँ को पत्र लिखने का निदेश दिया गया। वे पूर्णियाँ जिला में पदस्थापित है और दरभंगा में प्रतिनियुक्ति पर है। इस बैठक में सहायक समाहर्त्ता विनोद दूहन, उप विकास आयुक्त डॉ. कारी प्रसाद महतो, डी.आर.डी.ए. निदेशक वसीम अहमद, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला योजना पदाधिकारी, सभी तकनीकी विभागो के कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता उपस्थित थे। बैठक से अनुपस्थित रहने वालों में भवन निर्माण निगम, लघु सिंचाई प्रमण्डल, भवन संरचना (विद्युत), प्रमण्डल, पथ प्रमण्डल, बेनीपुर, लघु सिंचाई प्रमण्डल के कार्यपालक अभियंता अनुपस्थित पाये गये। इनसे कारणपृच्छा किया गया है और इनके वेतन भुगतान पर रोक लगाने का निदेश दिया गया है।

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