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November 18, 2019

औचक निरीक्षण में डीएम के नाक के नीचे चल रहे कार्यालयों के कार्य संस्कृति की खुली पोल।

दरभंगा: दरभंगा को डाॅ0 त्यागराजन एसएम के रूप में एक कर्मठ जिलाधिकारी मिलने का सौभाग्य भले प्राप्त हुआ हो, पर लाख कोशिशों के बाबजूद शायद मातहत कर्मियों एवं पदाधिकारियों के लाटसाहबी कार्य संस्कृति को बदल नही पाये हैं। सोमवार को जिलाधिकारी के औचक निरीक्षण में कहीं दूर दराज के कार्यालयों की नही, बल्कि उनके नाक के नीचे समाहरणालय परिसर स्थित कार्यालयों में कर्मियों एवं पदाधिकारियों की लेटलतीफी एवं लाटसाहबी साममे आ गयी। इससे दूरदराज के प्रखंडों एवं अंचलों में चल रहे कार्यालयों में पदाधिकारी एवं कर्मियों का आमजन के कार्यो के प्रति कितनी प्रतिबद्धता रहती होगी, सहज ही समझा जा सकता है। सबसे बुरा हाल अनुमंडल लोक शिकायत निवारण कार्यालय का मिला, जहां पदधिकारी तो लेट थे ही, उनके तीन कर्मी भी गायब मिले। आये हुए परिवादी इंतजार में बैठे थे। उन्होंने जिलाधिकारी को आपबीतियाँ सुनायी, उसे सुनकर लगा जैसे यह कार्यालय लोक शिकायत निवारण नही, शिकायत बढ़ाओ कार्यालय की भूमिका निभा रहा हो।
इस संबंध में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा मीडिया को जानकारी देते हुए बताया गया कि सोमवार को दिन के 11 बजे समहारणाल स्थित विभिन्न कार्यालयों का औचक निरीक्षण जिलाधिकारी द्वारा किया गया। निरीक्षण के समय कई पदाधिकारी एवं कर्मी अपने कार्यालय में उपस्थित नही पाये गये। जिलाधिकारी द्वारा इस पर सख्त नाराजगी व्यक्त किया गया और इसे खराब कार्य संस्कृतिका हवाला देते हुए संबंधित अनुपस्थित कर्मियों से कारण पृच्छा किया गया है और उनके एक दिन के वेतन भुगतान पर रोक लगा दिया गया है।
जिलाधिकारी ने बारी-बारी से विभिन्न कार्यालयों एवं शाखाओं में जाकर उपस्थित कर्मियों से उनके कार्य दायित्व की जानकारी प्राप्त किया एवं अनुपस्थित कर्मियों के विरूद्ध अनुशासनिक कारवाई करने का निदेश दिया।
निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी द्वारा एनआईसी, जिला लोक शिकायत, राजस्व, अनुमण्डल लोक शिकायत, कल्याण, उत्पाद, आपूर्ति, सामान्य शाखा, आईटी आदि कोषांगो का निरीक्षण किया गया।
जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में दो कर्मी अनुपस्थित मिले, जिनके बारे में अवकाश पर रहने की बात बताई गयी। अनुमण्डल लोक शिकायत निवारण कार्यालय में तीन कर्मी अनुपस्थित मिले। इसमें पूजा कुमारी, अमित सहनी एवं मो. तनवीर के नाम शामिल है। अनुमण्डल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी कुछ विलंब से पहुँच गये। इस कार्यालय में पांच कार्यपालक सहायक की प्रतिनियुक्ति है। जिलाधिकारी ने दो कार्यपालक सहायको की प्रतिनियुक्ति रद्द करने का निदेश दिया। जिला कल्याण शाखा में प्रधान सहायक ही अनुपस्थित मिले। आपूर्ति शाख में एक कर्मी अनुपस्थित थे। राजभाषा शाखा में सभी कर्मी अनुपस्थित थे। जबकि राजस्व शाखा में संजीत चैपाल अनुपस्थित थे।
अनुपस्थित पाये गये सभी कर्मियों से कारण पृच्छा किया गया है और उनके सोमवार के वेतन भुगतान पर रोक लगा दिया गया है।
अधिकारियों में उत्पाद अधीक्षक गणेश प्रसाद अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित पाये गये। इनसे कारण पृच्छा किया गया है और इनके एक दिन के वेतन भुगतान पर रोक लगाया गया है। विलंब से कार्यालय पहुँचे अनुमण्डल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी संजय सिंह, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी विरेन्द्र नारायण पाण्डेय एवं जिला आपूर्ति पदाधिकारी अजय कुमार गुप्ता के नाम से कारण पृच्छा किया गया है।
अनुमण्डल लोक शिकायत निवारण कार्यालय में कई परिवादी सुनवाई हेतु इंतजार करते पाये गये। परिवादियों का कहना था कि सुनवाई के लिए 11 बजे समय दिया गया था, लेकिन समय पर सुनवाई नही होती है। विगत 11 नवम्बर को भी सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित थी, लेकिन सुनवाई नही हुई।
जिलाधिकारी ने अनुमण्डल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को कहा है कि परिवादियों की संख्या अधिक होने पर सुनवाई का समय एडजस्ट किया जाये ताकि किसी भी परिवादी को सुनवाई के लिए ज्यादा देर तक समय नहीं बिताना पड़े।
जिलाधिकारी ने जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी आरआर प्रभाकर को अनुमण्डल लोक शिकायत निवारण कार्यालय में सुनवाई की प्रक्रिया को रेग्यूलराइज कराने को कहा। सभी लिपिको को टेबुल पर नेम प्लेट रखने को भी कहा गया है। निरीक्षण के क्रम में अपर समाहर्ता विभूति रंजन चौधरी, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी आरआर प्रभाकर, जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी सुशील कुमार शर्मा आदि साथ थे।

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