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December 17, 2019

शरणार्थियों की नागरिकता केलिए नेहरू एवं कांग्रेस ने केवल कहा, भाजपा ने कर दिखाया: जिबेश।

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दरभंगा: नागरिकता संशोधन एक्ट नागरिकता देने वाला एक्ट है, किसी की नागरिकता छीनने वाला नही। फिर इसका विरोध क्यों! महात्मा गांधी और पंडित नेहरू भी पाकिस्तान से आये शरणार्थियों केलिए चिंता जता चुके हैं। नेहरू जी भी उनके पुनर्वास की बात कर चुके हैं। कांग्रेस पार्टी के कई नेता पूर्व में बोल चुके हैं। उसी चीज को आज भाजपा ने कर दिखाया तो कांग्रेस को आज साथ देना चाहिए न कि विरोध करना चाहिए।
उक्त बातें बिहार भजपा के प्रदेश प्रवक्ता सह जाले के विधायक जिबेश कुमार ने कहीं। वे मंगलवार को उक्त मुद्दे पर दरभंगा परिसदन ने प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे।
श्री कुमार ने कहा कि इस एक्ट पर देश के विभिन्न हिस्सों में कांग्रेस अल्पसंख्यकों को बरगला कर हंगामा करवा रही है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 26 सितम्बर 1947 को को कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दू एवं सिक्ख अगर वहां निवास नही करना चाहते हैं तो वे भारत आ सकते हैं। ऐसे में उन्हें नौकरी देना और उनके जीवन को सामान्य बनाना भारत सरकार का पहला कर्तव्य है।
27 फरवरी 1950 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष पटाढ़ी सीतारमैया ने भी कहा था कि संघर्ष एवं पीड़ा का वह सिलसिला जारी है। जो बार बार संकट पैदा करता है। वर्तमान में पूर्व एवं पश्चिम बंगाल में अनिवार्य रूप से अल्पसंख्यको की रक्षा करने का मुद्दा है। साथ देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भी इस मुद्दे पर 25 जनवरी 1948 अपनी बात कही थी जो कांग्रेस द्वारा संचालित नेशनल हेराल्ड अखबार में प्रकशित था। उन्होंने कहा था कि मुझे लगता है कि केंद्रीय राहत कोष का उपयोग करना वांछनीय होगा जिसका उपयोग किसी भी आपातकालीन राहत केलिए किया जाता है, लेकिन इसका उपयोग विशेष रूप से पाकिस्तान से आये शरणार्थियों के राहत एवं पुनर्वास केलिए किया जाना चाहिए जो प्रताड़ित होकर भारत आये हैं। इसके अलावा कांग्रेस के कई अन्य गृहमंत्री एवं अन्य नेता भी इस विषय पर अपनी बात कह चुके हैं।
श्री कुमार ने कहा कि जो बातें केवल नेहरू एवं कांग्रेस ने बोली पर किया नही, उसी काम को आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर दिखाया है। इसपर तो अब कांग्रेस के लोगों को समर्थन में आना चाहिए, न कि इस देश के अल्पसंख्यक समुदाय के अंदर भय उतपन्न करना चाहिए। साथ ही उन्होंने कांग्रेस से सवाल किया कि इस एक्ट को लेकर अल्पसंख्यकों में भय क्यों उतपन्न कर रहे हैं, जबकि इस एक्ट का इस देश के अल्पसंख्यकों का कोई लेना देना नही है।
साथ ही प्रवक्ता श्री कुमार ने अल्पसंख्यक बुद्धिजीवियों से आह्वान किया कि वे आगे आएं और लोगो को इस एक्ट को गंभीरता पूर्वक समझाए ताकि पोलिटिकल लाभ के लिए अल्पसंख्यको को बहका कर उन्हें कोई दिग्भ्रमित न करे। उन्हें समाज में जाकर लोगो को समझना चाहिए कि इस एक्ट का इस देश मे रह रहे किसी भी अल्पसंख्यक का कोई भी लेना देना नही है। यह तो तीन देशों पाकिस्तान, बंग्लादेश एवं अफगानिस्तान से धर्म के आधार पर प्रताड़ित होकर यहाँ आएं हैं, उन्हें नागरिकता देने केलिए है। यह तो स्पष्ट है कि इन देशों में धर्म के आधार पर प्रताड़ित तो वहां के अल्पसंख्यक ही होते हैं। इस शरणार्थी भी वही होंगे। रही बात इन देशों के मुस्लिमों की, तो वे इन देशों में धर्म के आधार पर प्रताड़ित तो नही हो सकते। फिर भी यदि कोई मुस्लिम भी नागरिकता चाहता है तो उसका प्रावधान 1955 के एक्ट 6 में है जिसके तहत वे आवेदन कर नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं। पिछले पांच साल में 566 से अधिक मुस्लिमो को भारत की नागरिकता इस एक्ट के तहत दी गयी है।
इस मुद्दे पर हंगामा करने वाले विपक्ष पर हमला करते हुए जिबेश कुमार ने कहा कि 2019 में भाजपा को हराने केलिए जिनलोगों ने गठबन्धन किया उनकी जमानत जब्त हो गयी। दूसरी तरफ भाजपा सत्ता में आते ही इतने कम समय मे अपने वादे पूरे कर रही है। इससे विपक्ष के पास कोई मुद्दा नही बचा। इसलिए विपक्ष नागरिकता संसोधन एक्ट पर अल्पसंख्यकों को बरगला कर हंगामा करवा रहा है। देश के अंदर लाखों शरणार्थियों जिन्होंने अपने बहन बेटियों के साथ गलत होते देखा है पाकिस्तान के अंदर, जो अपना सबकुछ लुटा कर आये हैं शरण लेने, उनके लिए कोई कानून बना है, तो इस देश का अल्पसंख्यक समुदाय कभी उसका विरोध नही कर सकता। जिन लोगों ने इसे हथकंडा के रूप में अपनाने का काम किया है, उन्हें बेनकाब करना होगा। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय के बुद्धिजीवी को आगे आकर लोगों के बीच जाकर कार्य करना चाहिए।

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