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October 4, 2019

तीन सीडीपीओ के विरुद्ध प्रपत्र क गठित करने का आदेश पारित।

दरभंगा: डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों को स्पष्ट अल्टीमेटम दे दिया है कि आईसीडीएस योजना में किसी भी स्तर पर अनियमितता या गड़बड़ी पाये जाने पर दोषी पदाधिकारी एवं कर्मी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जायेगी।
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन में अनियमितता बरते जाने की काफी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। आंगनबाड़ी केन्द्रों में रिक्त पदों पर सेविका, सहायिका चयन में भी गड़बड़ी किये जाने की शिकायतें मिली हैं। यहां तक कि सांसद व विधायकों द्वारा भी आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन में गड़बड़ी किये जाने की शिकायतें की गई हैं। सेविका-सहायिका चयन में अनियमितता की शिकायतों की जांच कराई गई है। अब तक जांच में जाले, बहेड़ी, हनुमाननगर, हायाघाट, अलीनगर परियोजनाओं के बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं महिला पर्यवेक्षिकाओं के विरुद्ध आरोपों की पुष्टि हुई है। इस कारण बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, जाले कविता कुमारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, बहेड़ी अर्चना कुमारी एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी अलीनगर/कुशेश्वरस्थान लक्ष्मी रानी के विरुद्ध प्रपत्र ‘क में आरोप पत्र गठित कर कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई के लिए विभाग को प्रतिवेदित कर दिया गया है। वहीं बहेड़ी की पर्यवेक्षिका मनोरमा कुमारी व हनुमाननगर की पर्यवेक्षिका रिंकू रानी जायसवाल का अनुबंध समाप्त कर दिया गया है। हायाघाट की पर्यवेक्षिका नंद कुमारी एवं समता सिंह के 15 दिनों की वेतन की कटौती की गई है तथा अलीनगर की पर्यवेक्षिका गायत्री कुमारी एवं लिपिक ब्रज मोहन झा से स्पष्टीकरण पूछा गया है। इनके स्पष्टीकरण के आधार पर कार्रवाई का निर्णय लिया जायेगा। डीएम ने कहा है कि आंगनबाड़ी सेविकाओं के विरुद्ध दायर परिवादों की सुनवाई के बाद सात सेविकाओं को चयनमुक्त कर दिया गया है। इनमें जाले की मिसी कुमारी एवं सुप्रीता कुमारी, हायाघाट की अन्नु कुमारी, कृष्णा कुमारी एवं आरती देवी तथा बेनीपुर की शिल्पा कुमारी एवं रेणु कुमारी शामिल हैं। डीएम ने सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को आंगनबाड़ी केन्द्रों का नियमित निरीक्षण करने एवं इसका समुचित संचालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए सेविका, सहायिका के चयन में अनियमितता बरते जाने की काफी शिकायतें आ रही हैं। इसलिए संबंधित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी चयन प्रक्रिया का अच्छे से अनुश्रवण करें। चयन में अनियमितता होने पर महिला पर्यवेक्षिका के साथ-साथ बाल विकास परियोजना पदाधिकारी पर भी जवाबदेही तय होगी। डीपीओ आईसीडीएस ने बताया कि सभी परियोजनाओं में कुल 179 परिवाद प्राप्त हुए हैं। इनमें से 110 परिवादों में आदेश निर्गत किया गया है। इनमें से 96 मामलों का अनुपालन करा दिया गया है। जिलाधिकारी ने लंबित वादों की सुनवाई कर इस माह में निवारण करने का निर्देश दिया है। बैठक में सहायक समाहर्ता विनोद दूहन, डीडीसी डॉ. कारी प्रसाद महतो, डीपीओ आईसीडीएस अलका आम्रपाली एवं अन्य बाल विकास परियोजना पदाधिकारी सम्मिलित हुए। बहेड़ी एवं जाले की बाल विकास परियोजना पदाधिकारी बैठक में उपस्थित नहीं हुई। इनसे स्पष्टीकरण पूछा गया है और वेतन भुगतान पर रोक लगा दी गयी है।

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