Home Featured देश में स्वतंत्रत विचार, लेखन और सोच पर पहरा बिठा दिया गया है : धीरेंद्र झा।
October 20, 2019

देश में स्वतंत्रत विचार, लेखन और सोच पर पहरा बिठा दिया गया है : धीरेंद्र झा।

दरभंगा : महात्मा गांधी जयंती के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित प्रतियोगिता परीक्षा का परिणाम और पारितोषिक वितरण समारोह में रविवार को स्थानीय लॉ कॉलेज में आयोजित किया गया। जिसमें 319 छात्र-छात्राओं ने फॉर्म भरे और मुख्य रूप से परिक्षा में 266 छात्र उपस्थित रहे। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए आईसा के संस्थापक महासचिव सह भाकपा माले के पोलित ब्यूरो सदस्य कॉमरेड धीरेंद्र झा ने कहा कि लंबे संघर्ष और अनगिनती कुर्बानियों से प्राप्त आजादी और आजादी के आंदोलन का मूल्यबोध आज खतरे में है। देश में स्वतंत्र विचार, लेखन और सोच पर पहरा बिठा दिया गया है। और संविधान के मौलिक ढांचे को बदला जा रहा है। नई पीढ़ी को अपने इतिहास से रूबरू होते हुए संविधान और लोकतंत्र बचाने के लिए संघर्ष को आगे बढ़ाना चाहिए। वहीं गांधी जी की 150 वीं वर्ष गांठ पर संवैधानिक लोकतंत्र की चुनौतियां विषय पर आयोजित संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए जसम के राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति सदस्य सह समकालीन चुनौती के संपादक डॉक्टर सुरेंद्र प्रसाद सुमन ने कहा कि यह हर्ष और उत्साह का विषय है की अधिकांश प्रतिभागियों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के क़ातिल को अच्छी तरह जानने के साथ-साथ संविधान निर्माता बाबासाहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर और बनाए गए संविधान का विरोध करने वाले संगठन आरएसएस और हिंदू महासभा को बखूबी जानते और पहचानते हैं। उसके साथ ही जनवादी मूल्यों के लिए हंसते-हंसते कुर्बान होने वाले शहीद-ए-आजम भगत सिंह एवं उनके सहयोगियों को भी मानते हैं। इसलिए मौजूदा बर्बर फासीवादी दौर में छात्र-नौजवानों को अपनी दिशा और दृष्टि तय करते हुए यह संकल्प लेना पड़ेगा की आखिर यह मुल्क गांधी जी के कातिलों का मुल्क बनेगा या शहीद-ए-आजम वीर भगत सिंह और बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर के सपनों का मुल्क बनेगा। विषय प्रवेश करते हुए जन संस्कृति मंच के जिला सचिव डॉक्टर रामबाबू आर्य ने कहा कि आज संवैधानिक लोकतंत्र को सबसे बड़ा खतरा मौजूदा फासीवादी निजाम और सत्ता संस्कृति संरक्षित नफरत फैलाने वाले तत्वों से है। इसलिए छात्रों-नौजवानों के लिए बहुत बड़ा दायित्व है की जनतांत्रिक मूल्यों के साथ-साथ भगत सिंह और अंबेडकर के सपनों को कैसे साकार किया जाए। दरभंगा शहर के जाने-माने इंकलाबी कवि और भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार से सम्मानित कवि मनोज कुमार झा ने कहा कि गांधीजी सत्य का प्रयोग करते थे। और मौजूदा सत्ता झूठ का प्रयोग करती है। ऐसी स्थिति में छात्रों नौजवानों को विशेष रुप से सोचना चाहिए कि झूठ को कैसे परास्त किया जाए। कन्वेंशन के अंतिम दौर में बोलते हुए दरभंगा इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर शंभू शरण सिंह ने कहा कि जनतांत्रिक मूल्यों के साथ-साथ स्वस्थ विचारों एवं स्वस्थ मूल्यों की हिफाजत करना ही छात्र-नौजवानों का सबसे बड़ा दायित्व है। बताते चलें कि इस परिक्षा के सफल प्रतिभागियों में सीनियर ग्रेड के प्रथम 10 छात्रों सहित सभी प्रतिभागियों छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया तथा जूनियर ग्रेड के प्रथम 13 सहित सभी प्रतिभागियों छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया।
सीनियर ग्रेड में सतीश राम ने 87 अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान प्राप्त किया वहीं जूनियर ग्रेड में उमाशंकर कुमार ने 95 अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान प्राप्त किया।
मौके पर इंसाफ मंच के नेता कॉमरेड नियाज अहमद, जसम के जिला अध्यक्ष प्रोफेसर अवधेश कुमार सिंह, भाकपा माले के जिला सचिव कॉमरेड बै्‍धनाथ यादव, इंकलाबी नौजवान सभा के जिला सचिव गजेन्द्र नारायण शर्मा, इनौस के महानगर अध्यक्ष रंजीत राम, शिक्षक संघ के नेता फतेह आलम, दरभंगा के चर्चित डॉक्टर सूरज पासवान, आईसा के सचिव विशाल मांझी, मयंक कुमार, भाकपा माले जिला कमेटी सदस्य देवेंद्र कुमार, उमेश प्रसाद, नंदलाल ठाकुर आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम का अध्यक्षता इनौस नेता गजेन्द्र नारायण शर्मा, रंजीत राम आईसा नेता मयंक कुमार ने संयुक्त रूप से किया वहीं मंच संचालन इंकलाबी नौजवान सभा के जिला अध्यक्ष केसरी कुमार यादव ने किया, धन्यवाद ज्ञापन जसम के डॉक्टर कल्याण भारती ने किया।

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