Home Featured मिथिला ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर सकारात्मक विचारवान नेता के रूप में थी ललित बाबू की पहचान: कुलपति।
January 3, 2022

मिथिला ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर सकारात्मक विचारवान नेता के रूप में थी ललित बाबू की पहचान: कुलपति।

दरभंगा: स्व0 ललित नारायण मिश्र ना केवल मिथिला और बिहार के जन नेता थे बल्कि उनकी पहचान एक राष्ट्रीय सकारात्मक विचारवान नेता की थी और उन्होंने अपनी अंतिम सांस तक राष्ट्र की सेवा की।

उपरोक्त बातें सोमवार को ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के कुलपति प्रो0 एसपी सिंह ने कही। प्रो0 सिंह मिथिला विश्वविद्यालय परिसर में ललित बाबू की शहादत दिवस के अवसर पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि के बाद एकत्रित समूह को संबोधित कर रहे थे।

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उन्होंने कहा कि मिथिला विश्वविद्यालय की स्थापना में उनका जो योगदान रहा है और इस क्षेत्र के विकास में जो उनकी भूमिका रही है वह सर्वविदित एवं सर्वमान्य है। ललित बाबू को सच्ची श्रद्धांजलि यह होगी कि उनके सपनों को साकार करने के लिए हम सबों को अपने अपने दायित्व का बोध होना चाहिए और अपनी भूमिका का निर्वहन करना चाहिए।

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सिंडिकेट सदस्य डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि ललित बाबू राष्ट्र के प्रणेता थे लेकिन मिथिला वासियों के दिलों की धड़कन थे। अभी भी उनके समय के बहुत से काम अधूरे हैं उसे हम सबको मिलकर पूरा करना होगा।

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इस अवसर पर कुलसचिव प्रो मुस्ताक अहमद ने कहा कि ललित बाबू समाज के सर्वमान्य एवं जननेता थे और उनकी सोच थी कि मिथिला का पूर्ण विकास उसी वक्त संभव होगा जब इस क्षेत्र के सभी धर्म और जाति के लोग अपने क्षेत्र के विकास के लिए लामबंद होंगे। प्रो0 अहमद ने कहा कि ललित बाबू की जीवन का एकमात्र दर्शन था कि ‘हयात ले के चलो कायनात ले के चलो ,चलो तो सारे जमाने को साथ ले के चलो। लेकिन अफसोस है कि ललित बाबू के बाद उनके विचारों पर अमल नहीं किया गया।

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इस अवसर पर दूरस्थ शिक्षा निदेशक डॉ. अशोक कुमार मेहता, निदेशक केंद्रीय पुस्तकालय डॉ. दमन कुमार झा, विश्वविद्यालय के खेल पदाधिकारी प्रो. अजय नाथ झा, परीक्षा नियंत्रक डॉ. आनंद मोहन मिश्र, कुलसचिव द्वितीय डॉ. दिव्या रानी हंसदा, उप कुलसचिव प्रथम डॉ. कामेश्वर पासवान ,पेंशन पदाधिकारी डॉ. सुरेश पासवान ,भू-संपदा एवं छात्र कल्याण पदाधिकारी डॉ. विजय कुमार यादव , लोक सूचना पदाधिकारी डॉ. एन के अग्रवाल, एनएसएस समन्वयक डॉ. विनोद बैठा एवं डॉ. ए के गुप्ता ,विधि पदाधिकारी डॉ. सोनी सिंह, अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. ए के बच्चन, मैथिली विभागाध्यक्ष प्रो. रमेश झा, इतिहास विभागाध्यक्ष प्रो. नैयर आजम सहित सिंडिकेट एवं सीनेट सदस्यों के अतिरिक्त विभिन्न संकाय अध्यक्ष एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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