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September 10, 2019

रंग लाया प्रयास: 11 साल बाद 12 सितंबर को रिहा होगा बंग्लादेश की जेल में बन्द सतीश।

दरभंगा: आज भी देश का चौथा स्तम्भ मीडिया अपने आप को समय समय पर सही में चौथा स्तम्भ साबित करता रहा है। जब कोई गरीब हर जगह से थक हार जाता है तो मीडिया वह कर दिखाता है जिसकी उम्मीद पीड़ित भी छोड़ चुका होता है। ऐसा ही कमाल एकबार फिर मीडिया की खबरों और उसपर प्रशासनिक संज्ञान के साथ साथ चर्चित मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल दफ़्तुआर के भागीरथी प्रयास ने कर दिखाया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार हायाघाट प्रखण्ड के एपीएम थाना क्षेत्र के मनोरथा गाँव निवासी स्व0 रामविलास चौधरी का पुत्र सतीश चौधरी को बंग्लादेश के जेल से 11 साल बाद 12 सितंबर को रिहा किया जा रहा है। इस रिहाई में इसी साल चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से सम्मानित प्रसिद्ध मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल दफ़्तुआर के भागीरथी प्रयास का अहम योगदान रहा है।
बांग्लादेश की सरकार ने ढाका स्थित हाई कमीशन आफ इंडिया को सूचित किया है कि 12 सितंबर को दर्शना गेडे बार्डर पर बार्डर गार्डस बांग्लादेश (BGB) सतीश चौधरी को बार्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के हवाले करेगा। हाई कमीशन, ढाका,बांग्लादेश ने इसकी सूचना टेलीफोन से दी है।
मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल रंजन दफ्तुआर सतीश चौधरी को रिसीभ करने के लिये बांग्लादेश बार्डर के लिये रवाना हो चुके हैं।उनके साथ सतीश का भाई मुकेश चौधरी भी रहेगा।
गौरतलब है कि 2008 में मानसिक तौर पर बीमार सतीश चौधरी इलाज के लिये पटना आया था और फिर अचानक गायब हो गया। बाद में 2012 में जानकारी मिली की वह बांग्लादेश के जेल में बंद है।
अपने भाई को छुड़ाने के लिये सतीश का छोटा भाई मुकेश चौधरी ने सालों साल प्रयास किया। 2012 में बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार से भी मुलाकात की, लेकिन परिणाम ढाक के वही तीन पात ही रहे।
थक हारकर मुकेश चौधरी ने इसी साल जुलाई माह में चीफ जस्टिस आफ इंडिया से सम्मानित मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल रंजन दफ्तुआर को पत्र लिखा। श्री दफ्तुआर ने इस पर त्वरित संज्ञान लेते हुये बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, सुप्रीम कोर्ट आफ इंडिया के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा जिस पर त्वरित कारवाई हुई।
चीफ जस्टिस आफ इंडिया के स्तर से इसे जनहित याचिका सेक्शन को भेजा गया। पीएमओ ने विदेश मंत्रालय को निर्देश दिया। विदेश मंत्री के स्तर पर इसे हाई कमीशन आफ इंडिया, ढाका, बांग्लादेश को कारवाई हेतु भेजा गया।जिसके बाद हाई कमीशन आफ इंडिया, ढाका, बांग्लादेश के काउंसलर गौतम विश्वास ने विशाल दफ्तुआर से टेलीफोन पर बातचीत की और ईमेल भेजकर सतीश चौधरी के नागरिकता प्रमाण पत्र उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया जिसे दफ्तुआर के स्तर से 14 अगस्त को उन्हें उपलब्ध करवा दिया गया।
सीएम नीतीश कुमार के स्तर से इसे होम सेक्रेट्री, बिहार और डीएम, दरभंगा को कारवाई हेतु भेजा गया।
इस बारे में मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल रंजन दफ्तुआर ने कहा कि अगर नागरिकता प्रमाण पत्र में विलंब नहीं होता तो वे 15 अगस्त तक सतीश चौधरी को कैदमुक्त करवा लिये होते।उन्होंने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना का विशेष शुक्रिया अदा किया है जिन्होंने उसे मानवीयता के आधार पर कैदमुक्त करने के उनके विशेष अनुरोध को स्वीकार किया।

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