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September 12, 2019

गर्भवती महिलाओं के परिवार एवं मेडिकल हिस्ट्री की डाटा इन्ट्री जरूरी : डीएम।

दरभंगा : जिला के जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम ने कहा है कि वंडर एप पर गर्भवती महिलाओं के फैमिली एवं मेडिकल हिस्ट्री की डाटा  इन्ट्री आवश्यक है। इसके बिना उक्त महिला के केस में कोई एलर्ट जेनरेट नहीं होगा। इसीलिए प्रत्येक गर्भवती महिला की संपूर्ण देखभाल के लिए उनका फैमिली हिस्ट्री, मेडिकल हिस्ट्री, Obstetric हिस्ट्री की पूर्व जानकारी चिकित्सक को होनी चाहिए। किसी भी गर्भवती महिला की गर्भावस्था अथवा प्रसव के दौरान कोई जटिलता (कंपलीकेशन) उत्पन्न होती है तो चिकित्सकों के द्वारा इसकी चिकित्सा आसानी से की जा सकेगी। जिलाधिकारी ने पुनः दोहराया कि वंडर एप को सही तरीके से अपनाने से मातृत्व मृत्युदर के साथ-साथ नवजात शिशुओं की मृत्युदर को रोकने में कारगर होंगें। उन्होंने ये बातें जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक में चिकित्सको को संबोधित करते हुए कहा है।

जिलाधिकारी ने बताया गया कि डॉ. नर्मधा द्वारा वंडर एप को विकसित किया गया है। यह एप पूर्णतया निःशुल्क है। राज्य सरकार द्वारा इस एप को सभी जिले में लागू करने हेतु एमओयू पर शीघ्र हस्ताक्षर होने वाली है। इस एप के सही-सही इस्तेमाल से गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं की अकाल मृत्यु को हम रोक पायेंगे। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिला की फैमिली, मेडिकल,Obstetric, हिस्ट्री की इस एप पर प्रविष्टि रहने पर उक्त महिला को कालातंर में जैसे ही कोई जटिलता होगी तो चिकित्सकों को इसकी जानकारी तुरंत हो जायेगी और इसका फोलोअप शुरू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि शुरू में दरभंगा जिला के बहादुरपुर एवं बेनीपुर प्रखण्डों में इस एप को लॉन्च किया गया था। अब इस एप को सभी प्रखण्डों में लॉच कर दिया है। इसमें सबसे पहला और जरूरी कार्य गर्भवती महिलाओं का संपूर्ण डाटा कलेक्ट कर एप में इन्ट्री करना होगा। उन्होंने कहा कि किसी भी गर्भवती महिलाओं की संस्थागत प्रसव कराया जाना है। इसके लिए गर्भधारण के साथ ही आशा कार्यकर्त्ता द्वारा गर्भवती महिलाओं की देखभाल कराई जाती है। उन्हें रूटीन चेकअप के लिए निकट के स्वास्थ्य केन्द्रों/अस्पताल में ले जाया जाता है। रूटीन चेकअप के वक्त ही उक्त महिला का संपूर्ण हिस्ट्री कलेक्ट कर ली जाए और इसकी प्रविष्टि वंडर एप पर कर दी जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि वंडर एप पर डाटा की इन्ट्री का अनुश्रवण प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी करेंगे। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एलर्टेड गर्भवती महिला को प्रत्येक दिन फोलोअप करेंगे। उन्होंने कहा है कि सभी चिकित्सको एवं कर्मियों को निश्चित रूप से कार्य करनी होगी। किसी भी चिकित्सक/कर्मी के द्वारा थोड़ी भी लापरवाही या उदासीनता बरते जाने पर उनके विरूद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
डॉ. अम्बेदकर सभाकक्ष में आयोजित स्वास्थ्य की इस बैठक में वंडर एप क्या है, इसमें डाटा की इन्ट्री कैसे करनी है इसके बारे में केयर इण्डिया की डॉ. श्रद्धा एवं ऑपरेटर राकेश द्वारा प्रोजेक्टर पर लाइव डिमोस्ट्रेशन किया गया। डॉ. श्रद्धा ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया कि गर्भवती महिला की मेडिकल एवं Obstetric, हिस्ट्री एप पर अपडेट नहीं रहने के चलते बहुत कम एलर्ट जेनरेट हुआ है। वंडर एप पर 12048 गर्भवती महिलाओं का निबंधन हुआ है लेकिन इसमें से मात्र 180 महिला के केस में ही एलर्ट जेनरेट हुआ है।

बहादुरपुर प्रखण्ड में 3624 गर्भवती महिलाओं का निबंधन हुआ है लेकिन मात्र 9 के केस में ही एलर्ट जेनरेट हुआ है। वहीं बेनीपुर प्रखण्ड में कुल 3416, सदर दरभंगा में 934 गर्भवती महिलाओं का ऐप पर निबंधन हुआ है। जिलाधिकारी ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को सभी एलर्टेड महिलाओं की अलग-अलग फाइल मेनटेन करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि प्रखण्ड के निरीक्षण के क्रम में वे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का भी निरीक्षण करेंगे और वंडर एप की प्रगति की समीक्षा करेंगे। जिलाधिकारी ने एलर्टेड गर्भवती महिलाओं के साथ एक-एक जीविका दीदी को टैंग करने का निर्देश डीपीएम जीविका को दिया है। ये जीविका दीदी एलर्टेड गर्भवत्ती महिलाओं को स्वास्थ्य केन्द्रों में ले जाने में सहयोग प्रदान करेगी।
सिविल सर्जन डॉ. एके झा ने स्पष्ट किया कि इस एप में दो तरह के एलर्ट जेनरेट होगे एक रेड एवं एक यल्लो। उन्होंने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को कहा है कि केस ज्यादा कंप्लीकेटेड होने पर पेशेंट को तुरंत बड़े अस्पताल/डीएमसीएच में रेफर किया  जाए।  गर्भवती महिला की तुरंत समुचित चिकित्सा की जाए इस बैठक में सिविल सर्जन डॉ. एके झा, डीआईओ. डॉ. एके मिश्रा, जिला स्तरीय चिकित्सक, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, केयर इण्डिया की डॉ. श्रद्धा, डीएचएम डीपीएम जीविका, सभी बीएचएम डाटा इन्ट्री ऑपरेटर आदि उपस्थित थे।

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