कमजोर वर्ग से जुड़े मामलों की नियमित समीक्षा और न्याय सुनिश्चित कराना सरकार की प्राथमिकता।
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दरभंगा: समाहरणालय परिसर अवस्थित अंबेडकर सभागार में शुक्रवार को बिहार के कमजोर वर्ग के अपर पुलिस महानिदेशक (ADG) अनिल किशोर यादव ने मुख्यालय में प्रमंडल के पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में मिथिला क्षेत्र के आईजी, तीनों जिलों के एसपी, एसडीपीओ, थानाध्यक्ष सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी शामिल हुए।
बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक ने कमजोर वर्ग से जुड़े मामलों की समीक्षा करते हुए पुलिस पदाधिकारियों, अनुसंधानकर्ताओं को आवश्यक निर्देश दिया। एडीजी ने बताया कि सरकार और पुलिस मुख्यालय की यह प्राथमिकता है कि कमजोर वर्ग के लोगों से जुड़े मामलों की नियमित समीक्षा हो और उन्हें न्याय सुनिश्चित हो।उन्होंने बताया कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 के अनुसार सात साल से कम सजा वाले मामले में अभियुक्तों को जमानत देने का प्रावधान किया गया है। इसके संबध में पूर्व में ही एक आदेश पुलिस महानिदेशक द्वारा जारी किया गया है। अभियुक्तों को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 के तहत किन परिस्थितियों में जमानत देनी है या नहीं देनी है इसके संबध में पुलिस पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश दिया गया। एडीजी ने बताया कि किसी भी कानून में निर्दोषों के खिलाफ गिरफ्तारी, कार्रवाई का कोई प्रावधान नहीं है। इसकी जिम्मेदारी अनुसंधानकर्ताओं की है कि वे अपनी जांच की गुणवत्ता को बेहतर रखें, ताकि निर्दोष पर कोई कार्रवाई नहीं हो।
एडीजी ने खासकर अनुसंधानकर्ताओं को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कहा कि कमजोर वर्ग से जुड़े मामलों का सही तरीके से अनुसंधान करें। पास्को, एससीएसटी, दुष्कर्म के मामले में गलत अनुसंधान न हो ताकि अभियुक्तों को इसका लाभ मिल सके। प्रमंडल स्तरीय बैठक में एडीजी ने कमजोर वर्ग से जुड़े सभी मामलों की समीक्षा करते हुए जल्द निष्पादन का भी निर्देश दिया।
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