दरभंगा : 7 प्रखंडों की 9 पंचायतें बन सकती हैं नगर पंचायत।
दरभंगा: जिला प्रशासन ने नगर विकास एवं आवास विभाग को भेजा प्रस्ताव, 12 हजार की आबादी वाली व अल्पकालीन काश्तकारी की 50% से कम जनसंख्या वाली पंचायतों का चयन
12 हजार से अधिक की आबादी वाले व अल्पकालीन काश्तकारी की 50 प्रतिशत से कम जनसंख्या वाली 9 पंचायतों को नगर पंचायत का दर्जा नए वर्ष में मिल सकता है। जिसके लिए जिला प्रशासन की ओर से नगर विकास एवं आवास विभाग को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। यदि जिला प्रशासन के प्रस्ताव को नगर विकास एवं आवास विभाग अपनी स्वीकृति दे देती है तो बहेड़ी, बिरौल, कुशेश्वरस्थान पूर्वी, घनश्यामपुर, हायाघाट, जाले व सिंहवाड़ा की चिह्नित पंचायतों को नए वर्ष में नगर पंचायत का दर्जा मिलेगा।
इससे यहां के लोगों को शहर की तरह ही सभी सुविधाओं व योजनाओं का लाभ मिलेगा। वहीं आगामी मार्च व मई के बीच होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर तैयारी कर रहे वर्तमान जन प्रतिनिधियों व चुनाव लड़ने की मूड बना रहे लोगों को भी इन प्रस्तावित नगर पंचायत के चुनाव में पहले से अधिक मेहनत करनी पड़ेगी।
पंचायत से नगर पंचायत बनने वाली पंचायतों को शहर जैसी सुविधा मिलेगी। नागरिक सुविधा व विकास निधि में दोगुनी वृद्धि होगी। पंचायत में जल निकासी के लिए नाला, हर जगह पक्की सड़क, स्ट्रीट लाइट, नल का जल, गांवों की गलियों में सफाई व कचड़ा उठाव जैसी सुविधा मिलने लगेगी।
जिला प्रशासन की ओर से बहेड़ी, बिरौल के अफजला, कुशेश्वरस्थान पूर्वी के रामपुर रेहुटा, घनश्यामपुर के पाली, हायाघाट के सिरनियां, जाले के अहियारी, कमतौल, जाले व सिंहवाड़ा प्रखंड के भरवारा व सिंहवाड़ा को नगर पंचायत बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है।
नगर पंचायत के लिए सात सदस्यीय टीम के अध्यक्ष डीएम हैं। उसके बाद एडीएम, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी व जिला पंचायती राज पदाधिकारी हैं। जबकि डीएम की ओर से दो नामित सदस्यों में सदर व बिरौल के डीसीएलआर को शामिल किया गया है।
बिरौल को नगर परिषद बनाने की मांग को लेकर यहां के लोग वर्ष 2012 से लेकर अब तक प्रयासरत हैं किंतु सभी मूलभूत सुविधाओं के बावजूद बिरौल नगर परिषद नहीं बन सका। विवाद के कारण यह लंबित है।
30 अप्रैल तक बीएलओ पर्ची वितरण का कार्य शतप्रतिशत करें पूरा: डीएम।
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