Home Featured तो क्या ओवरब्रिज मामले में आठ सालों से झूठ बोल रहे हैं जनप्रतिनिधि! दिशा की बैठक में खुली पोल।
October 30, 2019

तो क्या ओवरब्रिज मामले में आठ सालों से झूठ बोल रहे हैं जनप्रतिनिधि! दिशा की बैठक में खुली पोल।

दरभंगा: दरभंगा शहर में रेलवे ओवरब्रिज के जल्द निर्माण के आठ सालों से जनप्रतिनिधियों के दावों की पोल बुधवार को खुलती नजर आयी है। शीघ्र निर्माण की उम्मीदों को उस समय तगड़ा झटका लगा जब सांसद की अध्यक्षता में आयोजित जिला समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में पुल निर्माण निगम लिमिटेड के प्रतिनिधि ने बताया कि इस दिशा में अभी केवल प्रारम्भिक चरण सर्वे ही हुआ है। अब उसका डिजाइन तैयार कराया जाएगा और डिजाइन को अप्रूव होने केलिए भेजा जाएगा। डिजाइन अप्रूव होने के बाद डीपीआर बनने की प्रक्रिया होने के बाद यह टेंडर प्रकिया में जायेगा।

बताते चलें कि दरभंगा शहर में जिला से लेकर प्रमंडलीय मुख्यालय तक के कार्यालय, डीएमसीएच, व्यवहार न्यायालय आदि सहित कई महत्वपूर्ण संस्थान अवस्थित हैं। इनके कारण दूरदराज से लोगों का आवागमन भारी संख्या में होता है। रेलवे जंक्शन पर दूरदराज की ट्रेनें आती हैं और अच्छी खासी संख्या में ट्रेनों की आवाजाही होती है। रेल लाइन शहर के मध्य होकर गुजरती है और इस वजह से कई रेल फाटकों के घण्टो बन्द रहने से यातायात थम जाता है औऱ इससे उतपन्न जाम पूरे शहर को जाम कर देता है। इन्ही वजहों से शहर में वर्षों से जाम की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है। करीब एक दशक से अधिक से रेलवे समपारों पर ओवरब्रिज की मांग उठ रही है। इस पर करीब आठ वर्ष पूर्व प्रक्रिया शुरू हुई और 2014 में तत्कालीन सांसद कीर्ति आजाद एवं नगर विधायक संजय सरावगी द्वारा लोकसभा चुनाव से ठीक पूर्व शिलान्यास भी किया गया था। परंतु शिलान्यास के बाद निर्माण कार्य शुरू होना तो दूर, जो पाइलिंग शिलान्यास के दौरान गाड़ा गया था, वह भी उखड़ गया। पुनः जब यह मुद्दा गरमाया तो नगर विधायक संजय सरावगी द्वारा कई बार डीपीआर बनने आदि और शीघ्र निर्माण की खबरे सोशल मीडिया एवं मीडिया के माध्यम से दी गयी। परंतु एक ईंट तक नही गाड़ा गया। पुनः लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले दरभंगा के तात्कालीन जिलाधिकारी डॉ0 चन्द्रशेखर सिंह द्वारा एक सर्वदलीय बैठक बुलाकर सात ओवरब्रिजों के डीपीआर स्वीकृत होकर शीघ्र निर्माण की बात कही गयी। परंतु आजतक इस दिशा में कोई कार्य नही हुआ। भाजपा सांसद गोपालजी ठाकुर ने चुनाव के दौरान चुनाव जीतते ही बाधाओं को दूर करवाकर प्राथमिकता के आधार पर ओवरब्रिजों के निर्माण का वादा लोगो से किया। चुनाव जीतने के बाद भी सदन में प्रश्न उठाने एवं लगातार शीघ्र शुरु होने का नाम कहते रहे। सौ दिनों के भीतर स्टेटस रिपोर्ट मीडिया में देने का वादा करके डेढ़ सौ दिन पूरा हो जाने पर भी स्टेटस रिपोर्ट नही दे पाये। केवल मांग उठाने और शीघ्र निर्माण की बात कहते रहे। हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने के बाद महीने दो महीने में निर्माण शुरू होने की उम्मीद भी सांसद गोपालजी ठाकुर ने जतायी थी। पर स्टेटस नही बताया।
इस तमाम दावों की पोल बुधवार को दिशा की बैठक में खुल गयी जब पुल निर्माण निगम लिमिटेड के प्रतिनिधियों ने इसकी असली हकीकत बतायी। इस खुलासे के बाद निश्चित रूप से पूर्व एवं वर्तमान प्रतिनिधियों द्वारा जनता को भ्रमित करने के आरोप को बल मिलता है। साथ ही वर्तमान सांसद द्वारा बिना अद्यतन स्टेटस की जानकारी के बिना बयानबाजी भी की गयी।
बताते चलें कि दरभंगा शहर के सबसे प्रमुख इलाका लहेरियासराय है जहां जिला से लेकर प्रमंडल तक के तमाम कार्यालय एवं प्रशासनिक महकमा अवस्थित हैं। लहेरियासराय स्टेशन पर रैक पॉइंट भी है। स्टेशन से सटे चट्टी चौक रेलवे गुमटी से दर्जनों गांवों के लोग मुख्यालय आते हैं। ऐसे में स्टेशन से सटे रेलवे गुमटी होने के कारण ट्रेनों के क्रासिंग एवं रैक पॉइंट होने के कारण मालगाड़ियों के शंटिंग के कारण गुमटी सबसे ज्यादा समय बन्द रहता है और जाम की समस्या घण्टों बनी रहती है। इसी समस्या को देखते हुए स्टेशन के दक्षिण दिशा में एक फुटओवरब्रिज बना हुआ था जिस होकर दो चक्के और तीन चक्के वाहन भी पास हो जाते थे। कार्यालय आदि जाने वाले लोग गुमटी बन्द रहने पर इसे वैकल्पिक मार्ग के रूप में इस्तेमाल करते थे। करीब तीन-चार वर्ष पहले इसके पीलर डैमेज हो गये थे। डैमेज को रिपेयर लायक नही बता कर इसे तोड़कर पुनः निर्माण की बात रेल प्रशासन द्वारा बतायी गयी थी। इसप्रकार इस पुल को तोड़ दिया गया। परंतु निर्माण नही हुआ। ओवरब्रिज के निर्माण को लेकर स्थानीय लोगों द्वारा कई आंदोलन के बाद करीब ढाई वर्ष पूर्व डीआरएम द्वारा इसे जल्द पुनर्निर्माण करवाने का आश्वासन स्थानीय लोगों को दिया गया था। परंतु उस दिशा में भी कोई कार्य आजतक आगे नही बढ़ा। तोड़े गये फुटओवरब्रिज के अवशेष आज भी हैं। इस ओवरब्रिज के निर्माण जमीन अधिग्रहण की समस्या भी नही है क्योंकि यहां लिंकेज रोड पूर्व से ही बना हुआ है।
ओवरब्रिज के शीघ्र निर्माण के नाम पर वर्षों से ठगे जा रहे शहर की जनता को फिलहाल निकट भविष्य में ओवरब्रिज निर्माण की शुरू होने की उम्मीद खत्म होती दिख रही है। ऐसे में यदि तोड़े गए फुटओवरब्रिज को तत्परता से पुनः निर्माण करवाने की दिशा में जनप्रतिनिधियों द्वारा इच्छाशक्ति प्रदर्शित की जाती है तो इसका निर्माण निकट भविष्य में हो सकता है और तात्कालिक कुछ राहत जनता को मिल सकती है। ऐसे अब देखने वाली बात होगी ओवरब्रिज के शीघ्र निर्माण के नाम पर लगातार जनता को ठगने वाले जनप्रतिनिधिय तोड़े गए फूटिव्रब्रिज निर्माण की दिशा में भी कम से कम पारदर्शिता के साथ तत्परता दिखा पाते हैं या नही!

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