Home Featured तालाब निर्माण और प्रबंधन में मिथिला के पारम्परिक ज्ञान का महत्व विषय पर संवाद का आयोजन।
June 5, 2022

तालाब निर्माण और प्रबंधन में मिथिला के पारम्परिक ज्ञान का महत्व विषय पर संवाद का आयोजन।

दरभंगा: विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में तालाब निर्माण और प्रबंधन में मिथिला के पारम्परिक ज्ञान का महत्व विषय पर एक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महाराजाधिराज लक्ष्मेश्वर सिंह संग्रहालय परिसर में आयोजित इस संवाद का आयोजन तालाब बचाओ अभियान इंटैक, सामाजिक संस्था क्रिया और महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय के संयुक्त तत्त्वावधान में किया गया।

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित दरभंगा के जिलाधिकारी राजीव रौशन ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि मानव जीवन के लिए पर्यावरण संरक्षण जरूरी है। पर्यावरण संरक्षण कैसे किया जाए। आज के समय में इस विषय पर विचार करने की जरूरत है। पर्यावरण संरक्षण के लिए तालाब एक महत्वपूर्ण बिदु है। मिथिला तालाब की पहचान एवं संस्कृति का केंद्र है। दरभंगा में तालाब काफी संख्या में लुप्त हो रहे हैं। लोगों के द्वारा तालाबों का अतिक्रमण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस पर प्रशासन कार्रवाई कर रहा है, लेकिन लोगों को इस पर विचार करना होगा। पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए, स्कूल के बच्चों को इसमें जोड़ा जाए।

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सामाजिक कार्यकर्ता अधिवक्ता अजित कुमार मिश्रा ने इस दौरान तालाब के सुरक्षा,संरक्षण व संवर्धन को लेकर सर्वोच्च न्यायालय, पटना उच्च न्यायालय एवं सरकार की ओर जारी दिशानिर्देश को लेकर पक्ष प्रस्तुत किया।

संवाद कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रेम मोहन मिश्र व धन्यवाद ज्ञापन शिवकुमार मिश्रा ने किया। वहीं इस मौके पर पर्यावरणविद प्रो विद्यानाथ झा, नारायण जी चौधरी, शास्वत मिश्र, प्रो0 जयशंकर झा, उदय शंकर चौधरी, आत्मा के निदेशक पुर्नेदु झा, अनिल झा, धनंजय कुमार, ललित कुमार झा, आरबी ठाकुर, विनोद यादव, ई0 मिथिलेश चौधरी, अजीत कुमार भूप, इंदिरा कुमारी, सतीश चन्द्र पाण्डे, तरूण मिश्र, मनोज पासवान, अभिषेक कुमार झा सहित कई अन्य लोग मौजूद थे।

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