अंग्रेज शासनकाल के ईस्ट इंडिया कम्पनी की तर्ज पर रिलायंस इंडिया कम्पनी के हाथों देश को बेचने की तैयारी: चेतन आनंद।
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दरभंगा: आनंद मोहन के पुत्र सह शिवहर के राजद विधायक चेतन आनंद शुक्रवार को यात्रा के दौरान दरभंगा पहुँचे। इस दौरान उन्होंने दरभंगा परिसदन में प्रेसवार्ता का आयोजन किया।
मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज पूरे देश मे जो हो रहा है, सब देख रहे हैं। किसान सड़क पर हैं। पर किसान की चिंता सरकार को नही है। उन्हें बस अम्बानी अडानी की चिंता है।
उन्होंने कहा कि हम लोग बचपन में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के बारे में पढ़ा करते करते थे। अंग्रेज किसानों से करवाया करते थे। उसी तर्ज पर आज किसानों के साथ किया जा रहा है। देश के प्रमुख संस्थानों को बेचा जा रहा है। बीएसएनल को खत्म करके जियो को बढ़ावा दिया जा रहा है। राफेल के मामले में भी पुरानी कम्पनी एचएएल की जगह रिलायंस को काम दे दिया गया। रेलवे और एयरपोर्ट को भी बेचा जा रहा है। अब तो किसानों की खेती को भी कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के जरिये अम्बानी अडानी के हाथों बेचा जा रहा है। अंग्रेजों के समय जिस प्रकार ईस्ट इंडिया कम्पनी के हाथों में देश था, उसी प्रकार रिलायंस इंडिया कम्पनी के हाथों देश को बेचने की तैयारी चल रही है।
श्री आनन्द ने कहा कि वे पूरे बिहार में घूम रहे हैं और लोगों से मिलकर स्थिति को बता रहे हैं। जनता भी देख रही है। बिहार में जनता ने उन्हें सबक सिखा दिया था। पर धांधली कर किसी प्रकार से सरकार बना ली गयी।
रोजगार के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले 19 लाख कहा और बस 20 लाख रोजगार की बात कर रही है। पर नये छोड़िये, जो पुराने बन्द पड़े चीनी मिल, पेपर मिल आदि हैं, उन्हें चालू करने की दिशा में भी किसी प्रकार का कार्य नही दिख रहा है। फिर रोजगार सरकार देगी कहाँ से!
दरभंगा एयरपोर्ट के मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि दरभंगा महाराज का दिया हुआ यह एयरपोर्ट है। अंग्रेज भी इस एयरपोर्ट की तारीफ किया करते थे। अतः दरभंगा महाराज के नाम पर इसका नामांकरण होना चाहिए। साथ ही एयरपोर्ट की कुव्यवस्था पर उन्होने कहा कि ये कैसा एयरपोर्ट है, जहां सुविधाएं ही नही है। लगता है यहां रनवे पर प्लेन नही, बुलडोजर चलता है। किसी तरह से चालू कर देना,यह उचित नही है।
दरभंगा में एम्स की चर्चा पर उन्होंने कहा कि सुविधाएं बढ़ना अच्छी बात है। पर केवल नाम केलिए नही, बल्कि वास्तव में काम होना चाहिए। ऐसा न हो कि एम्स का हाल भी एयरपोर्ट जैसा हो जाय।
अपने पिता आनन्द मोहन की रिहाई के सम्बंध में सवाल पूछने पर उन्होंने कहा कि आज की राजनीति में सत्ता पाते ही लोग बदले की भावना से काम करने लगते हैं। इसी का परिणाम है कि उन्हें पैरोल तक नही मिला। जब हमारी दादी माँ बहुत बीमार थी तब हमने पैरोल केलिए अप्लाई किया था, जो हमारा अधिकार है। पर फिर भी नही मिला। इसके पीछे कारण यही कि कुछ लोगों को जनता का प्यार देखकर चिंता है कि यदि आनन्द मोहन बाहर आ गये तो क्या होगा!
प्रेस वार्ता के दौरान राजद नेता बिमलेश यादव, फ्रेंड्स ऑफ आनन्द के संतोष सिंह, चंदन सिंह आदि भी मौजूद थे।
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