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January 22, 2020

ग्रामीणों के नाम पर खाता खुलवाकर योजनाओं की राशि फर्जी तरीक़े से लगातार निकालते रहे बिचौलिए!

दरभंगा: बिचौलिए नाम के प्राणी आज हर सरकारी योजनाओं का लाभ कम पढ़े लिखे और अनपढ़ लोगों को दिलाने के बीच में तो दिख ही जाते हैं। परंतु एक ऐसा मामला भी सामने आया जहां बिचौलिए लाभ दिलाने का अवैध कमीशन नही, बल्कि पूरी राशि लगातार खुद लाभुक के खाते में डलवाते रहे और निकालते रहे।जिले के केवटी थानाक्षेत्र में स्थानीय ग्रामीणों के नाम पर खाता खुलवा कर फर्जी तरीके से सरकारी योजनाओं की करोड़ो की राशि बिचौलियों द्वारा निकासी कर लेने का बड़ा एवं सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां तक कि एक साल पहले मरे हुए व्यक्ति के खाते से भी पैसे की निकासी की गयी है। मामला तब प्रकाश में आया जब जब बुधवार को इस मामले में केवटी थाना में दर्ज कांड संख्या 195/19 में अनुसंधानक द्वारा लापरवाही की शिकायत करने आवेदक एसएसपी कार्यालय पहुँचे। मामले के आवेदक केवटी थानाक्षेत्र के पोस्तापुर शाहपुरडीह निवासी बजरंगी यादव के पुत्र कामोद यादव ने बताया कि वे मेहनत मजदूरी करके भरण पोषण करते हैं। उनके तथा उनके साथ गाँव के कई अनपढ़ मजदूर जयकांत यादव, पूनम देवी, रामबाबू यादव, अनिल यादव, जंगल यादव, मंजू देवी, अखिलेश यादव, पवन यादव, विनोद कुमार यादव, राजकुमार यादव, अवध लाल यादव, राम विनय यादव, सकिन्द्र यादव, केसरी यादव, सुनील यादव, गणेश यादव, अरविंद यादव, कपिल यादव, ललित यादव, नरेश यादव, लालू यादव, मेनका देवी, रानी देवी, द्रौपदी देवी, कमली देवी, सुधीरा देवी, ममता देवी, प्रमिला देवी, इंदु देवी, शिवकुमारी देवी, मुरारी कुमार यादव, तेतरी देवी, निर्मला देवी, रिंकू देवी, विभा देवी, रासो देवी, सुनीता देवी, मंजू देवी, सुनील कुमार यादव, रूबी देवी, राकेश कुमार यादव, कमल कुमार यादव आदि सहित कई लोगों के कागजात एवं कागजातो पर अंगूठा-हस्ताक्षर आदि तीन वर्ष पूर्व गांव के ही छः लोग बैद्यनाथ यादव, मुकेश कुमार यादव, मनीष कुमार यादव, राकेश कुमार यादव, मिथिलेश यादव एवं मणिकांत यादव ने यह कह कर लिया था कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा तथा सभी प्रकार के सरकारी योजनाओं का लाभ उन्हें दिलवाएंगे। परंतु आजतक उन्हें एक पैसा का लाभ नही मिला। इस बीच उन्हें पता चला कि उक्त नामित सभी छः लोगों ने मिलकर उनलोगों के नाम से दरभंगा टॉवर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रबंधक तथा केवटी प्रखंड के सम्बंधित पदाधिकारी के मेल एवं प्रभाव से खाता खुलवाकर उनलोगों के नाम से विभिन्न मदो के लाभार्थी बना कर उक्त खाते में पैसे डलवाते हैं और निकासी भी वही लोग कर लेते हैं। इस तरह फर्जीवाड़ा करके अभियुक्तों ने करोड़ो रूपये का गबन कर लिया है।
आवेदक कामोद यादव ने बताया कि इतना ही नही, लाभार्थियों के नाम का अभियुक्तों ने एटीएम भी निकलवा लिया है। अभियुक्तगण उनलोगों के नाम के खाते एवं एटीएम का उपयोग स्वयं करते हैं।
आवेदक ने बताया कि उन्होंने अपने साथ कुछ अन्य लोगों के नाम के खाते का स्टेटमेंट एवं मजदूरों के नाम की सूची नही थाने को उपलब्ध करवाया था जिससे मामले में गबन का स्पष्ट प्रमाण दिखता है। परंतु अनुसंधानक अभियुक्तों के प्रभाव में अभीतक कोई कारवाई नही कर रहे। अभियुक्तगण खुलेआम कहते घूमते हैं कि उन्होंने पैसे के दम पर सब मैनेज कर लिया है।
आवेदक कामोद यादव ने बुधवार को एसएसपी को दिए आवेदन के साथ एक साक्ष्य भी प्रस्तुत किया है जिसमे मरे हुए व्यक्ति के खाते से भी निकासी की जा रही है। लाभार्थी अवध लाल यादव की मृत्यु 09 सितम्बर 2018 को हो गयी परंतु अभियुक्तों द्वारा 06 नवम्बर 2019 को उनके खाते से राशि की निकासी की गयी है।
आवेदक द्वारा दिये गए साक्ष्यों एवं तथ्यों के आलोक में यदि वास्तविक रूप से निष्पक्ष जांच की जाय तो निश्चित रूप से एक बड़ा घोटाला सामने आ सकता है जिसमे केवल बिचौलिए ही नही, बल्कि सरकारी कर्मी एवं बैंक कर्मियों की गर्दन भी फंस सकती है। अब देखने वाली बात होगी कि इतने बड़े रैकेट में सफेदपोशों के खिलाफ कारवाई भी होती है या रसूखों के सामने जांच के नाम पर लीपापोती ही होती रहती है।

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