ड्रगिस्ट एवं केमिस्ट एसोसिएशन के तीन दिवसीय हड़ताल के पहले दिन पूरी तरह बंद रही दवा दुकानें।
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दरभंगा: पूरे राज्य में बिहार केमिस्ट और ड्रगिस्ट एसोसिएशन अपनी मांगों को लेकर तीन दिवसीय हड़ताल पर है. इस दौरान दरभंगा में भी सभी थोक और खुदरा दुकानें बंद रही. हड़ताल 22 से लेकर 24 जनवरी तक रहेगा. विभिन्न जगहों पर दवा दुकानदार अपनी दुकानें बंद करके हाथ में पोस्टर लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. इससे दवा लेने आए मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि आकस्मिक दवाइयों को बंद नहीं किया गया है. हालांकि, सरकारी एवं निजी अस्पतालों में दवा दुकानें सुचारू रूप से चलती रहेंगी और वहां पर मरीजों को दवाएं उपलब्ध होगी. अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाओं में भी दवा उपलब्ध रहेगी मगर बाकी पूरे प्रदेश में सभी दवा दुकानें 3 दिनों तक बंद रहेंगी.
दरभंगा में केमिस्ट और ड्रगिस्ट एसोसिएशन सात सूत्री मांगों को लेकर तीन दिवसीय हड़ताल पर है. हड़ताल के दौरान अस्पतालों के इंडोर मरीजों को ही दवा उपलब्ध कराने की छूट है. उत्तर बिहार की सबसे बड़ी दवा मंडी हॉस्पिटल रोड के अलावा शहर के अन्य इलाकों में दवा की दुकानें बंद रहने से मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है.
बताते चलें कि बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन राज्य सरकार के द्वारा सभी दवा दुकानों पर फार्मासिस्ट की नियुक्ति का विरोध कर रहा है. बिहार सरकार ने हाल में ही सभी दवा दुकानों पर फार्मासिस्ट की नियुक्ति को अनिवार्य कर दिया है और इसी का दवा विक्रेता विरोध कर रहे हैं.
एसोसिएशन का मानना है कि राज्य सरकार के ड्रग इंस्पेक्टर भी लगातार दवा दुकानों पर छापेमारी करके दवा विक्रेताओं को प्रताड़ित कर रहे हैं.
एसोसिएशन का मानना है कि ड्रग इंस्पेक्टर के द्वारा गलतियां पकड़े जाने पर उन्हें दंडित करने से पहले दवा विक्रेताओं को सुधार के लिए उचित समय दिया जाना चाहिए. इन्हीं सब मुद्दों को लेकर वह 3 दिनों के लिए हड़ताल पर चले गए हैं.
एसोसिएशन की यह भी मांग है कि ड्रग इंस्पेक्टरों के द्वारा निरीक्षण में पारदर्शिता नहीं है और इसके लिए पूरे सिस्टम को पारदर्शी बनाया जाना चाहिए. एसोसिएशन में पारदर्शिता लाने के लिए बिहार सरकार से दिशा-निर्देश जारी करने की भी मांग की है.
केमिस्ट और ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अगर हड़ताल के दौरान कोई दुकानदार चोरी-छिपे दवा बेचते पकड़ा गया तो उसपर जुर्माना लगाया जाएगा. वहीं संघ के सचिव जितेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि जिले में लगभग दो हजार दवा की दुकानें हैं. इनके अनुरूप फार्मासिस्ट की संख्या काफी कम है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार हमलोगों की मांगों पर उचित निर्णय नहीं लेती है तो हमलोग आने वाले दिनों में अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे.
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