Home Featured कुलपति की अध्यक्षता में आयोजित हुई मिथिला विश्वविद्यालय के सिंडिकेट की बैठक।
January 4, 2022

कुलपति की अध्यक्षता में आयोजित हुई मिथिला विश्वविद्यालय के सिंडिकेट की बैठक।

दरभंगा: मंगलवार को ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के सिंडिकेट की बैठक नरगौना स्थित कुलपति के आवासीय कार्यालय के सभाकक्ष में कुलपति प्रो० सुरेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में हुई। सर्वप्रथम कुलसचिव प्रो० मुश्ताक अहमद ने अध्यक्ष के अनुमति से बैठक की गणपूर्ति पूरा होने की सूचना देते हुए सभी आगत सदस्यों का स्वागत करते हुए नववर्ष की शुभकामना दी और बैठक में सीनेट में प्रस्तुत किये जाने वाले बजट, प्रश्नोत्तर एवं सम्पूर्ण कार्यसूची के प्रस्तावकों के नाम हेतु बैठक की आवश्यकता को रेखांकित किया।

गत बैठक की कार्यवृत्त के संपुष्टि पर प्रो० प्रेम मोहन मिश्रा ने कहा कि गत बैठक के कुछ मदों पर जिनमें उनकी असहमति थी उनमें अंकित शब्द सर्वसम्मति के स्थान पर शब्द बहुमत अंकित किया जाये। इस क्रम में प्रो० मिश्रा ने गत बैठक के मद संख्या 1, 2, 4, 13, 14, 15, 19, 21, 22 एवं 31 का ज़िक्र किया।उक्त संसोधनों के साथ कार्यवृत्त को अनुमोदित किया गया।

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सम्पूर्ण कार्यसूची के प्रस्तावकों के नाम तय करने एवं प्रश्नोत्तर पर विचार हेतु समिति गठित करने के लिए कुलपति को अधिकृत किया गया।

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भवन समिति की बैठक दिनांक 16.12.2021 द्वारा पारित प्रस्ताव पर विचार के क्रम में कुलसचिव द्वारा विश्वविद्यालय के पास स्नातकोत्तर शिक्षण हेतु वर्ग कक्ष की कमी से उत्पन्न समस्याओं पर सदन का ध्यान आकृष्ट किया और भवन निर्माण समिति के प्रस्तावों को इस प्रसंग में विचारणीय करार देते हुए आवश्यक प्रस्तावित निर्माण को रेखांकित किया। प्रो० राजेन्द्र सह ने भी वर्ग कक्षा की कमी छात्रों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि तथा छात्राओं के लिए अलग शौचालय एवं मनोरंजन कक्ष की आवश्यकता दर्शायी।

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विचारोपरांत निर्णय हुआ कि भवन समिति के प्रस्तावों पर अगली बैठक में विस्तृत चर्चा कर आवश्यक निर्णय लिये जायेंगे।

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डॉ0 बैधनाथ चौधरी ने विश्वविद्यालय के 50वीं स्थापना दिवस एवं स्व० ललित बाबू के 100वें जयंतीवर्ष के अवसर पर संसद एवं विधान मंडल के सदन में उपस्थित वर्तमान एवं भूतपूर्व सदस्यों से अनुरोध किया कि वे इस अवसर पर केंद्र/राज्य सरकार से विश्वविद्यालय को विशेष अनुदान दिलाने में सहयोग दें।

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प्रो० अजयनाथ झा ने नैक केलिये प्रस्तावित बजट में शीर्ष दर्शाने एवं राशि का प्रावधान करने का प्रस्ताव दिया।

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वहीं मीना झा ने ललित कला संकाय के भवन की जर्जरता का जिक्र किया। कुलपति द्वारा सूचित किया गया कि यह भवन समिति के प्रस्ताव में शामिल है। न्यायालय के आदेश के अनुसार सम्प्रति भवन पर विश्वविद्यालय का अधिकार नही है किंतु यह विश्वविद्यालय के पोसेशन में है।भवन के संपर्क सड़क का भी निर्माण शामिल है। आवश्यकता देखते हुए भवन की रंगाई पोताई भी विश्वविद्यालय द्वारा कराई जा सकती है।

कुलपति प्रो0 सिंह ने कहा कि सभी स्नातकोत्तर विभागों में छात्राओं की संख्या को देखते हुए कम से कम एक वरिष्ठ महिला शिक्षिका का पदस्थापन सभी स्नातकोत्तर विभागों में होनी चाहिए। प्रो0 सिंह ने ये भी कहा की संस्कृत विश्वविद्यालय एवं मिथिला विश्वविद्यालय के सीमा पर एक सड़क यदि संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा बंद कर दी जाती है तो दोनों विश्वविद्यालयों की परिसर की सुरक्षा और अधिक मजबूत हो जाएगी।

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अध्यक्ष छात्र कल्याण ने सूचित किया कि संगीत एवं नाट्य विभाग को हराही पश्चिम भाग में आवंटित परिसर को खाली करवाने संबंधी प्रस्ताव गत बैठक में उठाया गया था किंतु कार्यवृत्त में अंकित नही हो सका।

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कुलपति ने नियमन दिया कि पहले सूचना एवं प्रसारण विभाग को भवन बंद रहने के कारण हो रही जर्जरता को दर्शाते हुए पत्राचार करने के लिये भूसंपदा पदाधिकारी को निदेशित किया जाता है। पत्राचार के बाद अभिषद में प्रस्ताव रखा जाय।

मीना झा ने डॉ0 कन्हैया चौधरी के वेतन भुगतान पूर्व की भाँति करने का प्रस्ताव दिया। डॉ0 अमर कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय परिनियम से चलते है। कुलसचिव अथवा किसी कर्मी का वेतन या तो कुलपति अथवा कुलाधिपति के आदेश से रोकी जा सकती है ना कि राज्य सरकार द्वारा।

इसी क्रम में डॉ0 बैधनाथ चौधरी ने कहा की विश्वविद्यालय के स्वायत्तता में हस्तक्षेप उचित नही है। राज्य सरकार को मात्र वित्तीय मामले में अधिकार प्राप्त है।

सदन में यह भी निर्णय हुआ कि गत बैठक के अन्ययान्य मद संख्या 13 को अगली बैठक में पुनः लाया जाये।

सांसद डॉ0 गोपालजी ठाकुर ने WIT में शिक्षण शुल्क कम करने, स्थायी निदेशक की नियुक्ति करने, सत्र को नियमित करने, बेनीपुर अनुमंडल कॉलेज में शिक्षकों एवं कर्मियों का पदस्थापन शीघ्र करने, C. M. Law college की सम्बद्धता बहाल करने, J.K.College Biroul एवं MRM College Darbhanga में चारवर्षीय B.Ed.Integrated Course शुरू करने , विश्वविद्यालय में M.Ed. की पढ़ाई शुरू करने, महाविद्यालयों में पुस्तकाध्यक्षों की नियुक्ति करने तथा भारत सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना “खेलो इंडिया” के तहत इंडोर स्टेडियम हेतु स्थल चिन्हित कर निर्माण की दिशा में पहल करने का लिखित प्रस्ताव रखा।

अस्वस्थता के कारण अनुपस्थित रहे सदस्य प्रो0 विनोद कुमार चौधरी ने लिखित रूप में चार प्रस्ताव सदन के समक्ष रखने हेतु प्रेषित किया जिसपर चर्चा भी हुई। अध्यक्ष एवं सचिव द्वारा बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया।

लक्ष्मेश्वर राय ने प्रस्ताव रखा कि विश्वविद्यालय में शिक्षण कार्य ही नही बल्कि उपलब्ध संसाधनों के आवश्यकता, गुणवत्ता, व्यवस्था एवं आर्थिक परिस्थिति पर सम्पूर्ण रूप से सदन में चर्चा किया जाये।

कुलसचिव द्वारा प्रो० प्रेम मोहन मिश्रा को सूचित किया गया कि जिन 11 कर्मियों का मामला उन्होंने उठाया है, उसमें तथ्य क्या हैं।

अंत में कुलसचिव प्रो0 मुश्ताक अहमद द्वारा सभी सदस्यों को उनके बहुमूल्य विचारों एवं दिशा निर्देशों के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके विचार विश्वविद्यालय के लिए निश्चय ही उपयोगी सिद्ध होंगे। पुनः नववर्ष में आयोजित पहले बैठक में उनकी सहभागिता एवं सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए अध्यक्ष की अनुमति से बैठक समाप्त होने की घोषणा की।

बैठक में कुलपति प्रो0 सिंह, प्रति कुलपति प्रो0 डॉली सिन्हा, सांसद डॉ0 गोपालजी ठाकुर, कुलानुशासक प्रो0 अजयनाथ झा, अध्यक्ष छात्र कल्याण प्रो0 विजय कुमार यादव, लक्षमेश्वर राय, डॉ0 फ़ैयाज़ अहमद, डॉ0 इम्बेसात शौकत, मीना झा, डॉ0 अमर कुमार, प्रो0 हरिश्चंद्र झा, प्रो0 राजेन्द्र साह, डॉ0 जयशंकर प्रसाद, डॉ0 आनंद मोहन झा, सुजीत कुमार पासवान, प्रो0 धनेश्वर प्रसाद सिंह, प्रो0 प्रेम मोहन मिश्र, प्रो0 अशोक मेहता, प्रो0 दिलीप कुमार चौधरी, डॉ0 बैधनाथ चौधरी ‘ बैजू’ एवं विशेष आमंत्रित के रूप में वित्तीय परामर्शी कैलाश राम उपस्थित थे।

कुलसचिव प्रो0 मुश्ताक अहमद ने सचिव के रूप में सदन की कार्यवाही को संपादित किया।

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