आईएमए द्वारा आयोजित कार्यक्रम में चिकित्सकों ने तम्बाकू सेवन के दुष्प्रभावों से कराया अवगत।
दरभंगा: विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर मंगलवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की दरभंगा शाखा द्वारा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन दरभंगा मेडिकल कालेज के आडिटोरियम में किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित डीएमसीएच के औषधि विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डा. एके गुप्ता ने कहा कि धूम्रपान करने की आदत पड़ जाने के बाद इसे छोड़ना या कम करना लोगों के लिए काफी कठिन होता है। ऐसे लोगों को लत छोड़ने के लिए दृढ़ संकल्पित होने की जरूरत है। कहा कि भारत में 120 मिलियन व्यक्ति किसी न किसी रूप से तंबाकू का सेवन करते हैं। पूरे विश्व का 12 प्रतिशत लोग सिर्फ भारत में ही हैं, जो काफी चिंता का विषय है। उन्होने कहा कि भारत में खैनी जर्दा और गुटका खाने वालों की संख्या सर्वाधिक है। भारत में ओरल कैंसर के 30 प्रतिशत से अधिक मरीज हैं। भारत में तंबाकू सेवन के कारण मरने वालों की संख्या 10 मिलियन प्रति वर्ष है, जो चिताजनक है। वहीं सिगरेट, बीड़ी, गुटखा, जर्दा, खैनी इस्तेमाल करने से मुंह का कैंसर, फेफड़े का कैंसर, हृदयाघात, लकवा, सांस की तकलीफ, दम्मा और अन्य खतरनाक एवं जानलेवा बीमारियों की संभावनाएं बनी रहतीं हैं। हैं।
इससे निदान के विषय मे उन्होने कहा कि योगाभ्यास धूम्रपान से मुक्ति दिलाने में काफी असरदार है। नियमित अनुशासित जीवन शैली, प्राणायम, मेडिटेशन का सहयोग लेकर भी लोग धूम्रपान से होने वाले रोगों से अपनी रक्षा कर सकते हैं। उन्होंने इससे मुक्ति के लिए चिकित्सकों की सहायता लेने का भी आह्वान किया।
इस मौके पर आईएमए के अध्यक्ष डॉ सुशील कुमार, सचिव डॉ आमोद झा, कार्यक्रम संयोजक डॉ भरत प्रसाद, डॉ ओम प्रकाश सहित कई चिकित्सक एवं आम लोग मौजूद थे।
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