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February 10, 2020

सीएसपी संचालक से दस लाख की लूट का पुलिस ने किया उदभेदन, चार गिरफ्तार।

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दरभंगा: बिरौल अनुमंडल के जिला सीमावर्ती कुशेश्वरस्थान थाना क्षेत्र में बढ़ते अपराध पर नकेल कसने की कार्रवाई ने रंग लायी। जिला पुलिस कप्तान की ओर से गठित टीम ने सीएसपी संचालक से नगद लूटकांड का महज 20 दिन में उद्भेदन कर संलिप्त आठ अपराधियों में से लाइनर सहित चार अपराधी को गिरफ्तार कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। साथ ही घटना में प्रयुक्त दो बाइक, दो देसी कट्टे, सात कारतूस, पांच मोबाइल सहित लूटी गई रकम से खरीदी गई बाइक बरामद कर अपराधी गिरोह के गिरेबान तक पहुंच गई है।
उपरोक्त जानकारी एसएसपी बाबू राम ने सोमवार को थाना परिसर में प्रेस वार्ता में अवगत कराया। इस दौरान एसएसपी ने बताया कि 20 जनवरी को पीएनबी के सीएसपी संचालक पंचवटी चौक के हीरा राय से पिस्टल की नोक पर 10 लाख 85 हजार रुपये लूटे गए थे। मामले के खुलासा के लिए एसडीपीओ दिलीप कुमार झा के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम गठित की गई थी। गठित टीम ने घटना में संलिप्त मुख्य सूत्रधार सीएसपी संचालक के कर्मी के भांजा सिंघिया थाना के अग्रौल गांव निवासी वीरेंद्र कुमार यादव एवं उसी गांव के अनुज कुमार यादव सहित बिथान थाना के बेलसंडी गांव के छोटू कुमार यादव एवं कोआ गांव के डिक्सन उर्फ चन्द्रकेतु नारायण यादव को गिरफ्तार किया है। सभी गिरफ्तार अपराधी के बॉडी सर्च के दौरान उक्त सभी सामान बरामद की गई है।
स्वीकारोक्ति बयान में सीएसपी संचालक के कर्मी का भांजा वीरेंद्र ने बताया कि मामा के यहां रहने के दौरान सीएसपी में मोटी रकम की लेनदेन से अवगत होकर मोटी रकम लूटने की योजना बनाई थी। रुपये के अभाव में तीन हजार में अंगूठी बेचकर अपराधियों से संपर्क जोड़कर घटना को अंजाम देने में लग गया। आपराधिक योजना को सबसे पहले अपने ग्रामीण अनुज को बताया। अनुज कुमार यादव ने शराब तस्करी में जेल गए छोटू यादव से घटना को अंजाम देने की बात साझा की। छोटू यादव ने अपने पूर्व परिचित डिसकन यादव को घटना को अंजाम दिन का कार्य सौंपा। इसके बाद डिसकन यादव ने कन्हैया यादव को अपने प्लान में शामिल किया। कन्हैया यादव ने अपने साथी सचिन यादव, सुनील यादव एवं सुमित पासवान को शामिल कर घटना के तीन दिन पूर्व 17 जनवरी से सी एस पी संचालक का रेकी शुरू कर दिया। लेकिन, 18 व 19 जनवरी को सीएसपी संचालक के नहीं आने के कारण योजना विफल हो गईं। इसके बाद 20 जनवरी को घटना को अंजाम देने के लिए सती घाट में गिरोह के सभी सदस्य जमा होकर लूट की योजना बनायी।

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